इलाहाबाद: बगावत के डर से भाजपा ने दिए अपना दल के दो प्रत्याशियों को टिकट
इलाहाबाद की 12 विधानसभा सीटों में बची हुई दो विधानसभा सीटों पर अभी प्रत्याशी घोषित किये जाने थे। लेकिन भाजपा ने बगावत के सुर तेज न हो इसलिये बीच का रास्ता निकाल दोनों सीटें अपना दल के खाते में डाल दी।
इलाहाबाद। इलाहाबाद में भाजपा अपनों के जख्म पर लगातार नमक छिड़कती ही जा रही है। लेकिन सवाल यह उठ रहा है कि बगावत का सामना कर रही भाजपा क्या अपने पैर पर खुद कुल्हाड़ी मार रही है? विरोध के बावजूद दावेदारों को टिकट क्यों नहीं मिल रहा है? दरअसल, इलाहाबाद की 12 विधानसभा सीटों में बची हुई दो विधानसभा सीटों पर अभी प्रत्याशी घोषित किये जाने थे। लेकिन भाजपा ने बगावत के सुर तेज न हो इसके लिये बीच का रास्ता निकाला और दोनों सीटें अपना दल गठबंधन के खाते में डाल दी। सही मौका देखते ही अपना दल ने दोनों सीटों से अपने प्रत्याशियों की घोषणा भी कर दी। ये भी पढे़ं: यूपी चुनाव: बीजेपी को उसी के गढ़ वाराणसी में हराने के लिए कांग्रेस-सपा गठबंधन ने उतारे अपने दिग्गज
सोरांव
और
प्रतापपुर
से
प्रत्याशी
घोषित
इलाहाबाद
की
सोरांव
सुरक्षित
विधानसभा
और
प्रतापपुर
विधानसभा
के
लिये
अपना
दल
ने
प्रत्याशी
घोषित
किये।
257
विधानसभा
प्रतापपुर
से
बृजेश
कुमार
पाण्डेय
और
255
विधानसभा
सोरांव
से
जमुना
प्रसाद
सरोज
अपना
दल
के
भाजपा
गठबंधन
के
प्रत्याशी
घोषित
किए
गये
हैं।
दोनों
प्रत्याशी
लगातार
अपना
दल
से
टिकट
के
लिये
प्रयासरत
थे
और
उम्मीद
के
मुताबिक
दोनों
विधानसभा
सीट
न
सिर्फ
गठबंधन
में
गई।
बल्कि
उन्हे
टिकट
भी
मिला।
प्रतापपुर
से
मैदान
में
भाजपा
के
पूर्व
जिलाध्यक्ष
अपना
दल
और
भाजपा
के
लिये
मुश्किल
यह
है
कि
भाजपा
के
पूर्व
जिलाध्यक्ष
रामरक्षा
द्विवेदी
यहां
से
टिकट
मांग
रहे
थे।
उन्हे
टिकट
न
टिकट
न
मिलने
के
चलते
वे
निर्दलीय
दावेदार
के
तौर
पर
चुनाव
लड़ने
के
लिये
मैदान
में
उतर
चुके
हैं।
नामांकन
पत्र
भी
उन्होंने
ले
लिया
है
और
संभवतः
एक
दो
दिन
में
नामांकन
भी
करेंगे।
भाजपा
क्या
अपने
इस
वरिष्ठ
नेता
पर
अनुशासनात्मक
कार्रवाई
करेगी
य
अभी
बीच
का
रास्ता
निकालेगी
यह
बड़ा
सवाल
बना
हुआ
है।
बता
दें
कि
अब
तक
दर्जन
भर
भाजपाईयों
ने
नामांकन
पत्र
लेकर
अपनी
ही
पार्टी
के
विरुद्ध
ताल
ठोक
दी
है।
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