अब कह सकते हैं योगी 'ना सोऊंगा ना सोने दूंगा', इस डिवाइस से स्कूल में नहीं सो पाएंगे टीचर्स
अब बेसिक शिक्षा अधिकारी या कंट्रोल रूम सिर्फ एक क्लिक से यूपी के किसी भी सरकारी विद्यालय के किसी भी कक्षा में, किसी भी अध्यापक के ऊपर अपनी पैनी नजर रख सकते हैं।
वाराणसी। पीएम के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में एक बार फिर युवा इंजीनियरों ने एक ऐसी तकनीक को इजात किया है जिसमे उन सरकारी अध्यापकों पर नजर रखी जा सकती हैं जो प्राथमिक विद्यालयों में तैनात होकर मोटी सैलरी उठाते तो हैं लेकिन अपना काम ईमानदारी से नहीं करते है, वो या तो बच्चा खिलाते पकड़े जाते हैं या फिर सोते पाए जाते हैं।
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अब ऐसा नहीं होगा, आधुनिक तकनीक से युवा इंजीनियरों ने ऐसी डिवाइस का अविष्कार किया है जिससे बेसिक शिक्षा अधिकारी या कंट्रोल रूम सिर्फ एक क्लिक से यूपी के किसी भी सरकारी विद्यालय के किसी भी कक्षा में, किसी भी अध्यापक के ऊपर अपनी पैनी नजर रख सकते हैं।
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क्या करेगा डिवाइस?
यूपी में सरकारी विद्यालयों में कितनी लापरवाहीं हैं ये तो जग जाहिर है, सरकारी उपेक्षाओं के शिकार सरकारी विद्यालय में तैनात सरकारी अध्यापक भी मनमौजी तरीके से बच्चों को शिक्षा देते हैं। अक्सर सुना जाता है की सरकारी स्कूलों के अध्यापक कक्षाओं में कम बल्कि कार्यालय में हाजिरी ज्यादा लगाते हैं। इन्हीं सब को ध्यान में रखते हुए वाराणसी के इंजीनियरिंग के छात्रों ने एक ऐसे डिवाइस को इजात किया हैं जो किसी भी सरकारी स्कूल के कक्षा के अंदर जाकर अध्यापक के ऊपर नजर रख सकता है। वो भी आवाज के साथ, अब आप सोच रहे होंगे की हम सीसीटीवी की बात कर रहे हैं लेकिन ऐसा नहीं हैं ये डिवाइस है डिजिटल एजुकेशन सिस्टम जो स्मार्ट फोन से चलेगा और कक्षाओं में उस बोर्ड पर लगेगा जिससे अध्यापक ज्ञान देते हैं।
क्या हैं तकनीक?
इस डिवाइस का अविष्कार एक छात्र व छात्रा ने मिलकर किया हैं ,इस डिवाइस ऐसे तकनीक लगे हैं जो कक्षाओं में लाइव तस्वीर दिखाएगा उसके आईपी अड्रेस के जरिये। जो संबंद्धित अधिकारी अपने रूम में बैठ देख सकते हैं ,इतना ही नहीं अगर अध्यापक गलत शिक्षा दे रहा हैं तो देख रहा अधिकारी इस डिवाइस पर कॉल कर के उस अध्यापक को बता भी सकते हैं। इस डिवाइस में एक एंड्रॉइड चिप ,दो जीएसएम ऑडियो चिप ,एक 3.7 वाल्ट की बैटरी। एम्प्लीफायर सिस्टम। पांच एलईडी लाइट और एक वाईफाई कैम। ख़ास बात ये हैं की इस डिवाइस में बनाने में मोबाइल के कबाड़ युस किये हुए हैं जो इसे बनाने में काफी काम रूपये लगे और एक हफ्ते में ये डिवाइस तैयार हो गयी।
क्या कहते हैं छात्र
इस डिवाइस का आविष्कार करने वाले छात्र भावना और अमन हैं जो की वाराणसी में ही स्थित एक इंजीनियरिंग कॉलेज में मैकेनिकल इंजीनियरिंग के द्वितीय वर्ष के छात्र हैं। इनका कहना है की इन्होंने ये डिवाइस इसलिए बनाया है क्योंकि सरकारी विद्यालयों के अध्यापक अपनी मनमानी करते हैं और एक साथ उन पर जाकर नजर रखना मुनासिब नहीं है। ऐसे में हमने सोचा की इस डिवाइस का अविष्कार करते हैं। जिससे इसे सिर्फ आईपी एड्रेस से लोकेट किया जा सकता है।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
इस डिवाइस का अगर इस्तमाल किया जाए तो वो काफी कारगर साबित हो सकता है। ऐसा इस तकनीक के एक्सपर्ट मैकेनिकल इंजीनियरिंग के हेड प्रोफेसर चिनमणि यादव कहते हैं। प्रों चिनमणि के मुताबिक बच्चों द्वारा लगाया गया तकनीक पूरी तरह से कारगर है जो बड़े रूप में भी बनाया जा सकता है। इस डिवाइस में आईपी एड्रेस की मुख्य भूमिका हैं जो इसे कारगर बनाती है।
कितना कारगर होगा ये डिवाइस ?
नई सरकार के आने के बाद देखा जा रहा है की सूबे के निजाम योगी आदित्यनाथ आए दिन सरकारी स्कूलों में जाकर उसका जायजा ले रहे हैं। ऐसे में ये तकनीक काफी सहायक हो सकती है। क्योंकि सभी स्थान पर एक साथ नजर रखना मुनासिब नहीं है लेकिन इस डिवाइस के जरिए सिर्फ आईपी एड्रेस का प्रयोग कर आप कही भी, किसी भी समय, किसी भी अधिकारी पर नजर रख सकते हैं, खासकर शिक्षा विभाग जिसकी अनियमिताएं जग जाहिर है।
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