बुलंदशहर: सपा से निकाले गए बाहुबली, आरएलडी की टिकट पर लडे़ंगे चुनाव
गुडडू पंडित ने गुरूवार को अपने आवास पर मार्गदर्शक बैठक का आयोजन किया। बैठक में भारी संख्या में लोग पहुंचे, जहां गुडडू पंडित और मुकेश के जिंदाबाद के नारे भी लगाए।
बुलंदशहर। सपा से निष्कासित होने के बाद गुडडू पंडित बीजेपी में अपनी राह तलाश रहे थे, लेकिन बीजेपी की पहली लिस्ट जारी होने के बाद गुडडू पंडित का सपना टूट गया। गुडडू पंडित बुलंदशहर स्थित अपने आवास पर मार्गदर्शक बैठक के बाद चौधरी अजीत सिंह से मिले। गौरतलब है कि गुडडू पंडित और मुकेश शर्मा ने राष्ट्रीय लोकदल के नाम पर 5 नामांकन पत्र भी खरीदे हैं। ये भी पढ़ेें: यूपी विधानसभा चुनाव 2017: पढ़िए बुलंदशहर के बीजेपी प्रत्याशियों की पूरी राजनीतिक कुंडली
जानकारी के मुताबिक, गुडडू पंडित ने गुरूवार को अपने आवास पर मार्गदर्शक बैठक का आयोजन किया। बैठक में भारी संख्या में लोग पहुंचे, जहां गुडडू पंडित और मुकेश के जिंदाबाद के नारे भी लगाए। बैठक में डिबाई विधायक गुडडू पंडित ने बीजेपी पर वादा खिलाफी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने उन्हें धोखा दिया है और यह सब यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री व राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह के इशारे पर हुआ है। इन लोगों ने सिर्फ हिन्दू-मुस्लिमों को लड़ाने का काम किया है। अपनी बात को कहते हुए गुडडू पंडित और मुकेश शर्मा भावुक हो गए और रोने लगे।
आरएलडी
के
नाम
पर
खरीदे
नामांकन
पत्र
सपा
से
निष्कासित
और
बीजेपी
से
धोखा
खाने
के
बाद
बाहुबली
नेता
ने
अब
आरएलडी
का
दामन
थाम
लिया
है।
बता
दें
कि
बाहुबली
नेता
ने
गुरूवार
को
दिल्ली
स्थित
रालोद
कार्यालय
में
शपथ
लेकर
उसमें
शामिल
हुए।
इस
मौके
पर
गुडडू
पंडित
ने
कहा
कि
चौधरी
अजीत
सिंह
ब्रह्माणों
का
बहुत
सम्मान
करते
हैं।
उन्होंने
कहा
कि
हम
दोनों
भाई
अब
आरएलडी
के
सदस्य
हैं
और
हैंड
पम्प
के
चुनाव
चिन्ह
से
ही
चुनाव
लडेंगे।
बता
दें
कि
गुडडू
पंडित
और
मुकेश
शर्मा
ने
आज
5
नामांकन
पत्र
आरएलडी
के
नाम
पर
खरीदे
हैं।
मार्गदर्शक
बैठक
में
भावुक
हुए
बाहुबली
मार्ग
दर्शक
बैठक
में
बाहुबली
गुडडू
पंडित
और
मुकेश
शर्मा
दोनों
भावुक
हो
गए
और
रोने
लगे।
उन्होंने
कहा
कि
मैं
जनता
की
अदालत
में
हूं
और
मेरे
साथ
धोखा
हुआ
है।
उन्होंने
कहा
कि
इस
देश
में
हिन्दू
और
मुस्लमानों
में
भेदभाव
किया
गया
है।
उन्हीं
लोगों
की
वजह
से
आज
मुझे
यह
दिन
देखना
पड़ा
है।
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चुनाव:
सपा-कांग्रेस
के
साथ
महागठबंधन
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नहीं
होगी
आरएलडी