कैराना में हिंदू पलायन पर हाईकोर्ट ने अखिलेश सरकार से मांगा जवाब
न्यायालय ने सरकार से पूछा है कि वह ऐसे मामलों में क्या और कैसे कार्रवाई कर रही है? साथ ही पलायन रोकने तथा इनकी वापसी के संबंध में क्या कदम उठाये गये हैं?
इलाहाबाद। सूबे में सियासी बवंडर मचाने वाले कैराना हिंदू पलायन मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा है । राज्य सरकार के जवाब से संतुष्ट न होने पर हाईकोर्ट सीबीआई जांच के आदेश दे सकता है । कोर्ट अब 2 फरवरी को इस मामले की सुनवाई करेगी और राज्य सरकार को इसी दिन विधिसम्मत जवाब दाखिल करना है। इसमें कोर्ट तथ्यों की समीक्षा भी करेगा व न्याय मित्र को इस मामले में अपनी तरफ से भी क्रॉस चेकिंग की रिपोर्ट भी तलब करेगा । न्यायालय ने सरकार से पूछा है कि वह ऐसे मामलों में क्या और कैसे कार्रवाई कर रही है। साथ ही पलायन रोकने तथा इनकी वापसी के संबंध में क्या कदम उठाये गये हैं। Read Also: इलाहाबाद की फास्ट ट्रैक अदालत से 7 साल बाद मिला रेप पीड़िता को न्याय
मालूम हो कि शामली जिले के कैराना व मुजफ्फरनगर के आसपास के हिन्दुओं के पलायन की खबरे जब मीडिया में आई तो पूरे देश में खलबली मच गई थी। राजनैतिक दल इस घटनाक्रम को अपने अपने हिसाब से भुनाने में लग गये थे। बताया जा रहा था कि शोहदों व वर्ग विशेष के लोगों द्वारा परेशान किये जाने पर हिंदू परिवार घर छोड़कर पलायन कर रहे थे। इसी घटना की जांच सीबीआई से कराने के लिये इलाहाबाद हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई है । जिस पर सुनवाई करते हुये न्यायालय ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है। न्यायालय ने सरकार से पूछा है कि पलायन रोकने तथा इनकी वापसी के संबंध में क्या कदम उठाये हैं।
कोर्ट में जिरह के दौरान बताया गया कि धर्म विशेष के दबंगों के अत्याचार, लूट, बलात्कार व हत्या की घटनाओं से आंतकित होकर हिन्दू लगातार पलायन कर रहे है। बड़ी संख्या में लोग अपना घर छोड़कर जा चुके हैं। राजनैतिक कारणों व संरक्षण से पुलिस अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं कर रही है। याचिका में 346 पीड़ित परिवारों की जारी सूची का भी हवाला दिया गया है। कहा गया है कि भारी संख्या में हिंदुओं का घर छोडकर दूसरी जगह जाना सामान्य मामला नहीं है।
न्यायालय के आदेश के बाद सरकार की ओर से न सिर्फ जवाब दाखिल किया जायेगा बल्कि पलायन करने वाले हिंदू परिवारों से संबंधित जानकारी भी उपलब्ध करायी जायेगी। मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश डी.बी.भोसले तथा न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की खण्डपीठ कर रही है। Read Also: यूपी में 12वीं पास युवाओं के लिए करीब चार हजार पदों पर भर्ती