चुनावों के बीच में एग्जिट पोल पर सख्त हुआ चुनाव आयोग, कहा नियमों का हुआ उल्लंघन
भारतीय चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2017 के पहले चरण के बाद देश के सबसे ज्यादा पढ़े जाने की बेवसाइट पर प्रकाशित एग्जिट पोल पर संज्ञान लेते हुए कहा है कि यह चुनावी कानून का उल्लंघन है।
नई दिल्ली। भारतीय चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2017 के पहले चरण के बाद देश के सबसे ज्यादा पढ़े जाने की बेवसाइट पर प्रकाशित एग्जिट पोल पर संज्ञान लेते हुए कहा है कि यह चुनावी कानून का उल्लंघन है। आपको बताते चले कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पहले चरण के मतदान के बाद एक हिंदी समाचार की वेबसाइट में एक एक्जिट पोल प्रकाशित किया गया। इस पोल में दावा किया गया कि पहले फेज में सबसे ज्यादा सीटें भारतीय जनता पार्टी को मिलेगी, उसके बाद बसपा और फिर समाजवादी पार्टी-कांग्रेस गठबंधन को सीटें मिलेंगी।
हिंदी दैनिक ने अपनी एग्जिट पोल की रिपोर्ट में बताया है कि यह सर्वेक्षण रिसोर्स डेवलपमेंट इंटरनेशनल(आरडीआई) ने किया है। पर इसके आगे रिपोर्ट में यह नहीं बताया गया है कि किस संस्था और कमीशन ने यह सर्वेक्षण किया है। आपको बताते चले कि चुनाव आयोग के नियमों के मुताबिक सात चरणों में चुनाव संपन्न होने के बाद ही कोई संस्था अपना एग्जिट पोल जारी कर सकती है।
आपको बताते चलें कि जनता के प्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा सेक्शन 126 ए के तहत 4 फरवरी से 8 मार्च, 2017 तक सातों चरणों में मतदान होने के बाद ही एग्जिट पोल को प्रकाशित किया जा सकता है। एग्जिट पोल को न प्रकाशित करने को लेकर गोवा के एक मीडिया समूह ने भी बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। पर हाईकोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया था।
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