डॉन मुख्तार अंसारी ने कैसे हासिल किए परिवार के लिए तीन टिकट, पढ़िए
हम बात कर रहे हैं मुख्तार अंसारी के परिवार की। ये पूरी कहानी किसी फिल्म से कम नहीं। मुख्तार अंसारी परिवार ने अपने सियासी कैरियर को बचाने के लिए ऐसा किया।
मऊ। तीन दिन, तीन पार्टी और तीन टिकट... आपको सुनकर यह आश्चर्य हो रहा होगा, लेकिन आज हम आपको बताएंगे पूर्वांचल के सबसे रसूखदार सियासी परिवार की ये पूरी कहानी। Read Also: मुलायम सिंद यादव पर केंद्रीय मंत्री का विवादित बयान, कहा अब मरने का समय आ गया है
तीन दिन में बदले तीन पार्टियों के पोस्टर
जी हां, हम बात कर रहे हैं अंसारी परिवार यानी बाहुबली माफिया डॉन विधायक मुख्तार अंसारी के परिवार की। ये पूरी कहानी किसी फिल्म से कम नहीं। मुख्तार अंसारी परिवार ने अपने सियासी कैरियर को बचाने के लिए ऐसा किया। मुख्तार अंसारी ने मऊ जिले में स्थित अपने कार्यालय पर तीन दिनों में तीन पार्टियों के पोस्टर बदले हैं।
बसपा ने दिए तीन टिकट
साथ ही अंत में बहुजन समाज पार्टी से तीन टिकट पाने में सफल रहे हैं। कार्यालय पर पोस्टर बदलने का मौका पहली बार तब आया जब मुख्तार अंसारी की पार्टी कौमी एकता दल का विलय पूर्व प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने करवाया। उसके बाद मुख्तार अंसारी ने अपने कार्यालय पर अपने फोटो के साथ समाजवादी पार्टी के बैनर का पोस्टर लगवाया।
मुख्तार के कार्यालय पर बसपा के पोस्टर
लेकिन प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मऊ सदर से टिकट नहीं देने और यहां से अल्ताफ अंसारी को टिकट देने के बाद कार्यालय से सपा का पोस्टर हटवाकर वहां पर दोबारा कौमी एकता दल का पोस्टर लगवा दिया। ठीक एक दिन बाद बसपा ने अंसारी परिवार को पार्टी में शामिल किया और फिर क्या था तीसरे दिन बसपा के बैनर का पोस्टर मुख्तार अंसारी के कार्यालय के बाहर लग गया।
तीन दिन, तीन पार्टी, तीन टिकट
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