शर्मनाक: यूपी के इस जिले में महिला होमगार्डों को खुले में जाना पड़ता है शौच
एक और जहां प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री भारत और यूपी को खुले में शौचालय मुक्त बनाने की कोशिश कर रहे है तो वही हापुड़ के अधिकारी इनके सपनों को चकनाचूर करते नजर आ रहे हैं।
हापुड़। एक और जहां प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री भारत और यूपी को खुले में शौचालय मुक्त बनाने की कोशिश कर रहे है तो वही हापुड़ के अधिकारी इनके सपनों को चकनाचूर करते नजर आ रहे हैं। हापुड़ में जिला होमगार्ड विभाग कई वर्षो से शौचालय और पानी के लिए तरस रहा है। हापुड़ में महिला होमगार्डो को खुले में शौच करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है या फिर काफी दूर जाना पड़ता है।
क्या है पूरा मामला?
यह मामला हापुड़ के थाना सिटी कोतवाली क्षेत्र के जिला कमाण्डेन्ट होमगार्ड विभाग कार्यालय का है। यहां पिछले कई वर्षों से होमगार्ड विभाग में एक शौचालय तक की सुविधा नहीं है। शौच तो छोड़िये जनाब इस उमस भरी गर्मी में होमगार्ड विभाग को पानी तक नहीं मिल रहा है। इस ऑफिस में शौचलाय के साथ-साथ पीने के पानी भी व्यवस्था भी नहीं है। चलिए अब हम आपको सुनाते है एक महिला होमगार्ड का दुःख भरा वो दर्द जो वो अधिकारियों को भी कई बार सूना चुकी है लेकिन अभी तक किसी अधिकारी ने महिला होमगार्ड की फरयाद तक नहीं सुनी..
कहीं जान-बूझकर तो नहीं बनवाया जा रहा शौचालय?
महिला होमगार्ड ने अपनी आपबीती सुनाते हुए बताया कि, 'यहां बाथरुम की काफी दिक्कत है। सामने एक अस्पताल है हम वहीं जाते हैं लेकिन वो भी 2 बजे बंद हो जाता है फिर हमें खुले में ही जाना पड़ता है। हमने इस संबंध में अधिकारियों से भी गुहार लगाई थी लेकिन अभी तक इस मामले में कोई भी सुनवाई नहीं हुई यहां तक कि हमें पानी भी बाहर से भर कर लाना पड़ता है।' महिला होमगार्ड की बात सुन यह सवाल उठता है कि, कहीं ऐसा तो नहीं कि अधिकारी होमगार्ड विभाग से कोई दुर्व्यवहार कर रहे है तभी तो हापुड़ तो जिला बने पाँच साल हो गए है लेकिन अभी तक होमगार्ड विभाग को एक शौचालय तक की सुविधा नहीं मिली है।
शौचालय बनाने के लिए शासन से नहीं मिल रहा फंड
होमगार्ड ऑफिस में शौचालय नहीं होने के संबंध में जब वहां के कमांडेट से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि, 'हापुड़ जिला बनने के बाद अभी तक यहां कोई कमांडेट नहीं तैनात था, मारी तैनाती अभी हाल ही में हुई है। यहां जो सबसे बड़ी दिक्कत है वो है ऑफिस की, अभी तक यह ऑफिस किराए पर हैं और नए ऑफिस के लिए कागजी कार्यवाही चल रही है। इसी लिए किसी निर्माण कार्य के लिए फंड नहीं आ रहे हैं। लेकिन कुछ ही महीनों में यह दिक्कत दूर हो जाएगी।
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