उत्तर प्रदेश में भाजपा ने जारी किए पैम्फ्लेट, सपा-बसपा का है जिक्र कांग्रेस नदारद
भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पैम्फ्लेट जारी किए हैं, जिनमें सपा और बसपा का विरोध तो है लेकिन उसमें ना तो कांग्रेस का जिक्र है, ना ही सरकार बनने पर भाजपा की नीतियों का।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर हर पार्टी अपनी-अपनी तैयारी कर नए-नए पैंतरे अपना रही है। कांग्रेस कह रही है 27 साल, यूपी बेहाल तो समाजवादी पार्टी का नारा है काम बोलता है। बहुजन समाज पार्टी फिलहाल नारों से दूर सिर्फ अपने अध्यक्ष मायावती के इर्द गिर्द घूम रही है और भारतीय जनता पार्टी कह रही है न गुंडाराज, न भ्रष्टाचार, अबकी बार भाजपा सरकार। इसी कड़ी में भाजपा ने 2 पन्नों का एक पैम्फलेट जारी किया है, जिसमें सपा और बसपा पर जमकर हमला बोला गया है। अपने 2 पन्नों के पैम्फलेट के आखिरी में भाजपा ने कहा जनता से दोनों दलों को नकारने की बात कही है।
पैम्फ्लेट
के
पहले
पन्ने
में
भाजपा
ने
सपा
सरकार
और
उसकी
नाकामियों
का
जिक्र
किया
है।
लिखा
है
कि
सपा
के
शासनकाल
में
पुलिस
प्रशासन
का
राजनीतिकरण
हो
गया
है।
पुलिस
सपा
की
जन
उत्पीड़न
प्रकोष्ठ
बन
गई
है।
लिखा
गया
है
कि
इनके
शासन
में
उत्तर
प्रदेश
लोक
सेवा
आयोग,
शिक्षक
चयन
आयोग
और
लोकायुक्त
सरीखी
संस्थाओं
को
तहस-नहस
कर
दिया
गया
है।
भाजपा
के
इस
पैम्फ्लेट
में
कैबिनेट
मंत्री
आजम
खान
और
सपा
सुप्रीमो
मुलायम
सिंह
यादव
के
बालात्कार
पर
दिए
बयानों
का
जिक्र
करते
हुए
लिखा
गया
है
कि
इन
लोगों
ने
दुष्कर्म
की
बढ़ती
घटनाओं
का
माखौल
उड़ाया
है।
लिखा
गया
है
कि
अखिलेश
सरकार
के
आने
के
बाद
से
भ्रष्टाचार
बढ़
गया
साथ
ही
गैरकानूनी
ढ़ंग
से
जनता
के
अरबों
रुपए
ठग
लिए।
प्रदेश
की
स्वास्थ्य
और
शिक्षा
व्यवस्था
के
लिए
पैम्फ्लेट
में
लिखा
गया
है
कि
अखिलेश
सरकार
में
जनता
की
आय
घट
गई
और
इनके
परिवार
की
आय
बढ़
गई
है।
साथ
ही
लिखा
है
कि
सपा
सरकार
में
आम
जनता
स्वास्थ्य
की
मूलभूत
सेवाओं
से
वंचित
है
और
छात्रों
के
भविष्ये
से
खिलवाड़
किया
जा
रहा
है।
विद्युत
व्यवस्था
पर
लिखा
है
कि
केंद्र
सरकार
ने
24
घंटे
बिजली
की
नीति
बनायी
थी,
लेकिन
प्रदेश
सरकार
ने
उसमें
टांग
अड़ा
दी।
पैम्फ्लेट के दूसरे पन्ने पर बसपा जिक्र करते हुए लिखा गया है कि सपा और बसपा का रूप अनेक है लेकिन इनका एजेंडा एक ही है। इनके राज में कई घोटाले हुए हैं। लिखा है कि एक तरफ मायावती खुद को दलितों की बेटी बताती हैं लेकिन उन्होंने भी दलितों के साथ विश्वासघात किया है। उनके शासन काल में गरीबों की गरीबी बढ़ गई और महिलाएं बच्चे कुपोषण के शिकार हो हुए। लिखा है कि बसपा राज में गुंडागर्दी और धन उगाही के साथ-साथ कानून व्यवस्था खराब रही और पूंजी का निवेश जीरो रहा। हालांकि इस 2 पन्ने के पैम्फ्लेट में कांग्रेस या उसके शासन काल का कोई जिक्र नहीं है। ना ही राहुल गांधी की किसान यात्रा और नोटबंदी के दौरान उनके भाषणों का। ना ही भाजपा ने सरकार में आने के बाद अपनी किसी आगे की नीति का जिक्र किया है। ये भी पढे़ं: यूपी विधानसभा चुनाव 2017: अखिलेश बनाम मुलायम: बापू सेहत के लिए तू तो हानिकारक है