PICs: गरीबों के लिए जारी हुआ हंगर कार्ड, 24×7 मिलेगा अनाज
अनाज बैंक ने 3 कार्ड जारी किए हैं जिसके जरिए वो लोगों की मदद कर रहे हैं। खास बात ये है कि 24 घंटे ये सेवा जारी है।
वाराणसी। वाराणसी में विशाल भारत संस्थान द्वारा गरीबों तक अनाज पहुंचाने के लिए एक अच्छी पहल की गई है। संस्थान ने पहले ही अनाज बैंक खोला था तो अब इस योजना का लाभ गरीब परिवारों तक नई योजना से पहुंचाने की शुरुआत की गई है। वरुणानगरम स्थित अनाज बैंक ने स्मार्ट कार्ड और हंगर कार्ड जारी कर 800 से ज्यादा गरीब परिवारों को 24 घंटे मुफ्त अनाज देने की योजना शुरू की है। इस योजना में हर सप्ताह मुफ्त में अनाज वितरित किया जाता है। योजना के विस्तार क्रम में कुपोषित और बुनकरों के परिवारों को भूख से बचाने का उद्देश्य है।
तीन तरीके के दिए जाते हैं कार्ड
अनाज बैंक के प्रबंधक राजीव श्रीवास्तव ने बताया कि समार्ट और हंगर कार्ड के जरिए लोगों तक अनाज पहुंच पाएगा। अनाज बैंक ने 3 कार्ड जारी किए हैं जिसके जरिए वो लोगों की मदद कर रहे हैं। पहला कार्ड है स्मार्ट कार्ड जो कुपोषित परिवारों के लिए खास तौर पर दिया जा रहा है। दूसरा है हंगर फ्री कार्ड जिसके जरिए खास तौर पर बुनकर परिवार को अनाज बैंक मदद करता है। तीसरा कार्ड है अनाज कार्ड जो खास तौर पर उम्रदराज लोगों के लिए है। स्मार्ट कार्ड की वैलिडिटी एक साल है और हंगर फ्री कार्ड की 6 महीने है और परिवार की स्तिथि के अनुसार उसका नवीकरण होता है। जबकि अनाज कार्ड की मान्यता आजीवन है। भंडारन भी लोगों के सहयोग से ही होता है। अनाज बैंक में डिजिटल डाटा रखा जाता है, साथ ही मानक के अनुसार परिवार के सदस्यों की संख्या, उम्र और रोजगार को देखकर अनाज की मात्रा तय की जाती है।
गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल है ये योजना
सांप्रदायिक सौहार्द् की मिसाल पेश करते हुए अनाज बैंक ने पाताल पुरी महंत बालकदास जी महाराज, मुफ्ती शफीक अहमद और अयोध्या से आए संत श्याम प्रिय जी ने संयुक्त रूप से बुनकर परिवार की महिलाओं को अपने हाथों से इस कार्ड योजना की शुरुआत की। इसके तहत 50 बुनकर परिवार को चिन्हित किया गया है। जिनको हंगर फ्री कार्ड के जरिए अनाज दिया जाएगा। हंगर फ्री कार्ड से प्रारंभ में एक साल तक अनाज दिया जाएगा। इस अवसर पर महंत बालक दास जी ने कहा कि अनाज बैंक ने सांप्रदायिक सद्भावना की मिसाल पेश की गई है। भूखे का पेट भरने से बड़ा कोई धर्म नहीं है। वहीं मुफ्ती शफीक अहमद ने कहा कि बनारस में सैकड़ों सालों से गंगा-जमुनी तहजीब कायम है और सदा कायम रहेगी। ऐसे में अनाज बैंक की ये पहल शांति की तरफ ले जाती है जो कबील-ए-तारीफ है। इसके अलावा अयोध्या की संत श्याम प्रिया ने कहा कि भूखों का पेट भरने से दुआ मिलती है, ये ईश्वरीय काम है।
क्या कह रहे हैं कार्ड के उपभोक्ता
कार्ड पाने वाली महिला शबाना ने बताया कि बुनकरी करते हुए परिवार की आज भूखों मरने की नौबत आ गई है। अनाज बैंक हमारे लिए वरदान साबित हुआ है। शब्बो ने बताया हंगर कार्ड बुनकरों के जीवन में खुशियां लेकर आया है।
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