मामा निकला कंस, जंगल में भांजे को कैदकर मांगी फिरौती, भूख-प्यास से बच्चे की हुई मौत
बच्चे के हाथ, पैर, मुंह पर टेप बांधने से बच्चे का दम घुट गया। वो घंटों भूखा-प्यासा मदद के इंतजार में जिंदा रहा लेकिन पुलिस के पहुंचने में देर हो गई।
इलाहाबाद। कौशांबी में शुक्रवार सुबह अपहरण हुए 3 साल के दिव्यांश की हत्या कर दी गई। फिरौती की रकम न मिलने पर उसे बेरहम मौत दे डाली। पुलिस ने दोनों अपहरणकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया है। दोनों नजदीकी रिश्तेदार बताए जा रहे हैं। इनकी निशानदेही पर बड़हरी जंगल में एक पुलिया के नीचे से दिव्यांश का शव बरामद किया गया। दिव्यांश के मुंह, हाथ और पैर में टेप चिपका हुआ था। जबकि उसके शरीर पर चोट के निशान भी है। माना जा रहा है कि भूख प्यास से तड़पकर और दम घुटने से बच्चे की मौत हुई है।
मामा निकला अपहरणकर्ता
दिव्यांश का अपहरण रिश्ते में मामा लगने वाले आलोक और टीटू ने किया था। ये बच्चे के मामा सुधीर सिंह के बुआ के लड़के हैं। यानी रिश्ते में खुद भी दिव्यांश के मामा लगते थे। इन्होंने बच्चे को पहले किडनैप किया फिर अपने मामा के लड़के यानी सुधीर से फिरौती मांगी। पुलिस ने धमकी देने वाले मोबाइल नंबर को सर्विलांस पर लगाया तो इनकी लोकेशन ट्रेस हो गई। पुलिस ने घेराबंदी कर दोनों को दबोचा तो अपहरण की कहानी साफ हो गई। बच्चे का शव घर आते ही परिजनों में कोहराम मच गया है।
जंगल में रखा था छुपाकर
अपहरणकर्ताओं को पता था कि पुलिस मोबाइल सर्विलांस पर लगा सकती है। इसलिए वो बच्चे को अपने साथ नहीं ले गए। बच्चे को बड़हरी जंगल में एक पुलिया के नीचे छिपा दिया गया। लेकिन बच्चे के हाथ, पैर, मुंह पर टेप बांधने से बच्चे का दम घुट गया। वो घंटों भूखा-प्यासा मदद के इंतजार में जिंदा रहा लेकिन पुलिस के पहुंचने में देर हो गई और बच्चे की जान चली गई।
क्या हुआ था?
शुक्रवार की सुबह कौशांबी के पश्चिम शरीरा थाना से कुछ दूरी पर समीर सिंह का तीन साल का बेटा दिव्यांश अकेला ही खेल रहा था। तभी दो नकाबपोश युवक ने बच्चे का अपहरण कर लिया। सूचना के बाद काफी देर में पुलिस पहुंची। पड़ताल में पुलिस की कई टीमें लगी। घटना के लगभग एक घंटे बाद बच्चे के ननिहाल में मामा अमर सिंह के पास अपहरणकर्ताओं का फोन आया। बच्चे के एवज में फिरौती की मांग की गई।