एग्जिट पोल से बाहुबली धनंजय और विजय मिश्रा के लिए आई गुड न्यूज
सातवें चरण में निषाद पार्टी के टिकट पर लड़ रहे दो उम्मीदारों पर सबकी नजरें जमी हुई थीं। जौनपुर के मल्हनी सीट से धनंजय सिंह तो दूसरे भदोहीके ज्ञानपुर से विजय मिश्रा।
मिर्जापुर। खबरिया चैनलों पर प्रसारित होने एग्जिट पोल के सर्वे आने के बाद बीजेपी समर्थक खुशी से झूम रहे हैं। समर्थक बस इस बात की दुआ कर रहे हैं कि ये सर्वे 11 मार्च को आने वाले नतीजे में बदल जाए। पूर्वांचल में भी एग्जिट पोल के बाद चर्चा तेज हो गई है। सातवें चरण में पूर्वांचल के सात जिलों की चालीस सीटों के जो नतीजे सामने आ रहे हैं, उसे देखकर बीजेपी के अलावा एक और दल भी है, जिसके समर्थक फूले नहीं समा रहे हैं। ये दल है निषाद पार्टी जिसके दो उम्मीदवार धनंजय सिंह और विजय मिश्रा की जीत के संयोग बन रहे हैं। अंत समय में तो चंदौली के सैयदराजा सीट पर भी निषाद पार्टी ने बसपा के बाहुबली विनीत सिंह का समर्थन कर दिया। जिससे उनका पलड़ा भारी दिख रहा।
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धनंजय और विजय मिश्रा की जीत कैसे तय?
सातवें
चरण
में
निषाद
पार्टी
के
टिकट
पर
लड़
रहे
दो
उम्मीदारों
पर
सबकी
नजरें
जमी
हुई
थीं।
जौनपुर
के
मल्हनी
सीट
से
धनंजय
सिंह
तो
दूसरे
भदोही
के
ज्ञानपुर
से
विजय
मिश्रा।
एबीपी
न्यूज
और
सीएसडीएस
के
एग्जिट
पोल
के
मुताबिक
सातवें
चरण
की
चालीस
सीटों
में
से
बीजेपी
के
खाते
में
15-21,
सपा-कांग्रेस
गठबंधन
9-15,
बसपा
6-8
जबकि
अन्य
के
खाते
में
0-2
सीट
जा
सकती
है।
इंडिया
टीवी-
सी
वोटर्स
भी
चालीस
सीटों
में
से
दो
सीट
अन्य
के
खाते
में
दे
रहा
है।
इसके
अलावा
न्यूजट्रैक
वेबसाइट
के
मुताबिक
बीजेपी
18-23,
सपा-कांग्रेस
गठबंधन
08-14,
बसपा
03-05
के
अलावा
अन्य
के
खाते
में
1-2
सीट
आ
सकती
है।
हिंदोस्थान
समाचार
एजेंसी
के
मुताबिक
पूरे
पूर्वांचल
में
निषाद
पार्टी
समेत
निर्दलीय
3-5
सीट
जीत
सकते
हैं।
अपने विरोधियों पर भारी पड़ रहे थे दोनों
एग्जिट
पोल
के
नतीजों
पर
विश्वास
किया
जाए
तो
धनंजय
सिंह
और
विजय
मिश्रा
की
जीत
का
संयोग
बन
रहा
है।
सियासी
पंडितों
के
मुताबिक
सातवें
चरण
की
चालीस
सीटों
पर
सिर्फ
यही
दो
उम्मीदवार
हैं
जो
अन्य
या
फिर
छोटे
दलों
के
प्रत्याशियों
में
सबसे
मजबूत
हैं।
ये
दोनों
ही
बाहुबली
सियासत
के
माहिर
खिलाड़ी
माने
जाते
हैं
और
इनका
अपने
क्षेत्र
में
काफी
दबदबा
भी
रही
है।
चुनाव
प्रचार
के
दौरान
भी
लगभग
हर
बड़ी
पार्टी
के
निशाने
पर
ये
दिग्गज
रहे।
माना
जा
रहा
है
कि
अगर
एग्जिट
पोल
की
भविष्यवाणी
सच
साबित
हुई
तो
इन
दोनों
का
जीतना
तय
है।
राजनीतिक
विश्लेषक
ये
मान
रहे
हैं
कि
सातवें
चरण
में
इन
दो
नेताओं
के
अलावा
कोई
तीसरा
ऐसे
चेहरा
नहीं
है
जो
चुनाव
के
दौरान
प्रभावी
तरीके
से
मौजूदगी
दर्शा
सके।
आलम
ये
था
कि
धनंजय
के
खिलाफ
चुनाव
लड़
रहे
मंत्री
पारसनाथ
यादव
के
पक्ष
में
अंतिम
वक्त
में
खुद
मुलायम
सिंह
उतरे
तो
ज्ञानपुर
में
विजय
मिश्रा
को
शिकस्त
देने
के
लिए
सीएम
अखिलेश
और
उनकी
पत्नी
डिंपल
यादव
को
चुनाव
मैदान
में
उतरना
पड़ा।
सीएम
अखिलेश
यादव
ने
तो
इशारों-इशारों
में
विजय
मिश्रा
पर
पैसे
बांटने
का
आरोप
भी
लगाया
था।
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