देर रात गांव में पहुंच डीएम ने लगाई चौपाल, पूरी रात रहे ग्रामीणों के साथ
बरेली के डीएम और दूसरे अधिकारी अलाव के पास बैठ गए और लोगों की समस्याओं को सुनते रहे और डीएम अपने सह-अधिकारियो को लोगों की समस्यों को जांच करके निपटाने का आदेश देते रहे।
बरेली। ऐसा कहा जाता है कि नौकरशाह गांवों की तरफ जाना कम ही पसंद करते हैं, वो अपने दफ्तरों से ही जनता की बातों को सुन उनके समाधान की कोशिश करते हैं। लेकिन उत्तर प्रदेश के बरेली के डीएम पंकज यादव ने शुक्रवार पूरी रात एक गांव में अलाव सेकते हुए गुजारी और लोगों की समस्याएं सुनीं।
बरेली के डीएम पंकज यादव ने शुक्रवार रात बहेड़ी क्षेत्र के गांव उतरसिया में चौपाल लगाई और लोगों की समस्याओं को सुना। इस दौरान दूसरे अधिकारी भी उनके साथ थे। चौपाल में टेंट लगाकर अधिकारियों ने जनता की समस्याओं को सुना। जब अधिकारियों से सर्दी सहन ना हुई तो फिर अलाव के पास ग्रामीणों की समस्याएं सुनने का सिलसिला चला।
बरेली के डीएम पंकज यादव अपनी अलग कार्यशैली के जाने जाते है । कुछ समय पहले पंकज यादव उस समय भी सुर्खियों में आये थे जब उन्होंने तय समय में शिकायतों का निपटारा नहीं करने पर जिले के करीब 167 आलाधिकारियों का वेतन रुकवा दिया था । शुक्रवार रात डीएम ने एक नई पहल करते हुए खुद सीधे जनता से संवाद करने का फैसला किया और एक बस में बैठाकर अधिकारियों को उतरसिया गांव ले गए ।
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डीएम को अपने बीच पाकर ग्रामीण खुश
डीएम पंकज यादव अधिकारियों के साथ लोगों की समस्याओं को सुनना शुरू किया तो ये सिलसिला शाम से देर रात तक चलता रहा। जब डीएम ने अपने को थका हुआ महसूस किया तो खुद आग के सामने अधिकारियों के साथ बैठ गए और लोगों की समस्याओं को सुनते रहे और सह अधिकारियो को लोगों की समस्यों को जांच करके निपटाने को कहते रहे। पंकज यादव ने मीडिया से बातचीत में कहा कि लोगों से सीधे संवाद करके समस्याओं को करीब से जानना चाहते थे इसीलिए गांव में रात गुजारने का फैसला किया।
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ग्रामीण भी अपने बीच जिले के आलाधिकारयों को देखकर खुश नजर आये। ग्रामीणों का कहना था डीएम साहब के आने से वो खुश हैं। वहीं डीएम पंकज यादव ने इस बात का ख्याल रखा कि गांव के लोगों को उनकी वजह से कोई परेशानी ना हो। एक सरकारी स्कूल के एक कमरे को फाइव स्टार होटल के रूम की तरह सजाया गया था। वहीं डीएम साहब दौरे को यादगार बनाने के लिए मनोरंजन की पूरी व्यवस्था की गई थी। स्थानीय कलाकारों ने डीएम साहब को शायरी और एक से बढ़कर गानें सुनाए।
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