UP: सट्टे का खुलासा किया तो पत्रकार पर थानेदार ने कराया हमला
इटावा में चल रहे सट्टे के खेल को ताकतवर सफेदपोश नेताओं और थानों का संरक्षण प्राप्त है। इस खेल को उजागर करनेवाले पत्रकार पर जानलेवा हमला हुआ।
इटावा। उत्तर प्रदेश के इटावा जनपद में सट्टे का अवैध कारोबार धड़ल्ले से किया जा रहा है। इटावा जिले में सट्टे का कारोबार प्रत्येक मोहल्ले में व जनपद के जसवंतनगर, इकदिल, बसरेहर, चौबिया ऊसराहार, ताखा, भर्थना, बकेबर व चकर नगर में किया जा रहा है। इस कारोबार को इलाके के सफेदपोश नेताओं और थानों व कोतवालियों की पुलिस का खुला संरक्षण प्राप्त है। सट्टे के खेल को उजागर करनेवाले पत्रकार सुशील कुमार पर जानलेवा हमला हुआ। पत्रकार का आरोप है कि थानेदार ने दबंगों के साथ मिलकर उसकी हत्या की साजिश रच डाली।
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पत्रकार की खबर से बौखलाए थानेदार
इटावा के पत्रकार सुशील कुमार का कहना है कि उनकी खबर से एसओ इस कदर बौखला गए कि अपराधियों के साथ मिलकर उनकी हत्या की साजिश रच डाली। पत्रकार सुशील कुमार ने सट्टे के काले कारोबार को प्रमुखता से दुनिया के सामने रखा था। इसके बाद एरिया के दरोगा के ऊपर कार्रवाई की तलवार लटक गई। इसी से भन्नाए दरोगा ने पत्रकार के घर खबर भेजी कि आपको थानेदार ने सट्टे की खबर की पड़ताल के लिए बुलाया है।
पत्रकार से मारपीट-लूटपाट
थानेदार का फरमान सुनते ही पत्रकार सुशील कुमार अपना कैमरा और लैपटॉप लेकर पहुंच गए। थाने पर गए पत्रकार को देखते ही थानेदार ने उसे घर लौट जाने को कह दिया। सुशील कुमार जैसे ही बाहर निकले, आरोपी राजीव कुमार गुप्ता दबंग प्रधान, सुभाष गुप्ता, सतीश गुप्ता, अनिल गुप्ता व संजू शाक्य पुत्र राम नरायण शाक्य ने हमला कर दिया। इतना ही नहीं उनका कैमरा, लैपटॉप, अंगूठी और बीस हजार रुपये भी लूट ले गए। पत्रकार सुशील कुमार का कहना है कि यह सब सुनियोजित तरीके से थाने के ठीक सामने हुआ। अब लुटे-पिटे पत्रकार सुशील कुमार ने घर जाकर तत्काल आईजी साहब को फोन पर जानकारी दी है।
पत्रकार ने सट्टे के खेल को किया उजागर
बताया जाता है कि इटावा शहर में ही प्रतिदिन दस लाख के सट्टे का कारोबार होता है। जबकि जिले के अन्य थाना क्षेत्रों और कोतवाली क्षेत्रों में प्रतिदिन पांच-पांच लाख की अवैध कमाई इस कारोबार से की जा रही है । सूत्र तो यहां तक भी बता रहे है, इटावा शहर समेत जनपद के अन्य इलाकों में सट्टे के अवैध कारोबार से होने वाली अवैध कमाई का दस परसेंट हिस्सा सम्बिधत थानों व कोतवाली को प्रतिदिन पहुंचाया जा रहा है। सट्टे के कारोबार से जुड़े सूत्र बताते हैं कि इसको खेलने वाला एक नंबर से लेकर 100 तक किसी भी पसंदीदा नंबरों पर एक रुपए से लेकर लाखों रुपए तक का दांव लगा सकता है। सूत्र बताते हैं कि एक रुपए का नंबर खरीदने वाले को नंबर फंसने पर अस्सी रुपए दिए जाते हैं।
सट्टा खेल से इटावा के युवा हो रहे बर्बाद
इस अवैध कारोबार से परेशान खादिम अब्बास का कहना है कि सट्टे से पैसे कमाने की लालच में इटावा जिले की युवा पीढ़ी और तमाम परिवार इस खेल में फंसकर बर्बादी की कगार पर पहुंच गए हैं। इटावा शहर और जनपद के सभी थाना क्षेत्रों में सट्टे के चल रहे इस अवैध कारोबार को रोकने के संबंध में एसएसपी शिवहरी मीणा से पूछा गया तो उन्होंने कैमरे के सामने से कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।
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