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बड़े बदलाव से गुजरते अखिलेश बन सकते हैं विरोधियों के लिए बड़ी चुनौती

अखिलेश यादव ने हाल फिलहाल में जिस तरह से अपनी चुनावी सभाओं में लोगों को अपनी ओर आकर्षित करना शुरु किया है, उसने उन्हें मुखर नेता के रूप में स्थापित किया है।

By Ankur
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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव राजनीति में अब पारंगत नेता के तौर पर खुद को स्थापित करते नजर आ रहे हैं, जिस तरह से पहले उन्होंने अपने परिवार के भीतर चल रहे संग्राम का खुलकर सामना किया और उन तमाम विवादित मुद्दों को खत्म करने में सफलता पाई जिसके लिए विरोधी उनपर निशाना साधते आए हैं। शिवपाल यादव से लेकर तमाम दागी नेताओं को किनारे लगाने का मामला हो या फिर बाहुबलि नेता मुख्तार अंसारी या अतीक अहमद को दूर करने का मुद्दा हो, इन तमाम मुद्दों को अखिलेश ने अपनी कूबत से किनारे लगाया और खुद को सपा के नए नेता के तौर पर स्थापित किया। लेकिन इन सब से इतर जिस तरह से यूपी के चुनावी अभियान में अखिलेश यादव ने अपने बयानों के जरिए विरोधियों के आरोपों पर पलटवार किया है वह भी उन्हें एक नए युवा नेता के तौर पर स्थापित कर रहा है।

गठबंधन को भी बखूबी बचाते हैं अखिलेश

गठबंधन को भी बखूबी बचाते हैं अखिलेश

कांग्रेस के साथ गठबंधन के बाद अखिलेश यादव के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह थी कि वह कांग्रेस पर लगे तमाम आरोपों का कैसे बचाव करेंगे लेकिन तमाम रैलियों में उन्होंने इस गठबंधन को प्रदेश के विकास का गठबंधन करार दिया और इसे देश को बांटने वाली शक्तियों के खिलाफ लड़ने वाले गठबंधन के रूप में सामने रखा। यही नहीं जब कभी प्रेस कांफ्रेंस में राहुल गांधी के साथ उन्होंने मंच साझा किया तो जिन सवालों में राहुल गांधी फंसते नजर आए उनका भी अखिलेश यादव ने बखूबी से जवाब देकर खुद की वाकपटुता को साबित किया है।

पीएम मोदी के समकक्ष पहुंचने की रेस

पीएम मोदी के समकक्ष पहुंचने की रेस

मौजूदा माहौल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सबसे मुखर वक्ता के रूप में जाना जाता है, लेकिन जिस तरह से अपने उपर लगे तमाम आरोपों को अखिलेश यादव ने बेहद ही संजीदगी से जवाब दिया उसने उन्हें एक सशक्त नेता के रूप में स्थापित किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब लखीमपुर की रैली में अखिलेश यादव के काम बोलता है पर हमला बोला और इसे कारनामा बोलता है करार दिया तो अखिलेश यादव ने अपने ही अंदाज में इसपर पलटवार करते हुए कहा कि मन की बात तो कर ली अब बताइए काम की बात कब करेंगे। यही नहीं पीएम मोदी के मेदांता अस्पताल और लखनऊ मेट्रो पर पलटवार का भी अखिलेश यादव ने अपने ही अंदाज में जवाब दिया।

एनओसी दिला दीजिए चलिए घूम आते हैं मेट्रो में

एनओसी दिला दीजिए चलिए घूम आते हैं मेट्रो में

पीएम मोदी ने लखीमपुर की रैली में कहा था कि आईए अखिलेश जी लखनऊ चलते हैं और लखनऊ मेट्रो में घूमकर आते हैं। पीएम मोदी के इस तंज पर पलटवार करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि अगर आप रेलवे से हमे एनओसी दिलवा दें तो जहां चाइए चलिए साथ में मेट्रो घूमते हैं। उन्होंने कहा कि हमने गाजियाबाद, नोएडा में मेट्रो चलाने का काम किया है, आईए चलते हैं वहां घूम आते हैं।

भाजपा वालों का बढ़ने लगा है ब्लड प्रेशर

भाजपा वालों का बढ़ने लगा है ब्लड प्रेशर

वहीं पीएम मोदी के मेदांता अस्पताल पर कसे गए तंज पर भी अखिलेश यादव ने बेहद खास अंदाज में पलटवार करते हुए कहा कि अभी तो यह पहले चरण का मतदान है और आपका ब्लड प्रेशर बढ़ गया है, अभी तो सात चरण तक मतदान होना है, सोचिए आगे के चरणों में आपके नेताओं का ब्लड प्रेशर कितना बढ़ने वाला है। यहां गौर करने वाली बात यह है कि मेदांता अस्पताल अभी भी हकीकत से काफी दूर है, लेकिन जिस तरह से अखिलेश यादव ने इस तंज को दूसरी तरफ मोड़ा और इसे भाजपा की मुश्किल से जोड़ा उसने लोगों को ताली बजाने के लिए मजबूर किया। यूपी में तमाम रैलियों के दौरान अखिलेश यादव अपने भाषण से खूब तालियां बटोर रहे हैं और लोगों के बीच अपने भाषणों को लेकर लोकप्रिय भी हो रहे हैं, बहरहाल देखने वाली बात यह होगी की परिवार में विवाद के बाद अकेले दम पर पार्टी का प्रचार करने का बीड़ा उठाने वाले अखिलेश यादव के लिए यह चुनाव क्या परिणाम लेकर आता है।

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English summary
Akhilesh Yadav an emerging orator to compete with Narendra Modi. He has improved his skills over the period to draw people attention in his rallies.
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