योगी ने पूरा किया मोदी का वादा, बेरोजगार युवाओं के लिए बड़ी खुशखबरी
भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान अपने संकल्प पत्र में इस बात का वादा किया था कि वह इंटरव्यू खत्म करेंगे।
इलाहाबाद। विधान सभा के दौरान भाजपा के संकल्प पत्र में समूह 'ग' और 'घ' की नौकरियों से साक्षात्कार खत्म करने का वादा किया गया था। उसे अब योगी सरकार पूरा कर रही है। सरकार बनने के 100 दिन की उपलब्धि में यह योजना भी शामिल हो गई है। अब समूह 'ग' और 'घ' की नई भर्ती में इंटरव्यू की बाध्यता खत्म रहेगी। यानी उत्तर प्रदेश में अब समूह 'ग' और 'घ' की नौकरियों से साक्षात्कार नहीं होगा। बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नियुक्ति और कार्मिक विभाग के प्रस्ताव पर सहमति जता दी है। इसकी नियमावली भी तैयार कर ली गई है। सरकार की ओर से हरी झंड़ी मिलते ही प्रस्ताव कैबिनेट के समक्ष भेजा गया है। जहां अब मंजूरी की औपचारिकता पूरी की जायेगी।
इसलिए खत्म किया जा रहा है इंटरव्यू
समूह 'ग' और 'घ' की नौकरियों से साक्षात्कार खत्म करने की वजह भ्रष्टाचार है। पूर्ववर्ती सपा सरकार में समूह 'ग' और 'घ' की भर्तियों में भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे और जमकर हंगामा हुआ था। साक्षात्कार में ही जमकर खेल हो रहा था। जिसमें सिफारिश और पक्षपात आम बात हो गई थी। अभ्यार्थियों का आरोप रहता था कि यहां से मिलने वाले नंबर चहेतों को मेरिट को अंदर लाने में कारगर साबित हो रहे थे। साथ ही मेधावियों के साथ खिलवाड़ हो रहा था। ऐसे में समूह 'ग' और 'घ' की नौकरियों से साक्षात्कार खत्म होने से एक तरीके से आखिरी दौर में हो रहा भ्रष्टाचार बंद हो जाएगा। इससे दक्षता बढ़ेगी और योग्य अभ्यर्थी को मौका मिलेगा।
विधानसभा चुनाव के दौरान किया था वादा
दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2016 में स्वतंत्रता दिवस पर समूह 'ग' और 'घ' की नौकरियों से साक्षात्कार खत्म करने का एलान किया था। इसके बाद जब भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान अपने संकल्प पत्र में इस बात का वादा किया था कि वह इंटरव्यू खत्म करेंगे। संकल्प पत्र में कहा गया था कि पारदर्शी और निष्पक्ष भर्ती के लिए समूह 'ग' और 'घ' की नौकरियों में आरक्षण का सम्मान करते हुए बिना जाति और धर्म के पक्षपात के भर्ती प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए साक्षात्कार को समाप्त किया जाएगा। बाद में जब सूबे में भाजपा की प्रचंड बहुमत से सरकार बनी तो शपथ ग्रहण के बाद मुख्यमंत्री योगी ने सौ दिनों के भीतर इस को लागू करने का निर्देश दिया। इसलिए सारी औपचारिकता पूरी कर नियमावली तैयार कर ली गई है। जिसे नई भर्ती के साथ लागू किया जाएगा।