पैरा मिलिट्री फोर्स भर्ती में धांधली पर कोर्ट ने मोदी सरकार से मांगा जवाब
केंद्र की भर्तियों में भी फर्जीवाड़ा हुआ है। पैरा मिलिट्री फोर्स की भर्ती में हुए धांधली पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब तलब किया है।
इलाहाबाद। एक ओर उत्तर प्रदेश में हुई भर्तियों में ताबड़तोड़ फर्जीवाड़े की शिकायते सामने आ रही थी तो अब वहीं केंद्र की भर्ती में भी धांधली को लेकर तथ्य सामने आये हैं। नया मामला पैरा मिलिट्री फोर्स की भर्ती का है। जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मोदी सरकार से जवाब लतब किया है। केंद्रीय कर्मचारी चयन आयोग द्वारा 64 हजार 66 पैरा मिलिट्री फोर्स की भर्ती की गई थी जिसमें अनियमितता की शिकायत के साथ कई सुबूत न्यायलय में पेश किये गए हैं। कोर्ट ने इसे बहुत ही गंभीर विषय मानते हुए याचिका स्वीकार की और भारत सरकार समेत अन्य विपक्षीगण से एक महीने में जवाब मांगा है।
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कम
नम्बर
वालों
को
दी
नियुक्ति
मामले
की
सुनवाई
न्यायमूर्ति
पीके
एस.
बघेल
ने
शुरू
की
तो
पता
चला
कि
लिखित
परीक्षा
व
शारीरिक
दक्षता
परीक्षा
के
बाद
51
हजार
678
पुरुष
और
5
हजार
336
महिला,
कुल
57
हजार
14
अभ्यर्थियों
के
चयन
परिणाम
घोषित
किए
गए।
7
हजार
52
पद
खाली
रह
गए।
लेकिन
अभय
कुमार
झा
समेत
अन्य
को
ज्यादा
अंक
पाने
के
बावजूद
अंतिम
चयन
में
शामिल
नहीं
किया
गया।
जबकि
राहुल
कुमार,
संदीप
कुमार,
अर्जुन
कुमार
व
दिनेश
कुमार
समेत
अन्य
को
याचीगण
से
कम
अंक
होने
के
बावजूद
अंतिम
चयन
परिणाम
में
शामिल
किया
गया
है।
कोर्ट
को
बताया
गया
कि
याचीगण
नियुक्ति
के
हकदार
हैं।
लेकिन
चयन
आयोग
ने
अवैध,
मनमानीपूर्ण
व
अनुचित
ढंग
से
कार्रवाई
की
है।
अभ्यर्थियों
को
भी
नोटिस
इलाहाबाद
हाइकोर्ट
ने
इस
मामले
को
बेहद
ही
गंभीर
मानते
हुए
न
सिर्फ
केंद्र
सरकार
को
नोटिस
दी
है
बल्कि
इन
अभ्यर्थियों
को
भी
नोटिस
जारी
कर
जवाब
मांगा
है।
कोर्ट
में
जिरह
के
दौरान
वकील
ने
साबित
किया
कि
विज्ञापन
शर्तों
के
विपरीत
कई
अभ्यर्थियों
को
आवेदन
फॉर्म
में
संशोधन,
परिवर्तन
की
छूट
दी
गई।
लीक
हुआ
था
पेपर
गौरतलब
है
की
इस
भर्ती
प्रक्रिया
के
दौरान
भर्ती
माफियाओं
ने
जगह-जगह
पेपर
भी
लीक
किये
थे।
कई
नकल
माफिया
गिरफ्तार
भी
हुए
थे
जबकि
आश्चर्यजनक
ढंग
से
14
परीक्षा
केन्द्रों
की
परीक्षा
निरस्त
भी
की
गई
थी।
मालूम
हो
की
इस
भर्ती
प्रक्रिया
में
कुल
11
लाख
65
हजार
942
अभ्यर्थियों
ने
लिखित
परीक्षा
दी।
परीक्षा
के
बाद
14
मार्च
2016
को
परिणाम
घोषित
हुआ
जिसमें
एक
लाख
17
हजार
8
अभ्यर्थी
सफल
घोषित
हुए।
इसके
बाद
चिकित्सा
जांच
शुरू
हुई.
अंत
में
2
फरवरी
2017
को
अंतिम
परिणाम
घोषित
किया
गया
था।
बहरहाल
इस
भर्ती
प्रक्रिया
में
बड़े
पैमाने
पर
धांधली
की
बात
सामने
आने
लगी
है।
कोर्ट
के
गंभीर
रुख
को
देखते
हुए
बड़े
निर्णय
की
भी
उम्मीद
की
जा
रही
है।
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