यूपी में करीब 58 फीसदी विधायकों ने पांच साल में नहीं पूछा एक भी सवाल
रिसर्च में पाया गया कि यूपी विधानसभा में पूछे गए 10 सवालों में 9 सवाल महज कुछ विधायकों ने ही पूछा। तीन विधायक ऐसे रहे जिन्होंने 500 या इससे ज्यादा सवाल पूछे।
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव का ऐलान हो चुका है। सभी सियासी दल चुनावी तैयारियों में जुटे हुए हैं। इस बीच यूपी की 16वीं विधानसभा को लेकर चौंकाने वाला आंकड़ा सामने आया है। जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश विधानसभा के 404 विधायकों में से 58 फीसदी विधायकों ने पांच साल में विधानसभा के अंदर एक भी सवाल नहीं पूछा। पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च के विश्लेषकों के मुताबिक ये बेहद खराब स्थिति है।
विपक्षी विधायकों ने सत्ताधारी विधायकों से ज्यादा सवाल पूछे
रिसर्च
में
पाया
गया
कि
यूपी
विधानसभा
में
पूछे
गए
10
सवालों
में
9
सवाल
महज
कुछ
विधायकों
ने
ही
पूछा।
तीन
विधायक
ऐसे
रहे
जिन्होंने
500
या
इससे
ज्यादा
सवाल
पूछे।
संसद
की
अपेक्षा
यूपी
विधानसभा
में
विपक्ष
के
विधायकों
ने
सत्ताधारी
विधायकों
की
अपेक्षा
ज्यादा
सवाल
पूछा
था।
समाजवादी
पार्टी
के
विधायकों
ने
चार
की
औसत
से
सवाल
पूछे
जबकि
विपक्षी
विधायकों
में
ये
संख्या
70
के
करीब
है।
अधिकांश
सवाल
भारतीय
जनता
पार्टी
के
विधायकों
की
ओर
से
आए
हैं।
इनसे
बिल्कुल
पीछे
कांग्रेस
विधायक
रहे।
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बता
दें
कि
16वीं
विधानसभा
में
सपा
को
शानदार
बहुमत
मिला,
उस
समय
पार्टी
के
229
उम्मीदवार
जीतकर
विधानसभा
पहुंचे।
इस
चुनाव
में
बहुजन
समाज
पार्टी
के
80
विधायक
चुने
गए।
बीजेपी
के
41
विधायक
विधानसभा
पहुंचे।
कांग्रेस
समेत
अन्य
पार्टियों
के
28
विधायक
विधानसभा
पहुंचे।
इनमें
राष्ट्रीय
लोकदल
के
8
विधायक
शामिल
हैं।
रिसर्च
में
जो
बातें
सामने
आई
हैं
उसके
मुताबिक
16वीं
विधानसभा
में
अधिकतर
विधायकों
के
पास
स्नातक
की
डिग्री
है।
डिग्री
हासिल
करने
वाले
विधायकों
ने
ज्यादा
सवाल
पूछे
हैं।
पीआरएस
की
रिसर्च
में
जो
आंकड़े
मिले
हैं
उसके
मुताबिक
जिन
विधायकों
ने
कॉलेज
से
डिग्री
हासिल
की
है
उन्होंने
बिना
डिग्री
वाले
विधायकों
से
ज्यादा
सवाल
पूछे
हैं।
पुरुषों
की
अपेक्षा
महिला
विधायकों
ने
कुछ
सवाल
ही
पूछे
हैं।
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