नोटबंदी के चलते गई मजदूर की जान, बेटे के इलाज के लिए चाहिए थे पैसे
उत्तर प्रदेश के बरेली में मजदूर की मौत नोटबंदी के कारण हो गई। परिजनों का कहना है कि बेटे के इलाज के लिए पैसे नहीं मिलने से वो सदमे में था।
बरेली। नोटबंदी का असर साफ दिखने लगा है। एक तरफ उद्योग धंधे मंदी के चपेट में आ रहे वही लोग नोटबंदी का सितम नहीं सहने के चलते मौत का शिकार हो रहे है।
बेटे की तबीयत थी खराब
ताजा मामला उत्तर प्रदेश स्थित बरेली के तहसील मीरगंज के गांव चनेहेटा का है जहां एक मजदूर की सदमे के चलते मौत हो गई
परिवार के अनुसार धर्मवीर के बेटे की तबियत कुछ दिनों से खराब चल रही थी। जिसके चलते वह लगातार तीन दिन से बल्लिया स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा की ब्रांच पैसे निकांलने जा रहे थे लेकिन बैंक की बढ़ती भीड़ के चलते धर्मवीर का पैसे नहीं निकाल सके। (इनसेट में मृतक की तस्वीर)
नोटबंदी पर विपक्ष में दिखी दरार, राष्ट्रपति से मिलने नहीं पहुंचे कई दल
इलाज के लिए मांगी मदद, नहीं मिली
इस बात को धर्मवीर बहुत परेशान था। रात को खाना खाने के बाद धर्मवीर सो गया लेकिन आधी रात के बाद धर्मवीर की तबियत खराब हुई और सीने में दर्द बताते हुए दम तोड़ दिया।
वहीं धर्मवीर के भाई हीरा लाल का कहना है कि पड़ोस के लोगों से बेटे के इलाज के लिए मदद मांगी लेकिन उन्हें मदद नहीं मिली।
पार्टी बैठक में भड़के अमित शाह ने कहा, ये मनमोहन सिंह की सरकार नहीं है
जागा प्रशासन, मदद दिलाने का आश्वासन
धर्मवीर की मौत से प्रशासन भी जागा है। तहसीलदार के आदेश पर लेखपाल ने पहुंचकर मृतक के परिवार से बात की वहीं प्रशासन की ओर से पूरी मदद दिलाने का आश्वासन दिया है। इस मौत से यह बात तो साफ है कि सरकार ने नोटबंदी करके सबसे ज्यादा नुकसान आम आदमी का किया है।
Paytm के साथ 6.15 लाख की धोखाधड़ी, 48 ग्राहकों ने लगाया चूना
सांसद ने किया है दावा
बता दें कि 8 नवंबर को नोटबंदी के फैसले के कारण अब तक कथित तौर पर 50 से ज्यादा मौते हो चुकी हैं लेकिन तृणमूल सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने दावा किया है कि नोटबंदी के कारण होने वाली मौतों की संख्या 100 तक पहुंच चुका है। सांसद के मुताबिक सबसे ज्यादा लोगों की मौत यूपी में हुई है।