गोरखपुर मामले पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने तोड़ी चुप्पी, बच्चों के मौत की बताई ये वजह
इलाहाबाद में गंगा ग्राम सम्मेलन में बोलते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इंफेलाइटिस की बीमारी 1978 से है।
इलाहाबाद। गोरखपुर में ऑक्सीजन बंद होने से 33 बच्चों की मौत के मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने इलाहाबाद में गंगा ग्राम सम्मेलन में बोलते हुए इंसेफेलाइटिस से होने वाली मौतों का जिक्र किया और गोरखपुर मामले में कार्रवाई की बात की है। उन्होंने गोरखपुर में बच्चों के मौत की वजह गंदगी को बताया है।
इलाहाबाद में गंगा ग्राम सम्मेलन में बोलते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इंफेलाइटिस की बीमारी 1978 से है। पूर्वी यूपी के मासूम अगर काल के गाल में समा रहे हैं तो इसकी वजह है गंदगी और खुले में शौच। उन्होंने कहा कि ये एक संकट और चुनौती है और इसका समाधान भी निकला है। उन्होंने कहा कि गोरखपुर में बच्चों के मौत की वजह गंदगी है। इसका एकमात्र हल स्वच्छता है। स्वच्छता को लेकर जनता में जो जागरुकता होनी चाहिए थी, उसका अभाव है, यही वजह है कि जिस देश का बचपन असमय मौत के मुंह में चला जाए, उसका भविष्य क्या होगा?
इलाहाबाद में योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अब वह जवाब नहीं सुनेंगे। सीधे कार्यवाई करेंगे। क्योंकि अब वक्त नहीं है क्यों ? और कैसे सुनने का और न ही सफाई में जवाब सुनने की कोई गुंजाइश बाकी है। कार्रवाई होगी और निश्चित होगी। जिससे ऐसी घटनाएं दोबारा नहीं हों।
इलाहाबाद में गंगा ग्राम सम्मेलन कार्यक्रम में पहुंचे सीएम योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर मामले पर अपना बयान दिया। उन्होंने कहा कि जिन मरीजों की मौत हुई है। वह इंफेलाइटिस बीमारी से ग्रसित थे। इंफेलाइटिस बीमारी ऐसी बीमारी है जो गंदगी की वजह से पनपती है। गोरखपुर बीआरडी मेडिकल कॉलेज में जो कुछ भी हुआ है, वह गलत हुआ है। तत्काल जांच शुरू कराई गई है। जहां गोरखपुर में हुई मौतों को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने गंदगी को वजह बताया। वहीं यूपी के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ सिंह ने इस मामले पर की गई प्रेसवार्ता में कहा था कि जो मौतें हुई हैं वो ऑक्सीजन की कमी की वजह से नहीं हुई हैं। उन्होंने बताया कि सीएम योगी आदित्यनाथ के दौरे के वक्त किसी ने ऑक्सीजन सप्लाई का मुद्दा नहीं बताया था। इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने ये भी बताया कि मामले में गोरखपुर बीआरडी कॉलेज के प्रिंसिपल को सस्पेंड किया गया है साथ ही मुख्य सचिव की अध्यक्षता में जांच कराई जाएगी। गोरखपुर कांड के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ के आधिकारिक अकाउंट से ट्वीट भी किया गया है। इसमें उन्होंने मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल को निलंबित करने की पुष्टि की है।