यूपी में राम राज्य की स्थापना के लिए योगी सरकार ने बढ़ाए कदम
उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार राम राज्य की स्थापना के लिए बढ़ रही आगे, तमाम कार्यक्रमों को फिर से शुरु किए जाने का प्रयास शुरु
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार आने के साथ ही उन तमाम धार्मिक गतिविधियों को फिर से शुरु किए जाने की कोशिश की जा रही है, जो पिछले काफी समय से बंद हो गई थी। योगी सरकार में धार्मिक मामलों के मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने इस बात के साफ संकेत दिए हैं कि अयोध्या में एक बार फिर से नित्य रामलीला का मंचन शुरु किया जाएगा। इसके अलावा वृंदावन में रासलीला, गाजियाबाद में कैलास मानसरोवर भवन का निर्माण कराया जाएगा।
प्रदेश में एक बार फिर से रामराज्य को स्थापित करने के उद्देश्य से भाजपा सरकार ने कदम बढ़ाने शुरु कर दिए हैं। लेकिन इस मामले में यह समझना जरूरी है कि क्या एक बार फिर से प्रदेश में तुष्टिकरण की राजनीति शुरु हो गई है। इस बाबत जब लक्ष्मी नारायण चौधरी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में चल रही सरकार अखिलेश यादव की सरकार की तरह तुष्टिकरण की राजनीति नहीं कर रही है, प्रदेश सरकार जनहित के काम कर रही है। लेकिन पूर्व की अखिलेश सरकार ने तुष्टिकरण की राजनीति के तहत गाजियाबाद में सिर्फ हज हाउस बनवाया था, लेकिन कैलाश मानसरोवर यात्रा, चार धाम यात्रा, सिंधू यात्रा के लिए महज 50 करोड़ रुपए खर्च किए और सिर्फ एक कैलाश मानसरोवर भवन का निर्माण कराया।
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भी
पढ़ें-
सरकार
बदली
तो
भाजपा
नेता
पर
लगे
33
मामलों
को
भी
वापस
लिया
पूर्व
की
अखिलेश
सरकार
को
घेरते
हुए
चौधरी
ने
कहा
कि
अयोध्या
में
रामलीला,
वृंदावन
में
रासलीला
और
चित्रकूट
में
हर
रोज
भजन-कीर्तन
के
लिए
हमारी
सरकार
जो
कदम
बढ़ा
रही
है,
वह
रामराज्य
की
पुर्नस्थापना
की
ओर
अहम
कदम
है।
प्रदेश
सरकार
के
ये
सारे
कदम
राम
राज्य
की
स्थापना
के
लिए
उठाए
जा
रहे
हैं।
चौधरी
यहीं
नहीं
रुक
उन्होंने
कहा
कि
मदरसों
में
सिर्फ
नमाज
पढ़ाना
नहीं
सिखाना
चाहिए।
वहीं
अल्पसंख्यकों
के
बारे
में
बात
करते
हुए
चौधरी
ने
कहा
कि
हमने
अल्पसंख्यकों
के
कल्याण
के
लिए
550
करोड़
रुपए
दिए,
प्रदेश
के
550
मदरसों
को
एक-एक
करोड़
रुपए
दिए
हैं।
उन्होंने
कहा
कि
अगर
कोई
पढ़ने
आया
है
तो
उसे
सिर्फ
नमाज
पढ़ना
सिखा
देना
पर्याप्त
नहीं
है,
यह
मदरसे
की
खूबी
नहीं
है,
उसे
बच्चों
को
शिक्षित
भी
करना
चाहिए।