यूपी विधानसभा चुनाव 2017: तो मुस्लिम मतदाता तय करेंगे हाथी की चाल?
मायावती ने 97 मुस्लिम उम्मीदवारों को उम्मीदवार बनाया है। इसके अलावा मायावती ने 66 ब्राह्मण और 36 क्षत्रिय उम्मीदवारों को टिकट दिया है।
लखनऊ। बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने उम्मीदवारों की लिस्ट जारी करके अपने चुनावी पत्ते सबसे पहले खोल दिए हैं। मायावती की लिस्ट से स्पष्ट हो गया है कि उन्हें पता चल गया है कि इस बार उन्हें किस पर दांव लगाना है। साल 2012 में मायावती की हार का कारण बने मुसलमानों पर इस बार मायावती ने काफी भरोसा जताया है।
बीएसपी ने 101 उम्मीदवारों के नाम के साथ जारी की चौथी लिस्ट
आपको बता दें कि बसपा ने इस बार मुसलमानों को दिल खोलकर टिकट बांटे हैं। मायावती ने 97 मुस्लिम उम्मीदवारों को उम्मीदवार बनाया है। इसके अलावा मायावती ने 66 ब्राह्मण और 36 क्षत्रिय उम्मीदवारों को टिकट दिया है। वहीं 106 ओबीसी और 87 दलित उम्मीदवारों को भी टिकट दिया है। मायावती को अबकी बार केवल दलित + मुस्लिम समीकरण पर भरोसा है।
सवर्णों
को
भी
तरजीह
लेकिन
ऐसा
नहीं
है
कि
माया
केवल
दलित
+
मुस्लिम
के
आगे
बढ़
रही
हैं,
उन्होंने
अपनी
लिस्ट
में
अगड़ों
को
भी
खुश
किया
है
और
जातिवाद
मुद्दे
पर
लड़े
जाने
वाले
यूपी
चुनाव
में
उन्होंने
सवर्णों
को
भी
तरजीह
दी
है।
खास बातें
- मायावती ने 2007 के विधानसभा चुनावों में 61 मुस्लिम उम्मीदवार उतारे थे जिसमें माया को 46 फीसदी वोट मिला था।
- मायावती ने 2007 में 139 सवर्ण प्रत्याशी मैदान में उतारे थे, इनमें 86 ब्राह्मण, 38 क्षत्रिय और 15 अन्य सवर्ण जातियां थी।
- मायावती ने इस साल अपने दम पर सरकार बनाई थी।
साल 2012 में माया हुई थीं फेल
- माया ने 2012 में 85 मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया था।
- मायावती ने 2012 के चुनावों में 117 सवर्ण उम्मीदवार मैदान में उतारे थे
- जिनमें 74 ब्राह्मण और 33 क्षत्रिय उम्मीदवार थे
- जिसमें 113 ओबीसी और 88 दलित उम्मीदवार उतारे थे।
- लेकिन मुसलमानों का साथ नहीं मिला और मायावती चुनाव हार गई थीं।