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जमीन मामले में वक्फ बोर्ड से फिर HC का सवाल, इस बार कोर्ट की जमीन पर बनी मस्जिद के लिए नोटिस

इलाहाबाद हाईकोर्ट परिसर को विस्तार देने के दौरान आस-पास की जमीन कोर्ट ने अधिग्रहित की थी। लेकिन जमीन पर हाईकोर्ट की योजना लंबित ही रह गई और वहां मस्जिद बना दी गई।

By Gaurav Dwivedi
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इलाहाबाद। सूबे में योगी सरकार के आते ही हाईकोर्ट के भी तेवर सख्त होते नजर आ रहे हैं। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कोर्ट की जमीन पर बनाई गई मस्जिद पर जवाब तलब किया है। न्यायालय ने वफ्फ बोर्ड को नोटिस जारी करते हुए तीन हफ्ते में जवाब मांगा है। साथ ही योगी सरकार से पूछा है कि इस मामले में उनका क्या पक्ष है। न्यायालय की जमीन पर अवैध तरीके से मस्जिद बनाने का मामला पहले भी उठा था तब याचिका को इसलिए नहीं सुना गया क्योंकि मुकदमों का बोझ न्यायालय पर पहले से था और इस मामले से अधिक गंभीर विषयों पर प्रक्रिया लंबित चल रही थी लेकिन सूबे में योगी सरकार के आते ही हाईकोर्ट का भी अंदाज बदला सा नजर आने लगा है।

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जमीन मामले में वक्फ बोर्ड से फिर HC का सवाल, इस बार कोर्ट की जमीन पर बनी मस्जिद के लिए नोटिस

हाईकोर्ट की जमीन पर बनी है मस्जिद

इलाहाबाद हाईकोर्ट परिसर को विस्तार देने के दौरान आस-पास की जमीन कोर्ट ने अधिग्रहित की थी। इसी प्रक्रिया में इलाहाबाद हाईकोर्ट के सामने भी जमीन का अधिग्रहण किया गया था। लेकिन जमीन पर हाईकोर्ट की योजना लंबित ही रह गई और वहां मस्जिद बना दी गई। आश्चर्य की बात ये रही कि हाईकोर्ट की जमीन पर अवैध रूप से मस्जिद बनती रही पर कोई रोकने वाला नहीं था। यहां तक की मस्जिद बनाने के लिए नक्शा तक पास नहीं कराया गया और निर्माण कार्य पूरा हो गया।

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दाखिल हुई याचिका

कोर्ट की जमीन पर अवैध रूप से मस्जिद बनाने को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई। जिसपर सुनवाई करते हुए संबंधित लोगों से जवाब मांगा है। इस मामले में अब स्थानीय अधिकारी भी अगली सुनवाई में तलब होंगे। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने योगी सरकार से भी इनकी इच्छा इस विषय पर पूछी है साथ ही मामले में राज्य सरकार और वफ्फ बोर्ड से होईकोर्ट ने तीन हफ्ते में जवाब मांगा है। अब तीन हफ्ते के अंदर राज्य सरकार और वफ्फ बोर्ड को अपना जवाब दाखिल करना है। जवाब न देने पर कोर्ट के आदेश की अवमानना मानते हुए कोर्ट सख्त कदम उठा सकती है।

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English summary
HC question from Waqf Board in the matter of land, this time the notice for the mosque built on the ground of the court in Allahabad
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