काले धन पर सर्जिकल स्ट्राइक के बाद PM गरीब कल्याण योजना में शुरू हुई रिकवरी,2 करोड़ से ज्यादा सरेंडर
रिकवरी के तौर पर शुरू हुई इस कार्रवाई के बाद एक बार फिर कालेधन वालों की जान सांसत में है क्योंकि बैंकों में नोटबंदी के बाद जमा हुए पैसे पर आयकर विभाग ने डाटा तैयार किया है और ये रिकवरी शुरू की गई है।
इलाहाबाद। पीएम मोदी की कालेधन पर सर्जिकल स्ट्राइक के बाद अब प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत रिकवरी शुरू कर दी गई है। आयकर विभाग की छापेमारी के बाद इलाहाबाद में ओमारा ज्वैलर्स ने सवा 2 करोड़ रुपए सरेंडर किया है। सबसे अहम बात ये होगी की इस सरेंडर राशि का 49.5 प्रतिशत टैक्स जमा होगा जबकि 25 प्रतिशत रकम चार साल के लिए बैंक में बंधक रहेगी।
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रिकवरी के तौर पर शुरू हुई इस कार्रवाई के बाद एक बार फिर कालेधन वालों की जान सांसत में है क्योंकि बैंकों में नोटबंदी के बाद जमा हुए पैसे पर आयकर ने डाटा तैयार किया है और अब उसी डाटा के आधार पर ही ये रिकवरी शुरू की गई है।
मोटी रकम पर नजर
अपने बयान में पीएम मोदी ने कहा था कि कालाधन वालों को किसी भी कीमत पर छोडेंगे नहीं और सबका डाटा तैयार हो रहा है। ऐसे में नोटबंदी के दौरान पांच सौ और हजार के नोट में मोटी रकम बैंक खातों में जमा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की शुरुआत इलाहाबाद के ओमारा ज्वैलर्स से हुई है।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत ओमारा ज्वैलर्स के मालिक ने करीब सवा करोड़ रुपए सरेंडर किए हैं। आयकर विभाग के सर्वे में नोटबंदी के दौरान की गई बिक्री में शोरूम के मालिक इस रकम का हिसाब नहीं दे सके थे। अब शोरूम मालिक को इस रकम का 49.5 प्रतिशत टैक्स जमा करना होगा जो लगभग एक करोड़ रूपए होगा।
रात भर चली कार्रवाई
इलाहाबाद के सिविल लाइंस में स्ट्रेची रोड स्थित ओमारा ज्वैलर्स और उनके बहुगुणा मार्केट के पास स्थित आवास पर एक साथ आयकर विभाग ने छापेमारी की। पूरी रात सर्वे का काम नॉन स्टॉप चलता रहा। सुबह आठ बजे तक टीम ने एक-एक रिकॉर्ड खंगाला। आठ नवंबर से शोरूम से हुई बिक्री में हीरे, सोने की काफी ज्वैलरी, पांच सौ और हजार के नोट में बिना पक्की रसीदों के बेची गई थी। आयकर ने शोरूम और आवास से ऐसे सारे संदिग्ध दस्तावेज जब्त कर लिए हैं।
सवा 2 करोड़ कहां से आए?
नोटबंदी के बाद सवा 2 करोड़ रुपए बड़े नोटों में कहां से और कैसे आए इसका हिसाब और जवाब न शोरूम मालिक के पास था न दस्तावेजों में। विभाग ने सवा 2 करोड़ की इस रकम को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत सरेंडर कर दिया। आयकर के सहायक निदेशक अभय सिंह ने बताया कि डाटा तैयार है और पूरे देश में इसी तरह से कार्रवाई होगी।
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