चुनाव आयोग से साइकिल नहीं मिलने पर अखिलेश यादव बना सकते हैं नई पार्टी, मोटर साइकिल होगा चुनाव चिन्ह
अखिलेश यादव और उनके पिता मुलायम सिंह यादव, दोनों को इंतजार है कि चुनाव आयोग किसके पक्ष में फैसला सुनाता है। शुक्रवार को होने वाली बैठक के बाद चुनाव आयोग तय करेगा कि साइकिल चुनाव चिन्ह किसे सौंपा जाए।
नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी में जारी तकरार के बीच यह चर्चा तेज हो गई है कि अगर पारिवारिक विवाद में यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव साइकिल चुनाव चिन्ह गवां देते हैं तो वे मोटरसाइकिल को अपना नया चुनाव चिन्ह बना सकते हैं। पिता के साथ जारी कुर्सी की जंग में अखिलेश ने पार्टी कार्यकर्ताओं को भी भरोसा दिलाया के वे जल्द ही प्रचार अभियान शुरू करेंगे और वे अखिल भारतीय समाजवादी पार्टी का गठन कर सकते हैं।
चुनाव
आयोग
के
फैसले
का
इंतजार
अखिलेश
यादव
और
उनके
पिता
मुलायम
सिंह
यादव,
दोनों
को
इंतजार
है
कि
चुनाव
आयोग
किसके
पक्ष
में
फैसला
सुनाता
है।
शुक्रवार
को
होने
वाली
बैठक
के
बाद
चुनाव
आयोग
तय
करेगा
कि
साइकिल
चुनाव
चिन्ह
किसे
सौंपा
जाए।
चुनाव
आयोग
17
जनवरी
को
नामांकन
प्रक्रिया
शुरू
होने
से
पहले
ही
इस
संबंध
में
आदेश
जारी
करेगा।
अगर
आयोग
साइकिल
चुनाव
चिन्ह
पर
रोक
लगा
देता
है
तो
अखिलेश
और
मुलायम
फिर
से
नए
विकल्प
पर
विचार
करेंगे।
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पेश
करने
की
तारीख
आगे
बढ़ाने
को
लेकर
सुप्रीम
कोर्ट
में
आज
होगी
सुनवाई
पार्टी
कार्यकर्ताओं
से
की
अपील
अगर
चुनाव
आयोग
साइकिल
को
चुनाव
चिन्ह
के
तौर
पर
रद्द
कर
देता
है
तो
वे
लोक
दल
से
गठबंधन
कर
सकते
हैं।
मुलायम
अपने
उम्मीदवारों
को
इसी
पार्टी
के
चुनाव
चिन्ह
पर
मैदान
में
उतार
सकते
हैं।
जबकि
अखिलेश
अखिल
भारतीय
समाजवादी
पार्टी
के
नाम
से
नया
दल
बना
सकते
हैं
और
पार्टी
की
चुनाव
चिन्ह
मोटर
साइकिल
होगा।
पार्टी
कार्यकर्ता
अखिलेश
यादव
से
जल्द
चुनाव
प्रचार
शुरू
करने
की
मांग
कर
रहे
हैं।
उन्होंने
कार्यकर्ताओं
से
कहा
कि
वह
जल्द
ही
अभियान
की
शुरूआत
करेंगे।