अस्पताल में पिता का खून देखकर बेटी ने आंख बंद नहीं की...खोल दी
जब तक नर्स आती तब तक ड्रिप में खून आने लगा, जिससे पापा को बहुत तकलीफ हुई।
वाराणसी। मुंबई की रहने वाली 15 साल की छात्रा आंचल सिंह ने अब अस्पताल में भर्ती मरीजों की असुविधा से निजात दिलाने के लिए एक डिजिटल ड्रिप स्टैंड का आविष्कार किया हैं। इस डिजिटल ड्रिप स्टैंड के एक तरफ जहां मरीजों को बेहतर सुविधा मिलगी वहीं स्टाफ रूम में बैठ हुए अस्पताल के कर्मचारियों को भी मरीजों को चढ़ाए जाने वाले ड्रिप की जानकारियां मिलती रहेगी और वो आसानी से उसे बदल सकेंगे। आंचल ने OneIndia से बात करते हुए कहा कि ये डिजिटल स्टैंड मैंने उसी दिन बनाने का संकल्प लिया था जब बीमारी से ग्रस्त मेरे पिता अस्पताल में भर्ती थे और देरी के चलते उसकी नसों से खून आना शुरू हो गया था।
पिता के स्वास्थ्य से हुई लापरवाही तो बेटी ने ली प्रेरणा
मुंबई की रहने वाली आंचल के पिता अखिलेश सिंह मुंबई के एक पेट्रोल पंप पर पेट्रोल भरने का काम करते हैं। मां नीतू सिंह हॉउस वाइफ हैं। एक छोटा भाई अनुराग है। वो मुंबई के एबेन इंजर इंग्लिश हाईस्कूल में क्लास 9th में पढ़ती हैं। आंचल वाराणसी में कैथी गांव अपनी दादी के घर छुट्टियों में घूमने आई हैं और यहीं पर उसने इस डिवाइस को डेवेलप किया। आंचल के मुताबिक, एक बार पापा काफी बीमार हो गए थे, उन्हें हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था। जहां उन्हें ड्रिप लगाई गई, ग्लूकोज बोतल के खत्म होने की जानकारी देने के लिए किसी न किसी को लगातार देखना पड़ता था। एक बार बोतल खत्म हो गई, नर्स बुलाने के लिए मां दौड़कर स्टाफ रूम गई। जब तक नर्स आती तब तक ड्रिप में खून आने लगा। जिससे पापा को बहुत तकलीफ हुई। हॉस्पिटल से डिस्चार्ज होने के बाद मेरे मन ये बात थी कि इस समस्या का हल होना चाहिए ताकि किसी पेशेंट को ये तकलीफ न हो। हमारे देश में ऐसे बहुत से लोग हैं जो केवल हॉस्पिटल के भरोसे रहते हैं उनका क्या होगा। इसी के बाद मैंने ये डिवाइस बनाने की सोची।
50 मीटर तक काम करेगा ये डिवाइस
ये डिवाइस रेडियो फ्रिक्वेंसी के जरिए वेट सिस्टम पर आधारित है। आंचल ने बताया स्टैंड और पानी की बोतल वहीं है, बस जिस हुक पर बोतल को लटकाया जाता है। उसमें खुद का डेवेलप किया डिवाइस लगा दिया है। ये डिवाइस 50 मीटर की रेंज तक आसानी से काम करेगा। इसमें एक साथ 5 बेड को अटैच किया जा सकता है। बोतल में ग्लूकोज खत्म होते ही स्टाफ रूम में लगे वायरलेस बोर्ड पर बेड नंबर के साथ लाइट जलने लगेगी। इससे स्टाफ को मालूम हो जाएगा की किस बेड पर ड्रिप बोतल खत्म हो रही है।
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