उत्तर प्रदेश न्यूज़ के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
Oneindia App Download

एटा हादसा: अधूरी रह गई कविता, साइकिल बन गई जान की दुश्मन

घटना के कुछ ही घंटों बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने स्कूल को दी जाने वाली आर्थिक मदद रोकने और मामले की जांच के आदेश दे दिए। प्रशासन की ओर से छुट्टी घोषित किए जाने के बावजूद स्कूल खोला गया था।

By Brajesh Mishra
Google Oneindia News

लखनऊ। एटा में हुए स्कूल बस हादसे में मरने वाले बच्चों के परिवार मे मातम पसरा है। हादसे के पहले बस में मौजूद किशन कविता पढ़ रहा था। राधिका और शालिनी दो बहने साइकिल से स्कूल जा रही थीं। अपने माता-पिता की मौत के बाद सन्नी अपने दादा-दादी के साथ रहता था। चार साल पहले एक सड़क हादसे में उनकी भी मौत हो गई थी। महज कुछ सेकंड में यह सब घटा और देखते ही देखते 13 जिंदगियां खो गईं। स्कूल बस के अंदर फंसने से 12 बच्चों की मौत हो गई।

परिजनों को मिले फटे हुए बैग, जूते-चप्पल

परिजनों को मिले फटे हुए बैग, जूते-चप्पल

किशन और सन्नी बस में थे जबकि उसी स्कूल में पढ़ने वाली राधिका और शालिनी साइकिल से जा रही थीं। सुबह करीब 8 बजे सामने से आ रहे ट्रक ने बस को टक्कर मार दी। ट्रक वाले ने साइकिल से जा रही लड़कियों को बचाने की कोशिश की लेकिन सामने आ रही बस से भिडंत हो गई। हादसे में कुल 13 लोग मारे गए। हादसे के बाद सड़क पर सिर्फ बस और ट्रक के टुकड़े, जूते, आईडी कार्ड, कटे-फटे बैग और किताबें, खून से सनी बोतलें मिलीं। बिखरे हुए सामान के आसपास जमा हुए लोगों को कॉस्टेबल ने दूर हटाने की कोशिश की। उसने कहा, 'चलो, चलो, किनारे हो जाओ। सामान को हाथ मत लगाओ।' READ ALSO: ISI के कहने पर 10 लीटर के प्रेशर कुकर से उड़ाया था रेल ट्रैक

भाई को है अपनी गलती पर अफसोस

भाई को है अपनी गलती पर अफसोस

घटना के कुछ ही घंटों बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने स्कूल को दी जाने वाली आर्थिक मदद रोकने और मामले की जांच के आदेश दे दिए। प्रशासन की ओर से छुट्टी घोषित किए जाने के बावजूद स्कूल खोला गया था। घटना के बाद दोनों बहनों के घर में मातम पसरा है। उनका बड़ा भाई अभिषेक कुछ भी बोलने की स्थिति में नहीं है। उसकी मां ने उसे बहनों को स्कूल छोड़ने के लिए कहा था लेकिन उसने इनकार कर दिया। 13 वर्षीय शालिनी 9वीं कक्षा में थी जबकि 15 साल की राधिकार 10वीं में पढ़ती थी। अभिषेक ने कहा, 'बस का ड्राइवर बहुत खराब ड्राइविंग करता था।' READ ALSO: 17 साल की लड़की ने चाकू दिखाकर किया युवक से रेप

'सोचा था सब अच्छा होगा लेकिन सब तबाह हो गया'

'सोचा था सब अच्छा होगा लेकिन सब तबाह हो गया'

कालिया गांव में रहने वाली 16 वर्षीय शिवानी ने जब से सन्नी की मौत की खबर सुनी वह सदमे में है और उठ भी नहीं पा रही। उसके 89 वर्षीय दादा प्यारेलाल ने कहा, 'हमने सन्नी को स्कूल भेजा था ताकि जिंदगी बेहतर हो लेकिन अब तो सबकुछ तबाह हो गया। वह घर से बाहर निकलता था तो शालिनी उसे देखती रहती थी। अब वो हमारे लिए बड़ी जिम्मेदारी है। हम जल्दी उसकी शादी कर देंगे।' टिकैतपुरा में रहने वाले राम सेवक का बेटा विकास भी हादसे में जिंदगी गवां बैठा। वह उसकी किताबें लौटाने की जिद पर अड़े हैं। उन्होंने कहा, 'मेरे बच्चे का छोटा सा चेहरा बस की सीट और बॉडी के बीच कुचल गया था। मैं उसे आज स्कूल नहीं जाने देना चाहता था लेकिन वह चला गया।'

बर्थडे की खुशी में प्रेरणा ने बांटी थी टॉफियां

बर्थडे की खुशी में प्रेरणा ने बांटी थी टॉफियां

बस में मौजूद रही 10 साल की प्रेरणा का बर्थडे था और वह काफी खुश थी। उसने बस में सभी को टॉफियां बांटी थीं। आठ साल के आलोक ने बताया कि हादसे के वक्त किशन एक कविता पढ़ रहा था। कविता थी- 'थैंक्यू गॉड फॉर द वर्ल्ड सो स्वीट, थैंक्यू गॉड फॉर द फूड वी ईट, थैंक्यू गॉड फॉर द बर्ड्स दैट सिंग, थैंक्यू गॉड फॉर द एवरीथिंग।'

स्कूल के मालिक और प्रिंसिपल के खिलाफ केस दर्ज
हादसे के बाद प्रदेश सरकार ने घटना की जांच के आदेश दिए और स्कूल के मालिक सुजीत कुमार, अजीत कुमार, प्रिंसिपल गोविंद श्रीवास्तव और ट्रक ड्राइवर योगेंद्र सिंह के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। ड्राइवर का इलाज सैफई मेडिकल कॉलेज में चल रहा है। सरकार ने हादसे के बाद शिक्षा विभाग के दो अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है।

Comments
English summary
Families mourns after bus accident in etah uttar pradesh kills 12 children.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X