कौशांबी में कम्बोडिया सरकार ने बनाया भव्य बौद्ध मंदिर, बनने में लगे 10 साल
गौतम बुद्ध के अनुयायी कम्बोडिया के डिप्टी चीफ ऑफ कंबोडियन और कम्बोडिया के धर्मगुरू द्वितीय संघ नायक फैकिम चौंग ने कम्बोडियाई मंदिर का उद्घाटन किया।
इलाहाबाद। संगम नगरी इलाहाबाद मण्डल के कौशांबी जिले ने एक ऐसी उपलब्धि हासिल की है जिस पर न सिर्फ देश नाज करेगा बल्कि पूरे विश्व की नजर अब हिंदुस्तान के इस छोटे से जिले पर होगी। कम्बोडिया सरकार द्वारा शांति दूत भगवान गौतम बुद्ध की तपोस्थली कौशांबी में 10 साल से बनवाये जा रहे बुद्ध मंदिर का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है और इस मंदिर का बौद्ध संस्कृति के अनुसार उद्घाटन हुआ । गौतम बुद्ध के अनुयायी कम्बोडिया के डिप्टी चीफ ऑफ कंबोडियन व कम्बोडिया के धर्मगुरू द्वितीय संघ नायक फैकिम चौंग ने कम्बोडियाई मंदिर का उद्घाटन किया। ये भी पढ़ें: मंदिर में भीख मांगने आईं महिलाओं को मनचलों ने दी मौत! गांव में लगाया था कैंप, सुबह मिला जला हुआ शव
भारत में आए बिना तीर्थयात्रा है अधूरी
गौरतलब है कि इतिहास में कौशांबी का नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखा है। जिसकी एक वजह यह भी है कि कौशांबी के कोसम ईनाम में भगवान गौतम बुद्ध ने चर्तुमाषा किया था। गौतम बुद्ध ने घोषित राम विहार में रहकर तप करने के साथ शांति और अंहिसा का उपदेश दिया था। गौतम बुद्ध की इस तपोस्थली को दुनिया में सर्वश्रेष्ठ स्थान मिला है। बुद्ध के अनुयायी जब तक यहां नहीं आते हैं, उनकी तीर्थयात्रा अधूरी मानी जाती है। यही कारण है कि कम्बोडिया समेत पूरे विश्व से बौद्ध धर्म अनुयाई के लोग हर साल बड़ी संख्या में आते हैं।
दस साल से बन रहा था ये 'Budh Temple'
ऐतिहासिक स्थल होने के बावजूद भी कौशांबी में गौतम बुद्ध का यहां कोई मंदिर नहीं था। अनुयायी यहां बने स्तूप आदि का दर्शन किया करते थे। लेकिन कम्बोडिया की सरकार ने यहां बुद्ध के भव्य मंदिर का निर्माण शुरू करवाया। लगभग दस साल पहले करोड़ों की लागत से बनना शुरू हुये इस विशेष मंदिर का निर्माण अब जाकर पूरा हुआ है।
उद्घाटन पर जुटी लोगों की भारी भीड़
बता दें कि अपने आप विशिष्ट इस मंदिर की छटा बेहद ही आकर्षित करने वाली है। इस बुद्ध मंदिर का उद्घाटन सुबह साढ़े सात बजे कम्बोडिया राज्यसभा के काउंसलर और डिप्टी चीफ ऑफ कंबोडियन मिशन फैकिम चौंग ने किया। उनके साथ कम्बोडिया के धर्मगुरू और द्वितीय संघ नायक डॉ. ऐम लिन हिंग भी थे। मंदिर के उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल होने के लिए कोसम इनाम सहित आसपास के गांवों में रहने वाले लोगों की भारी भीड़ उमड़ी। सुरक्षा में कौशांबी, सरायअकिल, करारी, पूरामुफ्ती की फोर्स और स्कॉट के जवान लगे रहे। कार्यक्रम समाप्ति के बाद शाम को रवानगी के वक्त प्रोटोकाल के मुताबिक स्कॉट टीम सुरक्षा में लगी रही।
108 भिक्षुओं को दिलाई दीक्षा
डिप्टी चीफ और धर्मगुरू ने 108 भिक्षुओं को पूजा-पाठ कराने के बाद भव्य मंदिर के भीतर बौद्ध संस्कृति के अनुसार दीक्षा दिलाई। करीब 11 बजे से शुरू हुई इनकी दीक्षा दोपहर दो बजे तक चली। दीक्षा ग्रहण के बाद सभी लोग बाहर निकले और कौशांबी तपोस्थली का भ्रमण किया। मंदिर की देखरेख कर रहे हरियाणा के श्रीतारा मौर ने बताया कि मंदिर का सुंदरीकरण भी कम्बोडिया की सरकार करायेगी।
कौशांबी की आर्थिक स्थिति में होगा सुधार
बुद्ध मंदिर देखने के लिये अब विदेशी पर्यटकों का आना बढ़ेगा। इससे न सिर्फ पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। बल्कि कौशांबी की आर्थिक स्थिति में सुधार के लिये भी यह काफी बेहतर होगा। फिलहाल राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन की ओर से भी सही और मुकम्मल पहल हो तो पिछड़ा कहा जाने वाला यह इलाका तेजी से विकास की रफ्तार पर बढ़ने लगेगा। ये भी पढ़ें: देश के सबसे अमीर मंदिर में आग लगने से मचा हड़कंप