सहारनपुर जातीय दंगा: मुंह पर कपड़ा बांधने पर बैन, पढ़िए ताजा हाल
शब्बीरपुर और मिर्जापुर में जातीय दंगे के बाद सहारनपुर में कर्फ्यू जैसे हालात बने हुए हैं। मुंह पर कपड़ा बांधकर चलने पर बैन लगा दिया गया है।
सहारनपुर। यूपी में सहारनपुर के गांव शब्बीपुर और मिर्जापुर में हुए जातीय दंगे के बाद सहारनपुर जनपद के आधा दर्जन से अधिक गांवों के गली मोहल्लों में पूरी तरह से सन्नाटा पसरा हुआ है। बाइक सवार अज्ञात हमलावरों की गोली से घायल हुए ठाकुर बिरादरी के युवक की हालत स्थिर बनी है और चंडीगढ़ में उसका इलाज चल रहा है। पूरे जनपद में तनावपूर्ण माहौल बना है और अघोषित कर्फ्यू जैसे हालात बने हैं।
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अपने-अपने घरों में दुबके हुए हैं लोग
दंगे के तीसरे दिन गांव शब्बीरपुर, मिर्जापुर, आसनवाली समेत आधा दर्जन गांवों में गुरुवार को पूरी तरह से सन्नाटा पसरा रहा। गांव की गलियों में कोई भी आदमी दिखाई नहीं दे रहा था। सभी ग्रामीण अपने-अपने घरों में दुबके हुए हैं। किसान और खेतीहर मजदूर काम करने के लिए डर के मारे खेतों पर नहीं जा पा रहे हैं। इन सभी गांवों में कर्फ्यू जैसे हालात बने हैं।
ग्रामीणों से शांति बनाए रखने की अपील
तत्कालीन डीएम और एसएसपी के निलंबित होने के बाद शासन से भेजे गए नवागत डीएम प्रदीप कुमार पांडे ने देर रात 11 बजे ही अपना चार्ज संभाल लिया था। उधर, नवागत एसएसपी बबलू कुमार ने भी विधिवत रुप से चार्ज संभाल लिया है। दोनों ही अधिकारियों ने जनपद में शांति व्यवस्था कायम करने की दिशा में पहल शुरू कर दी है। सुबह डीएम पीके पांडे सबसे पहले जिला अस्पताल पहुंचे और यहां पर भर्ती दंगे के घायलों से मुलाकात की।
इसके बाद वह गांव आसनवाली पहुंचे और यहां के घायल ठाकुर बिरादरी के प्रदीप चौहान के परिजनों से मुलाकात की। उन्होंने भरोसा दिलाया कि हमलावरों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। इसके बाद डीएम सीधे गांव शब्बीरपुर पहुंचे और यहां पर दोनों ही पक्षों के पीड़ितों से बारी-बारी से मुलाकात की और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई का भरोसा दिलाया। उन्होंने अपील भी की कि ग्रामीण शांति बनाए रखे। अफवाहों पर ध्यान न दें।
सहारनपुर में वाहनों की चेकिंग
एसएसपी बबलू कुमार ने गुरुवार से वाहनों की चेकिंग प्रारंभ करा दी है। पुलिस को सख्त हिदायत दी गई है कि मुंह पर कपड़ा बांधकर बाइक, स्कूटर अथवा अन्य वाहन चलाने वाले लोगों की विशेष चेकिंग की जाए।
मुंह पर कपड़ा बांधने पर लगा प्रतिबंध
एसएसपी से मिले आदेश के बाद जनपद में विशेष अभियान चलाया जा रहा है। मुंह पर कपड़ा बांधकर चलने वाले वाहन चालकों को रोक कर उनका न केवल चेहरा देखा जा रहा है, बल्कि उन्हें मुंह पर कपड़ा बांधकर न चलने की हिदायत भी दी जा रही है।
दो दिन पहले हुए जातीय दंगे के बाद अब पुलिस प्रशासन अपनी पूरी फोर्म में नजर आ रहा है। गुरुवार को भरी धूप में मुंह पर कपड़ा बांधकर चलना पूरी तरह से बेन कर दिया गया है। यह व्यवस्था इसलिए की गई है कि मुंह पर कपड़ा बांधकर आने वाले उपद्रवियों द्वारा किसी पर भी हमला किए जाने पर उपद्रवी की पहचान की जा सके। यह व्यवस्था महिला पुरुष सभी के लिए समान रहेगी।
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