बेटी के भविष्य का लालच दिखाकर पिता को बनाया जा रहा है शिकार, देखिए VIDEO
लखनऊ के आईजी जोन ने दो लाख ऐसे आवेदन प्राप्त किए जिसे आर्थिक सहायता के बाद भेजा गया था...करोड़ों का घोटाला कर जालसाज बड़ी सफाई से अपने गुनाह मिटा रहा था...
रायबरेली। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना से ही लोगों का ठगा जा रहा है। प्रदेश ही नहीं भारत सरकार की इस महत्वपूर्ण योजना जो चुनिंदा जिलों में लागू है, बेटियों के भविष्य का लालच दिखाकर पिता को शिकार बना रही है। इस योजना के संचालन की जिम्मेदारी जिला प्रोबेशन अधिकारी की है। ऐसे में ये अधिकारी पात्रों के साथ अपात्रों को भी इस योजना का लाभ देने की एवज में सुविधा शुल्क वसूलते हैं। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के क्षेत्र रायबरेली में बिना योजना लागू हुए लाखों रुपए के लेन-देन और फर्जी फॉर्मों को भराकर रुपए वसूलने का गोरखधंधा चल रहा है।
जहां लागू नहीं है योजना वहां भी हो रहा है घोटाला
चैंकाने वाली बात ये है कि इस गोरखधंधे ने इस योजना के तहत रायबरेली जनपद में भी मोटी रकम और अधिकारियों, कर्मचारियों की सांठगांठकर सैकडों फॉर्म भी भरवा दिए। इन फॉर्मों में अधिकांश रायबरेली के डलमऊ कोतवाली क्षेत्र के हैं। इस गोरखधंधे का खुलासा तब हुआ जब आईजी जोन लखनऊ ने 8 अप्रैल 2017 को दो लाख आर्थिक सहायता से संबंधित आवेदन पत्रों के आधार पर रायबरेली पुलिस को एफआईआर पंजीकृत कर विवेचना के आदेश दिए थे। जिसके तहत रायबरेली शहर कोतवाली में 17 अप्रैल को अभियोग पंजीकृत भी हुआ और यहां से गोरखधंधे की पुलिसिया जांच शुरू हुई।
सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र में इतना बड़ा घोटाला
चैंकाने वाली बात ये है कि इस गोरखधंधे ने इस योजना के तहत रायबरेली जनपद में भी मोटी रकम और अधिकारियों, कर्मचारियों की सांठगांठकर सैकडों फॉर्म भी भरवा दिए। इन फॉर्मों में अधिकांश रायबरेली के डलमऊ कोतवाली क्षेत्र के हैं। इस गोरखधंधे का खुलासा तब हुआ जब आईजी जोन लखनऊ ने 8 अप्रैल 2017 को दो लाख आर्थिक सहायता से संबंधित आवेदन पत्रों के आधार पर रायबरेली पुलिस को एफआईआर पंजीकृत कर विवेचना के आदेश दिए थे। जिसके तहत रायबरेली शहर कोतवाली में 17 अप्रैल को अभियोग पंजीकृत भी हुआ और यहां से गोरखधंधे की पुलिसिया जांच शुरू हुई।
मोदी जी...अधिकारी ही कर रहे हैं गोलमाल
यही नहीं इस गोरखधंधे में कही न कही इस विभाग के आलाधिकारी की भी संलिप्तता उजागर हो रही है क्योंकि जब 17 अप्रैल को शहर कोतवाली में मुकदमा दर्ज हुआ उसके एक महीने बाद जिला प्रोबेशन अधिकारी ने अखबारों के माध्यम से एक प्रेस नोट छपवाया जिसमें ये उल्लेख किया कि इस नाम से कोई योजना संचालित ही नहीं है। यही नहीं इसके फॉर्म बेचने और खरीदने वालों पर कार्रवाई की बात कही। सवाल ये उठता है कि जब एक महीने पहले कोतवाली में मुकदमा दर्ज हुआ तो ये जनाब अभी तक कहा सो रहे थे या फिर ये अपने बचाव के लिए अब प्रेस नोट जारी करवा रहे हैंl इसके बाद जब कोतवाली से पुलिस ने विकास भवन पहुंचकर जिला प्रोबेशन अधिकारी से पूछताछ की तो मामला उजागर हुआ।
बेटी के भविष्य से भी खिलवाड़
पुलिस ने खुद कहा कि जिन लोगों के फॉर्म में नाम हैं उनसे हम लोगों ने बात की लेकिन उन लोगों को इस गोरखधंधे की कोई जानकारी ही नहीं। सवाल ये उठता है कि जब इस नाम से रायबरेली में कोई योजना संचालित ही नहीं तो ये फॉर्म कहा से आए और इसके पीछे कौन गोरखधंधा चला रहा है। कहीं न कहीं जिला प्रोबेशन अधिकारी की भी इसमें संलिप्तता लगती है क्योकि एक महीने पहले कोतवाली में इस सबंध में अभियोग पंजीकृत हुआ था और ये जनाब एक महीने बाद लोगों को जागरुक करने के लिए प्रेस नोट अखबारों मे छपवाते हैं। खैर अब ये तो जांच का विषय है कि इसमें दोषी कौन है पर जिन लोगों ने फॉर्म भरे आज वही लोग बता रहे हैं कि उन्होंने अपनी बेटी के भविष्य के लिए रकम चुकाई है।
देखिए VIDEO...