बाप को बार-बार डंसता था सांप, बेटी ने किया ऐसा काम कि चारों तरफ हो रही है तारीफ
आज भी बहुत से लोग मानते हैं कि बेटी जब कंधे तक हो जाती है तो वह पिता के लिये बोझ बन जाती है। लेकिन यह सोच मोनिका ने गलत साबित कर दी।
इलाहाबाद। घर में शौचालय नहीं था तो एक बाप शौच के लिये बाहर जाता था। लेकिन संयोग देखिये शौच जाते समय उसे अब तक तीन बार सांप डंस चुका था। बड़ी मुश्किल सी उसकी जान बच पाई थी। शौच के लिए बाहर जाते वक्त पिता के सिर पर मौत का खतरा मंडराता देख हाईस्कूल में पढ़ रही बेटी ने पिता की जान बचाने के लिये स्वयं फावड़ा उठा लिया और जुट गई शौचालय निर्माण में।
बेटी ने सोचा कि जब पिता शौचालय के लिए बाहर जायेंगे ही नहीं तो भी सांप भी उन्हे नहीं डंस पायेगा। बेटी के बुलंद हौसले में साथ देने मां भी शामिल हो गई तो महिला ग्राम प्रधान ने शौचालय निर्माण के लिए सरकार की ओर से प्रोत्साहन राशि दिलाने का आश्वासन दिया है। खबर सरकारी महकमे तक पहुंची तो अधिकारियों ने बेटी के इस साहस को सलाम किया । अब मोनिका नाम की इस छात्रा के जज्बे की कहानी प्रतापगढ़ जिले में स्वच्छ भारत मिशन के लिए मिसाल बन रही है।
बेटी पिता पर नहीं होती बोझ
आज भी बहुत से लोग मानते हैं कि बेटी जब कंधे तक हो जाती है तो वह पिता के लिये बोझ बन जाती है। लेकिन यह सोच मोनिका ने गलत साबित कर दी। सही तो यह है कि जब बेटी समझदार हो जाती है उसी दिन वह बड़ी हो जाती है। कम से कम स्वच्छ भारत मिशन को तवज्जो न देने वालों को मोनिका से प्रेरणा लेनी चाहिए कि जो काम पिता को बेटी के लिये करना था अब वह काम हाईस्कूल की छात्रा कर रही है।
गरीबी है लेकिन हौसले बुलंद
प्रतापगढ़ के सदर ब्लॉक में भगेसरा गांव में सामान्य सी दलित बस्ती है। इसी बस्ती में रामपाल सरोज का चार सदस्यीय परिवार भी रहता है। उसके दो बेटियां हैं, जो उसके लिये बेटों से बढ़कर हैं। बड़ी बेटी मोनिका गांव में ही स्थित बृजराज इंटर कॉलेज में हाईस्कूल की छात्रा है जबकि छोटी बेटी खुशबू कक्षा नौ में पढ़ती है। कच्चे मकान में रहने वाला रामपाल मजदूरी कर किसी तरह दो जून की रोटी के अलावा बेटियों को शिक्षा के लिए पैसों का इंतजाम कर पाता है। लेकिन बेटियों में गरीबी से कहीं अधिक हौंसला पिता ने परवरिश में दिया था । जिसका जीता जागता उदाहरण अब दिखने लगा है । इसे भी पढ़ें- OMG! खतरनाक अजगर के साथ सोती थी महिला और फिर...
बार बार रामपाल सांप का बन रहा था शिकार
कई महीने पहले रामपाल रात में शौच के लिए घर से निकला था। रास्ते में उसे सांप ने डस लिया। मदद की चीख सुनकर परिजन व बस्ती के लोग पहुंचे और उसे लेकर जिला अस्पताल पहुंचे। अस्पताल में दो दिन इलाज के बाद उसकी जान बच पायी। लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि उस स्थान पर शौच जाते वक्त सांप ने दो बार और डस लिया।
जनवरी में बिगड़े हालत
रामपाल को आखिरी बार जनवरी में शौच जाते वक्त सांप ने डसा था। लेकिन तब रामपाल की तबीयत कुछ ज्यादा ही बिगड़ गयी। तब परिजनों को उसे लेकर इलाहाबाद तक जाना पड़ा। जहां प्राइवेट अस्पताल में इलाज के बाद रामपाल जिंदा बच सका। लेकिन गरीब परिवार इलाज कराने में कर्ज लेता रहा और अब कर्ज व दो वक्त की रोटी के बीच रामपाल का परिवार फंस चुका था।
रामपाल चला गया मुंबई
सांप के खौफ से रामपाल डर चुका था । उपर से कर्ज के बोझ ने उसे पैसे कमाने के लिए रामपाल मुम्बई की ओर भेज दिया। रामपाल इस समय मुंबई में ठेले पर फल बेचता है। और यहां उसका पूरा परिवार उसके वापस आने की राह देख रहा है। गांव में चर्चा थी कि एक ही सांप रामपाल को बार-बार डस रहा है। ऐसे में रामपाल की बड़ी बेटी मोनिका के मन में विचार आया कि यदि शौच के लिए बाहर जाने पर ही सांप डस रहा है तो क्यों न घर पर ही शौचालय का निर्माण कर लिया जाए। अपनी इस सोच को साकार करने के लिए मोनिका ने अगले दिन ही अपनी मां तेरसी के साथ शौचालय निर्माण के लिए गड्ढा खोदना शुरू कर दिया। जिससे रामपाल के गांव अपने परिवार के पास वापस आने की राह खुल सकेगी।
मिलेगी सरकारी मदद
मोनिका के शौचालय निर्माण के लिए स्वयं गड्ढा खोदने की जानकारी जब प्रधानपति अजय कुमार मौर्य को हुई तो वह मौके पर पहुंच गए। उन्होंने रामपाल की बेटी व पत्नी को आश्वासन दिया कि वह शौचालय निर्माण में जिला प्रशासन की ओर से मिलने वाली प्रोत्साहन राशि दिला देंगे। इससे मोनिका का चेहरा खिल उठा। प्रोत्साहन राशि के लिए प्रधानपति की ओर से प्रस्ताव तैयार कर ब्लॉक को आर्डिनेटर सविता सिंह को दिया गया है। ब्लाक के अधिकारियों ने मोनिका का हौसलाअफजाई करते हुई उसके साहस की कहानी डीएम को बताई और अब गांव गांव मोनिका की स्वच्छ भारत मिशन को बढावा देगी। जिला पंचायत राज अधिकारी कुंवर सिंह ने बताया कि मोनिका जैसी छात्राएं स्वच्छ भारत मिशन के लिए मिसाल हैं। उसका हौसला काबिले तारीफ है।शौचालय निर्माण के लिए उसे प्रोत्साहन राशि मुहैया करा दी जाएगी। बल्कि जिले से भी मोनिका के लिये अलग से पुरस्कार की व्यवस्था होगी।