कुलभूषण जाधव को वापस लाना मोदी सरकार की जिम्मेदारी: हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कुलभूषण जाधव में केंद्र सरकार के रवैये पर नाराजगी जताते हुए कहा कि केंद्र सरकार को इस मामले में खामोश नहीं रहना चाहिए। सरकार एक बेगुनाह भारतीय की रिहाई का प्रयास करे।
इलाहाबाद। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने पाकिस्तान में कैद भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव की वापसी के लिए दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि गुनाह कुलभूषण को छुड़ाना केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है। हाईकोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार के रवैये को ठीक नहीं मानते हुए नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि केंद्र सरकार को इस मामले में खामोश नहीं रहना चाहिए। सरकार एक बेगुनाह भारतीय की रिहाई का प्रयास करे। ये भी पढ़ें- जाधव को मिली मौत की सजा और भारत-पाकिस्तान के बीच वार्ता रद्द
बता
दें
कि
पाकिस्तान
की
सैन्य
अदालत
ने
भारतीय
नौसेना
के
पूर्व
अधिकारी
कुलभूषण
जाधव
को
जासूसी
के
आरोप
में
फांसी
की
सजा
सुनाई
है।
जिसके
बाद
से
पुरे
भारत
में
इसका
विरोध
किया
जा
रहा
है।
इस
मामले
में
केंद्र
सरकार
ने
भी
शुरुआती
प्रतिकिया
तो
दी
लेकिन
अभी
तक
कोई
ठोस
कसम
नहीं
उठाए
हैं।
इलाहाबाद
हाईकोर्ट
की
लखनऊ
बेंच
में
दखिल
इस
जनहित
याचिका
की
सुनवाई
जस्टिस
एपी
शाही
और
जस्टिस
संजय
हरकौली
की
बेंच
कर
रही
थी।
ये
भी
पढ़ें-
कुलभूषण
जाधव
को
फांसी
की
सजा
दिए
जाने
पर
जावेद
अख्तर
ने
पाकिस्तान
को
दिलाई
दो
युद्धों
में
मिली
हार
न्यायलय
ने
कुलभूषण
मामले
पर
केंद्र
सरकार
को
निर्देशित
करते
हुए
कहा
कि
सरकार
को
इस
मामले
में
राष्ट्रीय,
अंतर्राष्ट्रीय
कानूनी
डिप्लोमेसी
का
इस्तेमाल
करना
चाहिए।
कोर्ट
ने
कुलभूषण
मामले
में
केंद्र
सरकार
से
साफ
लहजे
में
कहा
कि
वह
सिर्फ
मूकदर्शक
न
बने।
सरकार
अपने
कानूनी
विकल्पों
का
इस्तेमाल
करे
और
निर्दोष
भारतीय
कि
रिहाई
कराये।
इस
मामले
को
लेकर
वकीलों
ने
भी
हाईकोर्ट
में
मंगलवार
को
प्रदर्शन
किया।