यूपी चुनाव: महानगर पालिका की इमारत पर बने हाथी, कमल के चिन्ह को लेकर मचा बवाल
वाराणसी प्रशासन आदर्श चुनाव आचार संहिता का पालन करने के तहत बड़ी तत्परता दिखाते हुए तमाम राजनीतिक पार्टियों के झंडे,बैनर और राजनीतिक पार्टियों के चिन्ह को प्रदर्शित करने वाली सामग्रियों को हटा रहा है।
वाराणसी।
यूपी
में
7
चरणों
में
विधानसभा
चुनाव
होने
हैं।
ऐसे
में
चुनाव
आयोग
ने
भी
आदर्श
चुनाव
संहिता
लागू
कर
सभी
पार्टियों
को
पालन
करने
के
लिए
कहा
है।
गौरतलब
है
कि
वाराणसी
प्रशासन
आदर्श
चुनाव
आचार
संहिता
का
पालन
करने
के
तहत
बड़ी
तत्परता
दिखाते
हुए
तमाम
राजनीतिक
पार्टियों
के
झंडे,
बैनर
और
राजनीतिक
पार्टियों
के
चिन्ह
को
प्रदर्शित
करने
वाली
सामग्रियों
को
तत्काल
हटवाना
शुरू
कर
दिया।
लेकिन
प्रधानमंत्री
नरेन्द्र
मोदी
के
संसदीय
क्षेत्र
वाराणसी
में
प्रतीक
चिन्हों
को
ले
कर
अब
एक
नया
मामला
तूल
पकड़ता
जा
रहा
है।
ये
भी
पढ़ें:चुनाव
आयोग
का
आदेश,
हटाए
जाएं
पीएम-सीएम
की
तस्वीर
वाले
होर्डिंग
बता दें कि वाराणसी महानगर पालिका का मुख्य भवन जहां हर रोज हजारों लोग किसी न किसी काम को ले कर आते रहते हैं। लेकिन भवन की दीवारों पर बने प्रतीक चिन्हों को एक लाईन में राजनीतिक पार्टी बसपा का चुनाव निशान है तो दूसरी लाईन में केन्द्र का सत्तारूढ़ दल बीजेपी का चुनाव निशान कमल बना हुआ है। हालांकि ये प्रतीक चिन्ह भवन निर्माण के समय ही बने होंगे लेकिन इसे लेकर राजनीतिक दलों ने आपत्ति जताई है और कहा कि आदर्श चुनाव आचार संहिता के हिसाब से किसी भी सरकारी भवन का इस्तेमाल किसी राजनीतिक दल के प्रचार या राजनीतिक दलों के चुनाव निशानों से दूर होना चाहिए। कांग्रेस समिति के प्रदेश सचिव वीरेंद्र कपूर का कहना है कि इसकी शिकायत चुनाव आयोग में की जाएगी। वहीं, समाजवादी युवजन सभा के युवा नेता रविन्द्र ने कहा है कि नगर निगम को इसे ढकना चाहिए।
वहीं, इस मुद्दे पर नगर निगम के नगर आयुक्त हरि प्रताप शाही ने इसे आचार संहिता का उल्लघंन मानने से इंकार कर रहे हैं। उनका कहना था कि ये आपत्ति पूरी तरह से निराधार है ये निशान भवन निर्माण के समय ही बनाये गये हैं इसलिए आपत्ति करने का कोई मतलब ही नहीं है।
जिला निर्वाचन टीम के सदस्य और शहर के एसीएम प्रथम डॉ. नगेन्द्र नाथ यादव के मुताबिक किसी भी सरकारी भवन या सार्वजनिक स्थानों पर पर किसी भी राजनीतिक दल का झंडा, बैनर या राजनीतिक पार्टियों के चुनाव चिन्हों के प्रदर्शन नहीं किये जा सकते हैं। ऐसे में अगर कोई इस प्रकार की शिकायत आती है तो उन चिन्हों को ढका जाना चाहिए जिससे जनता प्रभावित न हो सके। ये भी पढ़ें: समाजवादी स्मार्टफोन पोस्टर पर अखिलेश की फोटो, आचार संहिता का उल्लंघन