सपा की कलह सुलझाने को मुलायम के घर 4 घंटे चली बैठक, रामगोपाल-अमर सिंह को लेकर फंसा पेंच
प्रदेश में चुनाव की तारीखों के ऐलान और विवाद की वजह से सपा के चुनाव चिन्ह पर लटकी तलवार को लेकर पार्टी के नेता गंभीर हैं। यही वजह है कि मुलायम के साथ ही अखिलेश का रुख भी थोड़ा नरम पड़ा है।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान होने के बाद समाजवादी पार्टी में जारी तकरार सुलझने की अटकलें तेज होने लगी हैं। चर्चा है कि अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव के बीच सुलह जल्द ही हो जाएगी। इसी सिलसिले में गुरुवार को करीब चार घंटे तक मुलायम के आवास में बैठक होने चली। बैठक में शिवपाल यादव के अलावा अमर सिंह और जया प्रदा की मौजूदगी की भी खबर है।
मुलायम
के
आवास
में
चली
बैठक
मुलायम
सिंह
यादव
और
शिवपाल
यादव
गुरुवार
को
दिल्ली
में
थे।
कहा
जा
रहा
था
कि
वे
चुनाव
आयोग
से
मिलकर
सपा
के
चुनाव
चिन्ह
साइकिल
पर
अपना
दावा
पेश
करेंगे।
हालांकि
ऐसा
हुआ
नहीं
और
वे
बिना
चुनाव
आयोग
से
किसी
तरह
की
बातचीत
के
ही
लखनऊ
का
रुख
कर
लिया।
मुलायम
के
लखनऊ
वापस
आने
के
बाद
एक
बार
फिर
आजम
खान
ने
सुलह
की
कोशिशें
शुरू
कीं।
देरशाम
मुलायम
के
आवास
पर
बैठक
शुरू
हुई
जिसमें
शिवपाल
और
अमर
सिंह
भी
मौजूद
थे।
माना
जा
रहा
है
कि
इसमें
विवाद
को
सुलझाने
को
लेकर
रणनीति
पर
चर्चा
हुई।
पढ़ें: सपा में जारी जंग के बीच अखिलेश ने खेला बड़ा दांव, मुलायम के खेमे में सन्नाटा
अमर
सिंह
और
रामगोपाल
को
लेकर
उलझा
विवाद
सूत्रों
के
मुताबिक,
प्रदेश
में
चुनाव
की
तारीखों
के
ऐलान
और
विवाद
की
वजह
से
सपा
के
चुनाव
चिन्ह
पर
लटकी
तलवार
को
लेकर
पार्टी
के
नेता
गंभीर
हैं।
यही
वजह
है
कि
मुलायम
के
साथ
ही
अखिलेश
का
रुख
भी
थोड़ा
नरम
पड़ा
है।
मुलायम
के
आवास
में
करीब
चार
घंटे
चली
बैठक
में
अखिलेश
को
यूपी
चुनाव
की
बागडोर
सौंपने
और
शिवपाल
को
प्रदेश
की
राजनीति
से
हटाकर
महासचिव
बनाने
और
राष्ट्रीय
राजनीति
में
भेजने
पर
भी
विचार
किया
गया।
हालांकि
इसके
बावजूद
एक
समस्या
है
जो
दोनों
खेमों
में
छाई
है।
अखिलेश
खेमे
से
रामगोपाल
यादव
और
मुलायम
खेमे
से
अमर
सिंह
का
नाम
दोनों
पक्षों
को
खल
रहा
है।
अखिलेश
चाहते
हैं
कि
रामगोपाल
पार्टी
में
बने
रहें
और
अमर
सिंह
बाहर
कर
दिए
जाएं,
जबकि
मुलायम-शिवपाल
अमर
सिंह
के
पक्ष
में
हैं
और
रामगोपाल
को
बाहर
का
रास्ता
दिखाना
चाहते
हैं।
पढ़ें: सपा की जंग सुलझाने को आगे आए आजम खान, कहा, हाथ-पैर भी जोड़ने को तैयार हूं
पहले
से
तैयार
था
हलफनामा
मुख्यमंत्री
अखिलेश
यादव
ने
गुरुवार
को
अपनी
ताकत
परखने
के
लिए
अपने
समर्थक
विधायकों
और
मंत्रियों
की
बैठक
बुलाई
थी।
बैठक
में
सभी
को
एक
हलफनामा
सौंपा
गया
और
उनसे
दस्तखत
कराए
गए।
कहा
जा
रहा
है
कि
हलफनामा
पहले
से
तैयार
था,
बस
उसमें
दस्तखत
ही
करके
देने
थे।
ये
हलफनामे
अखिलेश
यादव
चुनाव
आयोग
को
सौंपेंगे।
दरअसल
चुनाव
आयोग
ने
सपा
के
दोनों
गुटों
से
अपने
पक्ष
को
रखने
के
साथ
ही
हलफनामा
देने
को
कहा
था।
सपा
के
करीब
220
एमएलए
और
60
एमएलसी
ने
हलफनामे
में
हस्ताक्षर
किए
हैं।