टिकट बंटवारे को लेकर अपनादल-भाजपा में अंदरूनी रार, अनुप्रिया नाराज, गठबंधन तोड़ने की नौबत
अनुप्रिया पटेल इतनी ज्यादा नाराज हो गई है कि गठबंधन तोड़ने की नौबत उत्पन्न हो गई है। अपना दल मिर्जापुर में पटेल बाहुल्य चुनार और मडिहान सीट मांग रहा था।
मिर्जापुर। उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले की तीन सीटों पर भाजपा की ओर से प्रत्याशी घोषित किए जाने के बाद से भाजपा अपना दल में अंदरूनी रार चल रही है। सूत्रों से मिली जानकारी से अनुप्रिया पटेल इतनी ज्यादा नाराज हो गई है कि गठबंधन तोड़ने की नौबत उत्पन्न हो गई है। अपना दल मिर्जापुर में पटेल बाहुल्य चुनार और मडिहान सीट मांग रहा था। भाजपा ने मंगलवार को तीसरी सूची जारी की। नगर और मझ्वां सीट के साथ चुनार सीट पर अनुराग सिंह को उम्मीदवार घोषित कर दिया गया है। यही नहीं, भाजपा ने वाराणसी की रोहनियां सीट पर भी अपना प्रत्याशी उतार दिया है। जबकि सांसद बनने से पहले अनुप्रिया पटेल अपना दल से रोहनियां से ही विधायक बनी थीं। चुनार और रोहनियां पर भाजपा की ओर से अपने प्रत्याशी उतारे जाने से अनुप्रिया पटेल नाराज हैं।
मडिहान
सीट
को
लेकर
फंसा
है
पेंच
तीन
सीटों
पर
भाजपा
के
प्रत्याशी
घोषित
होने
के
बाद
अपना
दल
और
भाजपा
में
मडिहान
विधानसभा
सीट
को
लेकर
पेंच
फंसा
है।
सूत्रों
से
मिली
जानकारी
के
मुताबिक,
भाजपा
अपना
दल
को
यूपी
में
13
सीटें
चुनाव
लड़ने
के
लिए
दे
रही
है।
मगर
इन
13
सीटों
पर
भाजपा
अपना
प्रत्याशी
अपना
दल
पर
थोप
रही
है।
इन
पांच
सीटों
में
मिर्जापुर
की
मडिहान
विधानसभा
सीट
भी
शामिल
है।
यहां
से
भाजपा
एक
बड़े
नेता
के
दबाव
में
सपा
छोड़कर
आए
रमाशंकर
पटेल
को
प्रत्याशी
के
रूप
में
अपना
दल
पर
थोप
रही
है।
भाजपा
का
कहना
है
कि
रमाशंकर
को
अपना
दल
का
प्रत्याशी
बनाए
तो
उसे
यह
सीट
मिलेगी।
मगर
अपना
दल
के
नेताओं
का
कहना
है
कि
यह
सीट
उनके
खाते
में
है,
इसलिए
वह
भाजपा
के
किसी
नेता
को
क्यों
चुनाव
लड़ाए।
अनुप्रिया
पटेल
को
रमाशंकर
पटेल
प्रत्याशी
के
रूप
में
पसंद
नहीं
हैं।
अपना
दल
के
लिए
परेशानी
यह
है
कि
भाजपा
उन्हें
वह
सीट
दे
रही
है
जहां
उनका
कोई
जनाधार
नहीं
है।
भाजपा
के
इस
रवैये
से
अनुप्रिया
पटेल
खासी
नाराज
चल
रही
हैं।
वह
मडिहान
सीट
छोड़ना
नहीं
चाहती
हैं।
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है
इसके
मायने
इस
बार
अनुराग
ने
मारी
बाजी
लोकसभा
चुनाव
में
गठबंधन
होने
पर
अनुप्रिया
पटेल
को
टिकट
मिला
था।
अनुराग
भाजपा
की
ओर
से
दावेदार
थे।
पर
गठबंधन
के
चलते
उन्हें
टिकट
नहीं
मिल
सका,
लेकिन
इस
बार
विधानसभा
चुनाव
में
अनुराग
अनुप्रिया
पटेल
पर
भारी
पड़
गए।
अनुप्रिया
चुनार
सीट
को
भाजपा
से
मांग
रही
थीं,
लेकिन
भाजपा
ने
इस
सीट
पर
अनुराग
को
प्रत्याशी
बनाया
है।