यूपी: खचाखच भरे कोर्ट में चला डोनाल्ड ट्रंप और सुषमा स्वराज के खिलाफ मुकदमा
लालगंज तहसील स्थित अदालत में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के खिलाफ प्रकीर्णवाद दाखिल किया गया है।
इलाहाबाद। मुस्लिम देशों के नागरिकों को अमेरिका में प्रवेश पर पाबंदी का मामला इलाहबाद तक पहुंचा। दरअसल, लालगंज तहसील स्थित अदालत में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के खिलाफ प्रकीर्णवाद दाखिल किया गया है। जिसकी सुनवाई भी शुरू कर दी गई है। सिविल जज शिवानंद गुप्ता ने इस केस की प्रारंभिक सुनवाई की। मामले की रोचकता को देखते हुये अधिवक्ताओं के गुट ने मामले की फास्ट ट्रैक कोर्ट के अनुसार सुनवाई की अपील की है। सिविल अदालत में परिवाद की पोषणीयता पर सुनवाई के लिए 17 फरवरी की तिथि मुकर्रर की गई है। ये भी पढ़ें: ISIS के लिए राष्ट्रपति ट्रंप इस्लाम के लिए सबसे बेस्ट
मालूम हो कि ऑल इंडिया रूलर्स बार एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ज्ञान प्रकाश शुक्ल की ओर से परिवाद दायर किया गया। बहस करते हुये दलील दी गई कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा सात मुस्लिम देशों के नागरिकों के अमेरिका में प्रवेश को लेकर पाबंदी का फैसला उचित नहीं है। ये किसी भी दिशा में न्यायोचित नहीं है। इस मामले में भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज द्वारा भी कोई सवाल नहीं किया गया। जबकि भारत की ओर से इस फैसले का विरोध किया जाना चाहिए था। परिवाद में सुषमा स्वराज द्वारा विरोध नहीं करने पर उन्हें भी पक्षकार बनाया गया है। बता दें कि प्रारंभिक बहस के दौरान न्यायालय खचाखच भरा रहा।
याचिकाकर्ता ज्ञान प्रकाश की ओर से अधिवक्ता शहजाद अंसारी व अनिल महेश अधिवक्ता केस को हैंडल कर रहे हैं। बहस में दोनों अधिवक्ताओं ने तर्क दिया कि ट्रंप के इस फैसले के पीछे तृतीय विश्वयुद्ध छेड़े जाने का पूर्व नियोजित आपराधिक आशय लगता है। यह आदेश यदि लागू हुआ तो निश्चित तौर पर विश्व में हालात बिगड़ेंगे। चूंकि ये आदेश सीधे-सीधे मुस्लिम नागरिकों में आहत और विरोधाभास उत्पन्न करेगा। ये भी पढे़ं: राष्ट्रपति ट्रंप की शिक्षा मंत्री ने सवालों के जवाबों के लिए कर डाली नकल