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एक शौक ने बदली इस मजबूर महिला की जिंदगी, डीएम तक हैं मुरीद

सहारनपुर की अर्चना ने लाचार परिस्थितियों में भी हार नहीं मानी और वो मुकाम हासिल कर दिखाया कि आज वो कई महिलाओं के लिए प्रेरणा हैं।

By Rajeevkumar Singh
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सहारनपुर। शादी के बाद विवाहित महिला की क्या इच्छा होती है, यह आप सभी अच्छी तरह से जानते हैं। शादी के बाद ससुराल में कदम रखने के बाद महिला चाहती है कि उसका पति और ससुराली उसे इतना प्यार करें कि मायके की याद तक न आए। वह अपने पति से यह भी चाहती है कि उसका पति उसकी अच्छे से देखभाल करें और उसके मुसीबत के दिनों में साथ दें। आज हम आपको जिस महिला की बात बताने जा रहे हैं, उस महिला के जीवन में ऐसा क्या घटा कि उसने अपने जीवन की तस्वीर ही बदल डाली।

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आइए मिलिए सहारनपुर की अर्चना कश्यप से

आइए मिलिए सहारनपुर की अर्चना कश्यप से

सहारनपुर की अर्चना कश्यप उन महिलाओं और युवतियों के लिए प्रेरणा है, जो खुद को हर मोड़ पर असहाय और असहज महसूस करती है। सहारनपुर के रायवाला निवासी प्रभुदयाल के यहां 1977 में जन्मी अर्चना कश्यप आज उन महिलाओं को ट्रेनिंग देती है, जो बैंकों में कैश काउंटर या अन्य पटल पर बैठकर कार्य करती हैं। अर्चना कश्यप एचडीएफसी बैंक के वुमेन ग्रुप को ट्रेनिंग देती है और आगे बढ़ने की प्रेरणा प्रदान करती है।

अर्चना की कहानी है प्रेरणादायक और दिलचस्प

अर्चना की कहानी है प्रेरणादायक और दिलचस्प

अर्चना की कहानी और उसके जीवन में क्या घटा कि उसने अपने जीवन की तस्वीर ही बदल डाली, यह कहानी थोड़ी लंबी हो सकती है, लेकिन है बेहद ही प्रेरणादायक और दिलचस्प। करीब 14 साल पहले अर्चना की शादी मोहल्ला कंबोह कटहेरा निवासी अजय से हुई थी। इस बाबत अर्चना स्वयं बताती है कि वह एक साधन संपन्न परिवार से थी। उसके पिता प्रभुदयाल प्रिटिंग प्रेस चलाते थे। लेकिन करीब 14 साल पहले अचानक परिवार की आर्थिक स्थिति खराब हो गई और संपत्ति को बेचने तक की बात आ गई। पिता जी को पैरेलाइसिस हो गया था, तब अचानक उनकी शादी करने की योजना बनी। एक सप्ताह के भीतर ही शादी कर दी गई। शादी के वक्त जिस युवक अजय से उनकी शादी हुई, उसके बारे में पहले बताया गया था कि अजय साधन संपन्न है लेकिन शादी के बाद जब वह ससुराल पहुंची तो पता चला कि अजय एक दुकान पर काम करता है। वह हार नहीं मानी और सोचा कि वह स्वयं भी मेहनत करेगी और घर का गुजारा चलता रहेगा। इसके बाद अर्चना ने पेंटिंग क्लास शुरू कर दी। बता दें कि अर्चना कश्यप पेंटिंग में बेहद ही मास्टर हैं।

नालायक पति ने दिया धोखा, अकेली अर्चना ने संभाली जिंदगी

नालायक पति ने दिया धोखा, अकेली अर्चना ने संभाली जिंदगी

शादी के तीन माह बाद पति ने 10 हजार रुपये की मांग की, रुपये नहीं दिए तो मारपीट की गई, जिसके बाद वह अपने घर आ गई। इसके कुछ समय बाद डिलीवरी के लिए अर्चना को अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। अर्चना ने जुड़वां बच्चे को जन्म दिया। डिलीवरी के तीन दिन बाद पति अजय लेने आया तो अस्पताल की फीस जमा करने की बात आ गई। यहां भी अजय ने अर्चना को धोखा दे दिया और अस्पताल की फीस भरने से मना कर दिया, जिस पर वह अपने मायके आ गई लेकिन मायके में ज्यादा दिन तक नहीं रुक सकी और अलग से किराये के मकान में बच्चे को साथ लेकर रहना पड़ा।

पेंटिंग के शौक से बदला अर्चना का जीवन

पेंटिंग के शौक से बदला अर्चना का जीवन

यहीं से अर्चना ने अपने जीवन को बदलने का फैसला किया और क्रॉकरी पर पेंटिंग करना शुरु कर दी। इसके बाद कैंडल स्टैंड पर भी पेंटिंग की। एक फर्नीचर वाले से जान पहचान हुई तो खिड़की और दरवाजों पर पेंटिंग करना शुरू कर दिया। इस तरह से अर्चना ने अपने पेटिंग के शौक को अपना करियर बना लियाा और वह न केवल एक इंस्टीट्यूट चलाती है, बल्कि एचडीएफसी बैंक के महिला ग्रुप को ट्रेनिंग भी देती है। खास बात यह है कि इस इंस्टीट्यूट में वह गरीब कन्याओं को न केवल निशुल्क पेंटिंग सिखाती है बल्कि कंप्यूटर प्रशिक्षण भी प्रदान कराती है।

आज कई महिलाओं के लिए प्रेरणा हैं अर्चना

आज कई महिलाओं के लिए प्रेरणा हैं अर्चना

अर्चना बताती है कि अपने पेंटिंग के शौक को केरियर बनाकर उसने अपना मकान बनाया। छोटी बहन की शादी की। अपने दो बच्चों बेटी आस्था और बेटे अक्षत के साथ कदम दर कदम आगे बढ़ रही है। अर्चना की ट्रेनिंग दी हुई लड़की कोमल, सोनिया, गरिमा, रेशमा आदि आज कई बड़ी कंपनियों में नाम रोशन कर रही है। अर्चना ने बताया कि उसने कभी अपने जीवन में हार नहीं मानी। वह अकेली थी तो लोग उसे देखकर कुछ गलत भी सोचते थे, लेकिन उसने लोगों की परवाह नहीं की और अपने मुकाम पर आगे बढ़ती गई। अर्चना ने मुन्ना लाल कॉलेज से एमए ड्राइंग व पेंटिंग में डिग्री हासिल की है और 17 साल से अपने शौक को निखार रही है। आज भी उनके हाथ की बनाई गई पेंटिंग की ज्यादा डिमांड है। सहारनपुर की कई महिला अधिकारी जो अब यहां से स्थानांतरण होकर अन्य जिलों में चली गई हैं, वह अर्चना से पेंटिंग बनाकर मंगाती हैं। अर्चना कहती है कि वह लड़कियों को ट्रेनिंग के दौरान अपनी संघर्ष की गाथा सुनाती है और उन्हें स्वावलंबी बनने की प्रेरणा देती है।

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English summary
Archana of Saharanpur, an inspiring story of woman.
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