VIDEO: असम में आगरा का लाल शहीद, प्रमोद कुमार को सलाम
असम में आई बाढ़ से पीड़ितों को बचाने में जुटे आगरा के लाल ने सैकड़ों लोगों को मौत के मुंह से बाहर निकाला। इस दौरान हेलीकॉप्टर क्रेश हो जाने से आगरा का लाल शहीद हो गया।
आगरा। जंग का मैदान हो या फिर कोई दैवीय आपदा, मुश्किल हालातों से लड़ने के लिए सेना के जवान हमेशा आगे रहते हैं। असम में आई बाढ़ से पीड़ितों को बचाने में जुटे आगरा के लाल ने सैकड़ों लोगों को मौत के मुंह से बाहर निकाला। इस दौरान हेलीकॉप्टर क्रेश हो जाने से आगरा का लाल शहीद हो गया।
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दूसरों की जान बचाने के दौरान शहीद
बाढ़ में फंसे 169 लोगों की जान बचाने के बाद ताजनगरी का एक वीर सपूत प्रमोद कुमार अरुणाचल प्रदेश में शहीद हो गया। भारतीय वायुसेना का यह जांबाज ऑफिसर सेना के रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल था और अपने वरिष्ठ साथियों के साथ बाढ़ प्रभावित इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने का कार्य कर रहा था। मंगलवार को जब तेजपुर बेस से बचाव दल ने उड़ान भरी तो अचानक हेलीकाप्टर का बेस से संपर्क टूट गया। संपर्क टूटने के बाद वायु सेना ने सर्च ऑपरेशन चलाया तो पता चला कि हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया है।
असम में प्रमोद कुमार का अंतिम संस्कार
हेलीकॉप्टर क्रेश हो जाने से प्रमोद कुमार और उनका एक साथी शहीद हो गया। बेटे के शहीद होने की खबर जैसे ही परिजनों को मिली, पूरे परिवार में कोहराम मच गया। वहीं नालंदा टाउन में भी शोक की लहर दौड़ पड़ी। घटना की जानकारी होते ही परिजन भी तुरंत असम के लिए रवाना हो गए। पड़ोस के लोग उनके परिवार की बहादुरी के चर्चे कर रहे थे। असम में ही रविवार को सैन्य सम्मान के साथ इस युवा पायलट फ्लाइट लेफ्टिनेंट ऑफिसर प्रमोद कुमार का अंतिम संस्कार कर दिया गया।
अंतिम संस्कार में पत्नी स्कॉड्रन लीडर अदिति संग परिजन मौजूद
इस अंतिम संस्कार में उनका पूरा परिवार और पत्नी स्क्वॉड्रन लीडर अदिति सिंह मौजूद रहीं लेकिन इस घटना के बाद नालंदा टाउन का हर परिवार शोक में डूबा हुआ है और शहीद के परिवार के आने का इंतजार कर रहा है। पीड़ित परिवार के करीबियों ने बताया कि प्रमोद कुमार बचपन से ही होनहार था और सेना में जाकर देश की सेवा करने की इच्छा भी उसे बचपन से ही थी। इसी इच्छा के चलते उसने एनडीए टेस्ट पास कर 18 साल की उम्र में ही वायु सेना ज्वाइन कर ली थी।
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3 साल पहले मिली थी पोस्टिंग
3 साल पहले ही उसे पोस्टिंग मिली थी और वह फ्लाइट लेफ्टिनेंट के पद पर तैनात हुआ था। शहीद के पिता रामनिवास के दो पुत्र हैं, पिता रामनिवास खुद भी सेना से रिटायर हैं। दोनों बेटे देश की सेवा में थे। बड़ा बेटा प्रवीण कुमार आर्मी में मेजर हैं। बड़े बेटे की पत्नी रिया आर्मी स्कूल में शिक्षक हैं। रामनिवास फिलहाल इसी स्कूल में सेवा दे रहे हैं। परिवार के करीबी बताते हैं कि इस घटना से उनका परिवार पूरी तरह से टूट गया है। उनका कहना था कि एक जवान के लिए इससे बड़ा सम्मान कोई नहीं हो सकता कि वह अपने देश की सेवा करते हुए और देशवासियों को मुश्किल से बचाते हुए अपनी शहादत दे दें।
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