बाढ़ में फंसने पर आया था आइडिया, कर दिया खाली बोतलों से ये आविष्कार
एक लीटर की 96 बोतले, आधा लीटर की 10 बोतले और दो लीटर की 6 बोतलों से एक ऐसी नाव बनाई गई है जो तूफान में भी मुसाफिर की जान को सुरक्षित रखेगी...
वाराणसी। प्लास्टिक की खाली बोतलों से एक ऐसा आइडिया साकार हुआ है कि अब तुफान के बीच नाव पर जिंदगी सलामत रह पाएगी। शख्स को एक हादसे के दौरान ऐसा आइडिया सूझा की जान बचने के बाद उसने आविष्कार ही कर दिया। दरअसल प्लास्टिक की जिन खाली बोतलों को आप फेंक देते हैं उससे एक शख्स ने नाव बना दी है, नाव भी ऐसी की तूफानों में तेज लहरें भी नाव को नहीं डुबा पाएगी।
बाढ़ में बचे थे इन्हीं बोतलों से, तब आया दिमाग में आइडिया
आज तक आपने नदियों में लकड़ी की नाव चलाते हुए देखी होगी पर आज हम आप को दिखाएंगे गंगा की लहरों में बोतल से बनी हुई नाव जो महज 40 किलो वजन की है और जिसमें एक लीटर की 96 बोतले, आधा लीटर की 10 बोतले और दो लीटर की 06 बोतले लगी हैं। इसके आलावा इस नाव में अंधेरे को देखते हुए लाइट की व्यवस्था भी की गई है। इस नाव में हेड लाइट के लिए एलईडी बल्ब का इस्तेमाल किया गया है। दरअसल 12 पावर प्वाइंट लगे इस नाव में एक साथ तकरीबन 20 लोगों की जान बचाई जा सकती है।
ये है बनारस के निषाद राज घाट पर रहने वाले भैया लाल साहनी जिन्होंने पानी पर तैरने वाली बोतलों की नाव बनाई है। भैया लाल बताते हैं की इन्हें गंगा में तैरने का शौक काफी पुराना था और इसी वजह से एक बार वो डूबने से बाल-बाल बचे थे। लेकिन वो हादसा इनके लिए वरदान साबित हुआ और आज एक आविष्कार हो पाया। इन्होंने गंगा में फेंकी हुई बोतलों से अपनी जान बचाई इसके बाद भैया लाल को ये आइडिया मिला और गंगा में फेंकी जाने वाली बोतलों को इकट्ठा कर इन्होंने नाव बना डाली।
गंगा में फेंकी बेकार बोतलों को करते रहे इक्ट्ठा
भैया लाल बताते हैं की इस नाव को बनाने का उनका उद्देश गंगा की सफाई को लेकर है, जिसकी प्रेरणा इन्हें अपने सांसद और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन के बाद मिली। इस नाव की खासियत ये है की ये लकड़ी कि नाव की तरह तैरती तो है लेकिन डूब नहीं सकती। जिसके चलते बाढ़ में फंसे हुए लोगों को बचाया जा सकता है और साथ ही साथ गंगा के निर्मलीकरण में भी ये नाव मुख्य भूमिका निभा सकती है।
घाटों पर घूमने वाले सैलानियों को भी ये बोतल की नाव करती है आकर्षित
घाटों पर घूमने आने वाले भी इस नाव को देखते ही रुक जाते हैं क्योकि उन्होंने भी ऐसी नाव पहले कभी नहीं देखी और भैया लाल के इस कदम की सराहना करते दिखे। भैया लाल के इन प्रयासों से देखने वाला हर शख्स उनकी मेहनत की सराहना कर रहा है और उनकी सोच का सम्मान। वहीं खुद भैया लाल अपने बनाए गए इस नाव को किस तरह और लाभदायक बनाया जाए इस पर काम कर रहे हैं।