पीएम नरेंद्र मोदी की रैली के लिए काट दी 27 बीघा खड़ी फसल
27 फरवरी को मऊ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली होगी जिसकी तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है। इसके लिए 27 बीघा हरी फसल काटी गई है।
मऊ। उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव चरम पर है। भाजपा की चुनावी जनसभा को संबोधित करने के लिए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मऊ आ रहे हैं। पीएम की जनसभा स्थल के लिए 27 बीघा खड़ी फसल काट दी गई।
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22 बीघा में जनसभा, 5 बीघा में हेलीपैड
हरी फसल कटने के बाद पीएम के कार्यक्रम स्थल और हेलीपैड को बनाया जा रहा है। पीएम के कार्यक्रम को लेकर एसपीजी डेरा डाले हुए है। वहीं कार्यक्रम को देखते हुए कई केंद्रीय नेता भी मऊ पहुंच चुके हैं। मऊ शहर से सटे भुजौटी के पास जनसभा स्थल पर 22 बीघा के में जनसभा और 5 बीघे में हेलीपैड बनाया जा रहा है।
दो हेलीकॉप्टर ने की ट्रायल लैंडिंग
हलांकि हरी गेंहू की फसल काटने के बाद किसानों को उसका मुआवजा दे दिया गया। शनिवार को वायुसेना के दो हेलीकॉप्टर ने ट्रायल लैंडिंग की। पहले वायुसेना का एक हेलीकॉप्टर उतरा, उसके बाद एम आई 18 हेलीकॉप्टर की भी ट्रायल लैंडिंग की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनसभा 27 फरवरी को 12 बजे होनी है। बताते चलें कि पीएम की जनसभा पहले घोसी विधानसभा के माउरबोझ में होने वाली थी। लेकिन किन्हीं कारणों से वहां से जनसभा मऊ मुख्यालय पर शिफ्ट हो गई।
विधानसभा चुनाव में पूर्वांचल में दिग्गजों का दौर
उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में पूर्वांचल का अपना एक खासा योगदान है। पूर्वी उत्तर प्रदेश और मध्य यूपी के मतदान खत्म होने के बाद अब पूर्वांचल में चुनावी जंग को दिग्गज तैयार हो चुके हैं। नरेंद्र मोदी-अमित शाह, राहुल-अखिलेश और मायावती सहित कई दिग्गजों का दौरा पूर्वांचल में लगा हुआ है। बताते चलें कि उत्तर प्रदेश में पूर्वांचल का महत्व इसलिए सबसे ज्यादा है क्योंकि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सपा के संरक्षक मुलायम सिंह यादव व रेल राज्य मंत्री सहित कई सांसद और केंद्रीय मंत्री इन्हीं इलाकों से आते हैं। ऐसे में पूर्वांचल में हर पार्टी अपनी साख बचाने और मजबूत करने के लिए तैयार है।
पूर्वांचल पर है सबकी नजर
पूर्वांचल में वाराणसी, चंदौली, भदोही, मिर्जापुर, मऊ आजमगढ़, बलिया, मिर्जापुर, जौनपुर, देवरिया, सलेमपुर, सहित कई जिले आते हैं। यहां पर सबसे बड़ी चुनौती भाजपा के सामने है। बीते लोकसभा के चुनाव मे जिस प्रकार से जीत भाजपा को मिली थी, क्या भाजपा उसे बरकरार रख पाएगी? वहीं समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के सामने सबसे बड़ी चुनौती 2012 में मिली सफलता को दोहराकर सरकार बनाने की है। पिछली बार उन्होंने अकेले ही पूरे उत्तर प्रदेश में रथ निकालकर सरकार बनाई थी। लेकिन इस बार उनके साथ कांग्रेस का बड़ा हाथ है।
वहीं बहुजन समाज पार्टी दलित-मुस्लिम फैक्टर से अपनी जीत की राह को आसान करने में लगी हुई है। कभी साइकिल पर सवार बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी आज बसपा के टिकट पर बेटे के साथ चुनाव मैदान में हैं। ऐसे में पूर्वांचन में सबसे ज्यादा मऊ जिले की सीट पर सबकी नजर बनी हुई है।