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चौथे चरण में आखिरकार काम आ सकता है सपा के लिए कांग्रेस का साथ

कांग्रेस के साथ सपा का गठबंधन चौथे चरण में हो सकता है अहम, सपा के पक्ष में जा सकता है कांग्रेस का गठबंधन।

By Ankur
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में तकरीबन आधी से ज्यादा सीटों पर मतदान हो चुका है और आज चौथे चरण में 53 सीटों पर मतदान हो रहा है। चौथे चरण में बुंदलेखंड, इलाहाबाद, प्रतापगढ़, कौशांबी और रायबरेली में मतदान हो रहा है। इन तमाम जिलों में कई ऐसे जिले हैं जिसे कांग्रेस का गढ़ माना जाता है, इस चरण में कांग्रेस ने भाजपा से अधिक सीटें 2012 में हासिल की थी, हालांकि 2014 में नतीजे बिल्कुल अलग थे। यह पहला ऐसा चरण है जहां मुस्लिम वोट बड़ी भूमिका नहीं निभाएंगे।

मुस्लिम वोटर नहीं हैं निर्णायक

मुस्लिम वोटर नहीं हैं निर्णायक

बुंदेलखंड में मुस्लिमों की कुल आबादी 10 फीसदी से अधिक है, जिसमें ललितपुर, चित्रकूट में मुस्लिम आबादी 5 फीसदी से भी कम है। वहीं प्रतापगढ़, राय बरेली, कौशांबी, इलाहाबाद में भी मुस्लिमों की आबादी कम है। 2011 के जनगणना के अनुसार प्रदेश में कुल 19.3 फीसदी मुस्लिम आबादी के लिहाज से यहां सिर्फ 12 फीसदी ही मुस्लिम हैं।

सपा-बसपा के बीच हुई थी 2012 में कांटे की टक्कर

सपा-बसपा के बीच हुई थी 2012 में कांटे की टक्कर

पिछले विधानसभा चुनाव पर नजर डालें तो सपा और बसपा के बीच लड़ाई काफी टक्कर की थी, सपा को कुल 26.4 फीसदी तो बसपा को 26 फीसदी वोट इस चरण में हासिल हुए थे, जिसके चलते सपा को 24 सीट जबकि बसपा को 15 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। वहीं कांग्रेस ने 15.4 फीसदी वोटों हासिल करके 6 सीटों पर जीत हासिल की थी, वहीं भाजपा चौथे स्थान पर ही और उसे वोट फीसदी और सीटों दोनों पर ही कुछ खास लाभ नहीं हुआ।

बुंदलेखंड में सपा के लिए मददगार कांग्रेस

बुंदलेखंड में सपा के लिए मददगार कांग्रेस

बुंदेलखंड कांग्रेस के लिए हमेशा से ही अहम रहा है, ऐसे में समाजवादी पार्टी के साथ कांग्रेस का गठबंधन सपा के लिए लाभकारी साबित हो सकता है। इन जगहों पर बसपा का मौजूदगी काफी अच्छी है, पिछले दो दशकों में बसपा ने अपनी पैठ यहां मजबूत की है। वहीं भाजपा के लिए उमा भारती जैसी नेता काफी अहम हैं और उनकी बुंदलेखंड में काफी अच्छी पैठ है, ऐसे में पार्टी को इसका लाभ हो सकता है। इस चरण में भाजपा के लिए अपना दल का साथ भी काफी अहम होगा, फतेहपुर, प्रतापगढ़ में भाजपा का अपना दल के साथ गठबंधन कुर्मी वोटों को उसके पक्ष में ले जा सकता है।

भाजपा के लिए अहम है अनुप्रिया का साथ

भाजपा के लिए अहम है अनुप्रिया का साथ

लोकसभा चुनाव के दौरान के भाजपा को इस चरण में 53 में से 37 सीटों पर जीत हासिल हुई थी, जबकि अनुप्रिया पटेल की पार्टी अपना दल को चार सीटें हासिल हुई थी। दोनों के साझा वोटों पर नजर डालें तो कुल 41.7 फीसदी वोट इस क्षेत्र में दोनों को मिला था। यह मत फीसदी भाजपा के लिए राज्य में कुल औसत वोटर से कुछ ही कम है, ऐसे में अपना दल और भाजपा के साथ आने से दोनों की मजबूती का अंदाजा लगाया जा सकता है।

रायबरेली में मिलेगा लाभ

रायबरेली में मिलेगा लाभ

वहीं दूसरी जगहों पर नजर डालें तो रायबरेली और अमेठी की कुछ सीटों पर लोकसभा के चुनाव परिणाम कुछ अलग ही थे, कांग्रेस ने इन जगहों पर सात सीटों पर बढ़त ली और उसे कुल 12.5 फीसदी वोट मिला, वहीं सपा को पांच क्षेत्रों में बढ़त मिली, जबकि बसपा को यहां बैरंग लौटना पड़ा। यहां गौर करने वाली बात है कि इस बार 2014 की तरह मोदी लहर नहीं है ऐसे में कांग्रेस के गठबंधन का सपा को इस चरण में हो सकता है।

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English summary
Congress may be a great companion for Samajwadi party in fourth phase. Absence of Modi wave may help congress and SP.
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