नवाबगंज विधानसभा सीट से सपा प्रत्याशी भगवत शरण गंगवार ने भरा पर्चा
भगवत ने आज अपने कुछ समर्थकों के साथ बड़ी सादगी से कलक्ट्रेट ऑफिस पहुंचकर अपना नामांकन करवाया। भगवत ने इस मौके पर काला सूट पहन रखा था। भगवत के बारे में कहा जाता है कि वे धार्मिक स्वभाव के आदमी हैं।
बरेली। सपा सरकार में मंत्री रहे भगवत शरण गंगवार ने एक बार फिर बरेली की नवाबगंज सीट से नामांकन करवाया है। भगवत इस सीट से पांच बार विधायक रह चुके हैं। भगवत ने आज अपने कुछ समर्थकों के साथ बड़ी सादगी से कलक्ट्रेट ऑफिस पहुंचकर अपना नामांकन करवाया। भगवत ने इस मौके पर काला शूट पहन रखा था। भगवत के बारे में कहा जाता है कि वह धार्मिक स्वभाव के आदमी हैं। वे शगुन सात से काम करना अच्छा समझते हैं। ज्योतिषाचारियों के अनुसार नामांकन के लिहाज से 20, 23 जनवरी नामांकन के अति शुभ दिन हैं। इसी के मद्देनज़र भगवत शरण ने नामांकन के लिए आज का दिन चुना। ये भी पढ़ें: यूपी विधानसभा चुनाव 2017: पढ़िए बरेली के सपा प्रत्याशियों की पूरी राजनीतिक कुंडली
बता दें कि भगवत शरण नवाबगंज विधानसभा से छठीं बार चुनाव लड़ेंगे। वे दो बार बीजेपी से, तीन बार सपा से विधायक रह चुके हैं। राम मंदिर लहर के दौरान हुए 1991 और 1993 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी से भगवत शरण गंगवार विधायक चुने गए गए थे। 1996 में समाजवादी पार्टी के छोटेलाल गंगवार ने भगवत शरण को हराकर सीट पर कब्जा किया था। वर्ष 2002 के चुनाव में भगवत शरण गंगवार कमल का साथ छोड़ कर साइकिल पर सवार हुए और तब से वे 2002 ,2007 और 2012 में लगातार तीन बार जीत दर्ज कर चुके हैं।
गौरतलब है कि भगवत शरण अखिलेश खेमे के माने जाते हैं। ये भी बताया जा रहा है कि भगवत ने पिता-पुत्र के गृहयुद्ध में भी अखिलेश का साथ दिया था। इस बार सपा ने भगवत का टिकट काटकर शहला को टिकट दिया था। लेकिन जैसे ही पार्टी की कमान अखिलेश को मिली तुरंत शहला का टिकट काटकर भगवत को वापस दे दिया गया। शहला ने भी सपा का दामन छोड़कर आईएमसी का हाथ थाम लिया है। वहीं, इस सीट पर अपनी दावेदारी बता रही हैं। ये भी पढ़ें: यूपी चुनाव में सुरक्षा के लिए तैनात किए गए ड्रोन, बरेली के इतिहास में पहली बार