यूपी दंगल में मां कृष्णा के खिलाफ प्रचार करेंगी बेटी अनुप्रिया पटेल!
कृष्णा पटेल ने पीस पार्टी के साथ गठबंधन कर करीब 150 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है तो वहीं अनुप्रिया गुट बीजेपी के लिए चुनाव प्रचार करने जा रही हैं।
प्रतापगढ़। कहते हैं सियासत में कोई किसी का सगा नहीं होता लेकिन क्या सियासी धरातल पर खून के रिश्ते भी एक-दूसरे के खिलाफ हो जाते हैं, ये सवाल आज यूपी की जनता के दिमाग में बुरी तरह से कौंध रहा है क्योंकि उत्तर प्रदेश में इस समय पिता मुलायम और बेटे अखिलेश के दंगल के बाद मां कृष्णा पटेल और बेटी अनुप्रिया पटेल के तकरार की कहानी सबके सामने आ गई है।
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यूपी के चुनावी इतिहास में ये पहला मौका होगा जब मां-बेटी एक-दूसरे के खिलाफ प्रचार करेंगे। आपको बता दें कि कृष्णा पटेल पीस पार्टी के साथ गठबंधन कर करीब 150 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है तो वहीं अनुप्रिया गुट बीजेपी के लिए चुनाव प्रचार करने जा रही हैं।
कृष्णा बनाम अनुप्रिया पटेल
पैतृक रोहनिया सीट से कृष्णा पटेल खुद चुनाव मैदान में उतरने जा रही हैं तो वहीं यहां पर अनुप्रिया भाजपा के लिए प्रचार करने जा रही हैं। वाराणसी, इलाहाबाद, प्रतापगढ़ और फतेहपुर की कई सीटों पर कृष्णा बनाम अनुप्रिया पटेल की जंग देखने को मिलेगी
रोहनिया विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था और जीता था
दरअसल अनुप्रिया पटेल ने साल 2012 में रोहनिया विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था और जीता था, लेकिन साल 2014 में उन्होंने इस सीट से इस्तीफा दे दिया और उसके बाद उन्होंने मिर्जापुर से लोकसभा चुनाव लड़ा और जीत गईं।
रोहनिया सीट पर उपचुनाव
अनुप्रिया के इस्तीफा देने के बाद रोहनिया सीट पर उपचुनाव हुआ, जहां से इस बार अपना दल की ओर से अनुप्रिया की मां कृष्णा पटेल खड़ी हुईं लेकिन वो चुनाव हार गईं और ये सीट सपा के पास चली गईं जिसे कि अनुप्रिया ने हराया था।
कृष्णा की हार ही पार्टी कलह का कारण
कृष्णा की हार ही पार्टी कलह का कारण बनीं, इसके बाद कृष्णा पटेल के लिए कुछ फैसलों से अपना दल के लोग और अनु्प्रिया पटेल खुश नहीं हुईं और दोनों की तकरार मे लड़ाई का वृहद रूप धारण कर लिया।
मां-बेटी का झगड़ा खुलकर सामने आ गया
हार के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर कृष्णा पटेल ने एक्शन लेना शुरू किया और सबसे पहले अनुप्रिया पटेल की बहन पल्लवी को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बना दिया, जिसका विरोध अनुप्रिया गुट ने किया जिसके बाद मां-बेटी का झगड़ा खुलकर सामने आ गया।
अनुप्रिया पटेल को पार्टी से ही निकालने का फरमान
इसके बाद कृष्णा पटेल ने खुद को राष्ट्रीय अध्यक्ष बताते हुए अनुप्रिया पटेल को पार्टी से ही निकालने का फरमान सुना दिया, जिसके बाद पार्टी में कलह चुनाव आयोग के पास पहुंची लेकिन चुनाव आयोग ने इस झगड़े को कोर्ट में पहुंचा दिया।
अपना दल पार्टी के बैनर पर रोक
हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने मामले में चुनाव आयोग को निर्देश दिया कि वह इस मामले में एक्शन ले और उसके बाद चुनाव आयोग दोनों ही दलों को अपना दल पार्टी के बैनर तले चुनाव लड़ने पर ही रोक लगा दी।