खुशखबरी: यूपी में इन सरकारी कर्मचारियों का बढ़ेगा वेतन, रास्ता साफ
18 सालों से चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी वेतन वृद्धि के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं। अब हाईकोर्ट ने सरकार को इसके लिए स्पष्ट निर्देश दिए हैं।
इलाहाबाद। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने योगी सरकार को चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के वेतन बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। इस मामले में योगी कैबिनेट को दो माह में निर्णय लेना है कि इसे वे कैसे करेंगे। न्यायालय ने सरकार को बैकफुट पर न जाने की सलाह देते हुआ कहा है कि यह चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का संवैधानिक अधिकार है जिसकी सरकार अनदेखी नहीं कर सकती है।
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न्यायालय ने राज्य सरकार से चीफ जस्टिस द्वारा भेजी गई संशोधन नियमावली भी अनुमोदन के लिए राज्यपाल के समक्ष भेजने को कहा है। जिससे यह साफ हो गया है कि वर्षों से चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के वेतन वृद्धि का मामला अब अधर में लटकने के बजाय फैसले की श्रेणी में आयेगा।
18
साल
से
पेंडिंग
में
मामला
चतुर्थ
श्रेणी
कर्मचारियों
के
वेतन
वृद्धि
का
मामला
पिछले
18
साल
से
फाइल
में
बंद
धूल
फांक
रहा
है।
हाईकोर्ट
में
ही
पिछले
18
साल
से
वेतन
बढ़ाने
को
लेकर
मुकदमों
का
दौर
चल
रहा
है।
कोर्ट
ने
कई
बार
स्पष्ट
निर्देश
दिया
है।
लेकिन
बावजूद
इसके
फाइल
अधर
में
लटकी
है।
मामले
की
सुनवाई
कर
रहे
न्यायमूर्ति
दिलीप
गुप्ता
एवं
न्यायमूर्ति
अभय
कुमार
की
खंडपीठ
ने
इस
बार
सरकार
को
स्पष्ट
शब्दो
में
प्रक्रिया
आगे
बढा
कर
वेतन
वृद्धि
का
निर्देश
दिया
है
।
सरकार
कहती
है
बढेगा
बोझ
योगी
सरकार
से
पूर्व
रही
सरकार
की
ओर
से
हाईकोर्ट
को
बताया
जाता
रहा
है
कि
हाईकोर्ट
के
चतुर्थ
श्रेणी
कर्मियों
का
वेतन
बढ़ाया
गया
तो
सरकार
पर
आर्थिक
दबाव
बढ़ेगा।
सरकार
की
यह
भी
दलील
रही
है
कि
इन
कर्मचारियों
को
सचिवालय
कर्मियों
के
सामान
वेतन
दिया
जा
रहा
है।
ऐसे
में
वेतन
बढाये
जाने
का
कोई
औचित्य
नहीं
है।
जबकि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की इस दलील को अब मानने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि चीफ जस्टिस ने अनुच्छेद 229 के तहत प्रस्ताव भेजा है और उन्हें इसका संवैधानिक अधिकार है। सरकार को इसकी अनदेखी नहीं करनी चाहिये।
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