यूपी में बाढ़ से तबाही की तस्वीरें, हाहाकार, सैकड़ों गांवों में घुसा पानी
बाढ़ के कहर को देखते हुए पुलिस, पीएसी व एनडीआरएफ की टीमों को तैनात कर दिया है और राहत व बचाव का कार्य शुरू हो चुका है।
बहराइच/बलरामपुर। भारत के पड़ोसी राष्ट्र नेपाल से 2,14,000 क्यूसेक छोड़े गए पानी व सोमवार को हुई 15 घंटे से लगातार हो बारिश के चलते जिले में बाढ़ का कहर दिखने लगा है। जिले के सैकड़ों गांवों का संपर्क मुख्यालय के कट गया है। फिलहाल जिले में बाढ़ के कहर को देखते हुए जिला प्रशासन ने पुलिस, पीएसी व एनडीआरएफ की टीमों को तैनात कर दिया है और राहत व बचाव का कार्य शुरू हो चुका है।
पड़ोसी राष्ट्र नेपाल द्वारा दो बार में छोड़े गए 1,64,000 और सोमवार शाम 50,000 क्यूसेक पानी राप्ती नदी होते हुए 200 से अधिक गांव को अपनी चपेट में ले चुका है। बाढ़ के कहर से न सिर्फ गांव बल्कि शहर की गलियां भी पानी से लबालब भर गई है जिससे आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो चुका है। शहर की सुरक्षा के लिए बनाए गए बांध में भी अब कमजोरी साफ नजर आ रही है जिसे दूर करने के लिए जिलाप्रशासन हर संभव प्रयास कर रहा है।
जिले के तराई क्षेत्र में बाढ़ की विभीषिका कुछ इस कदर है कि कई दर्जन गांवों का संपर्क मार्ग ही कट गया है। वहीं बात अगर शहरी क्षेत्र की करें तो यहां बलरामपुर से तुलसीपुर जाने वाला मुख्य बौद्ध परिपथ मार्ग भी बाढ़ का दंश झेल रहा है और उस पर यातायात का आवागमन बंद हो चुका है।
बलरामपुर गौरा चौराहा मार्ग भी जो बलरामपुर को सिद्धार्थनगर से जोड़ता है उस पर भी यातायात बंद कर दिया गया है। बाढ़ प्रभावित गांव में सरदारगढ़, ढोररि, टेगन्हिया मनकोट, फगुइया, गंगाबक्स भागड़, विश्रामपुर, झौहाना, बेलवा सुलतानजोत, जमालिजोत, दुल्हापुर बल्लीपुर, सेमरहना, कलंदरपुर, कटरा शंकरनगर,फत्तेजोत, भीखमपुर, सोनार, गैंजहवा, नेतुवा, गंगापुर बाकी ,जेवनार, सिसई , बेल्हा, पुरवा , गुर्जर पुरवा, गौरी आदि गांव शामिल हैं।
बाढ़
की
तबाही
में
डूब
गया
570
गांव
सरयू
और
घाघरा
नदी
से
बहराइच
में
तबाही
बढ़ती
जा
रही
है।
570
गांव
बाढ़
की
चपेट
में
आ
गए।
हाहाकार
मचा
हुआ
है।
रेल
की
पटरियों
और
सड़क
मार्ग
पर
पानी
चल
रहा
है
जिसके
चलते
मैलानी-गोंडा
प्रखंड
पर
छह
ट्रेनों
का
संचालन
रोक
दिया
गया
है।
वहीं
मिहींपुरवा
क्षेत्र
में
सैलाब
के
चलते
बस
सेवाएं
भी
पूरी
तरह
ठप
हो
गई
हैं।
नाव की व्यवस्था न होने से पीड़ितों तक मदद नहीं पहुंच पा रही है। अफरा-तफरी की स्थिति बनी हुई है। लोग गांवों मे फंसे हुए हैं। मिहींपुरवा के गोपिया बैराज से जुड़ी सरयू मुख्य नहर और सहायक कैनाल का तटबंध 13 स्थानों पर बाढ़ के तेज बहाव में टूट गया है, इससे स्थिति और भी भयावह हो गई है। प्रशासन राहत और बचाव के दावे जरूर कर रहा है लेकिन यह दावे हवा-हवाई साबित हो रहे हैं।
बाढ़ की विभीषिका जिले में तबाही का सबब बन गई है। नेपाल के पहाड़ों पर निरंतर हो रही वर्षा के चलते नेपाली नदियां खतरे के निशान से तीन गुना ऊपर बह रही है। वहीं घाघरा नदी एल्गिन ब्रिज पर खतरे के निशान से 85 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। सभी स्थानों पर नदियों के जलस्तर में वृद्धि जारी है। बाढ़ से महसी, कैसरगंज और नानपारा तहसील क्षेत्र में हाहाकार मचा हुआ है। नानपारा के मिहींपुरवा के निकट स्थित गोपिया बैराज पर नेपाल के बबई नदी का पानी पहुंचता है। तेज बहाव होने के चलते बैराज से जुड़ी सरयू मुख्य नहर पुरैना अमृतपुर, भिउरा सायफन, गोपिया, हरखापुर, शिवपुर के निकट 13 स्थानों पर कट गई है। सहायक कैनाल भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुआ है जिससे अब बाढ़ का पानी नहर के बजाए ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंच रहा है।
पानी का वेग इतना तेज है कि लोग अपनी गृहस्थी संभाल नहीं पा रहे हैं। पेड़, छत और छप्परों पर चढ़कर लोग शरण ले रहे हैं। सैलाब की स्थिति का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि मैलानी-गोंडा प्रखंड पर गायघाट के निकट लगभग डेढ़ किलोमीटर तक बाढ़ के पानी में रेल की पटरियां डूब गई हैं। इसके चलते छह ट्रेनों का आवागमन रोक दिया गया है। वहीं उर्रा-हरखापुर, मिहींपुरवा-बिछिया मार्ग पर भी बाढ़ का पानी बह रहा है जिसके चलते आवागमन रोक दिया गया है। कोई भी वाहन नहीं चल रहे हैं।
मिहींपुरवा के साथ ही शिवपुर और महसी क्षेत्र में स्थिति काफी भयावह है। लोगों के घरों में तीन से चार फीट पानी घुस गया है। अचानक घाघरा नदी का जलस्तर बढ़ने के बाद मुरौवा कुर्मिनपुरवा गांव में बाढ़ का पानी तेजी से घुसा। लोग अपना सामान समेटने लगे।
इन
ट्रेनों
का
संचालन
हुआ
ठप,
बुलाया
गया
तकनीकी
दल
बहराइच
के
स्टेशन
अधीक्षक
डॉ.
एमएम
प्रसाद
ने
बताया
कि
सोमवार
देर
रात
अचानक
गायघाट
के
निकट
रेल
ट्रैक
पर
पानी
आ
गया
है।
इससे
बहराइच
से
मैलानी
को
जाने
वाली
पैसेंजर
ट्रेनों
का
संचालन
ठप
कर
दिया
गया
है।
नानपारा
के
स्टेशन
अधीक्षक
मोहम्मद
रसीद
ने
बताया
कि
लखनऊ
कंट्रोल
रूम
को
सूचना
दी
गई
है।
तकनीकी
दल
बहराइच
पहुंच
रहा
है।
उसके
निरीक्षण
के
बाद
ही
ट्रेनों
का
संचालन
शुरू
किया
जाएगा।
क्योंकि
बाढ़
का
पानी
आने
के
बाद
रेल
लाइन
के
आसपास
दलबल
की
स्थिति
बन
गई
है।
नावों
की
व्यवस्था
न
होने
से
अफरा-तफरी
बाढ़
के
पूर्व
प्रशासन
समुचित
तैयारियों
का
दावा
कर
रहा
था।
लेकिन
अब
बाढ़
का
कहर
सामने
आने
के
बाद
दावे
तार-तार
हो
गए।
नानपारा
क्षेत्र
में
बाढ़
से
निपटने
के
लिए
समुचित
नावें
नहीं
हैं।
महज
दर्जन
भर
नावों
से
नानपारा,
बलहा,
मिहींपुरवा
और
शिवपुर
क्षेत्र
में
बाढ़
से
निपटने
के
दावे
किए
जा
रहे
हैं।
नेपाल
में
फिर
जारी
हुआ
अलर्ट
और
खराब
हो
सकती
स्थिति
नेपाल
में
निरंतर
वर्षा
हो
रही
है।
इसके
चलते
बबई,
राप्ती
नदियों
का
जलस्तर
फिर
बढ़ने
लगा
है।
नानपारा
कंट्रोल
रूम
के
मुताबिक
नेपाल
में
अलर्ट
घोषित
कर
दिया
गया
है।
ऐसे
में
नेपाल
का
पानी
सुबह
तक
फिर
बड़ी
तबाही
का
सबब
बन
सकता
है।