मोदी की प्रेरणा से महिलाओं का नेक काम, किसानों की किल्लत दूर करेगा कैशलेस बैंक
पहुंच से दूर होती खेती और महंगे होते इसके संसाधन की समस्या का मुकाबला करने के लिए अब वाराणसी के नागेपुर गांव की महिला किसान आगे आई हैं।
वाराणसी। भारत को कभी सोने की चिड़िया कहा जाता था क्योंकि इस देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती यहां की खेती देती थी लेकिन आज खेती करने वाला किसान बेहद परेशान है। महंगाई ने इनकी कमर तोड़ दी है, ऐसे में किसानों की मदद के लिए पीएम के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में महिला किसान आगे आई हैं। इन किसानों ने अपना अलग एक बीज बैंक खोला है। इसे 'अपना बीज बैंक' नाम भी दिया गया है। इस बैंक में पैसा नहीं देना होगा बल्कि इसका सदस्य बनकर कोई भी किसान बीज के बदले बीज प्राप्त कर सकता है इस बीज बैंक के खुलने से किसान बहुत खुश है।
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किस तरह काम करता है ये बैंक
पहुंच से दूर होती खेती और महंगे होते इसके संसाधन की समस्या का मुकाबला करने के लिए अब वाराणसी के नागेपुर गांव की महिला किसान आगे आई हैं। इन महिलाओं ने महिला सशक्तिकरण का परिचय देते हुए एक बीज बैंक की स्थापना की है। इस अनोखे बीज बैंक का मकसद है जरूरतमंद महिला किसानों की मदद करना। इस बैंक में पैसा नहीं देना होगा बल्कि इसका सदस्य बनकर कोई भी किसान बीज के बदले बीज प्राप्त कर सकता है। बस इसके बदले में उसे किसी दूसरी प्रजाति के बीज बैंक में जमा कराने होंगे। फसल तैयार होने पर भी किसान बीज के बदले बीज दे सकता है।
किसने खोला है ये बैंक?
गांव में ही स्थित एक आश्रम की महिलाओं ने इस बैंक को खोला है। खुद के जुटाए हुए रुपए से तैयार कर ये स्थान आश्रम के लोगों ने गांव की भलाई के लिए दिया है। बैंक की नीव रखने वाली अनीता ने बताया कि किसानों की समस्या को ध्यान में रखकर इस बैंक को खोला गया हैं। इस बीज बैंक में भारतीय देसी प्रजाति के सभी फल, सब्जी, अनाज, दलहनी और तिलहनी वगैरह की उन्नतशील बीजों का संग्रह होगा। अपने आप में अनोखा ये बीज बैंक फिलहाल किसानों के सामने खड़ी बीज समस्या का समाधान करेगा। खेती लगातार महंगे होते बीज के चलते बढ़ रही है जिससे लागत को कम करने में इससे काफी मदद मिलेगी। दूसरी ओर उन्नतशील देसी बीज से पैदा अनाज, दालें और सब्जियां स्वास्थ्य की दृष्टि से भी काफी लाभदायक होंगी।
क्या कहती हैं महिला किसान?
इस बीज बैंक के खुलने से गांव की महिला किसानों के चेहरे खिल गए हैं। गांव की ही महिला किसान सीता और सुमन का कहना है की जो बीज हम बाजार से महंगे दामों पर खरीदते थे वो जल्द ही खराब हो जाते थे, अब इस बैंक के माध्यम से हमें मुफ्त में बेहतर बीज मिलेंगे जिससे हमारी खेती को नया आयाम मिलेगा और हमारी जिंदगी बदल जाएगी।
अनोखा है ये बैंक
रुपए के लेन-देन से हटकर ये अनोखा बीज बैंक गांव के किसानों को काफी राहत दे रहा है। अब किसानों को बीज की गुणवत्ता के बारे में ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है। पहले किसानों को बीज के लिए काफी सोचना पड़ता था तो उन्हें अब इस बैंक के खुल जाने से आसानी से बीज प्राप्त हो जाएगा। शर्त सिर्फ इतनी है की बीज के बदले बीज ही देना होगा।
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