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12 घंटे तक डॉक्टर के आगे गिड़गिड़ाते रहे परिजन, नहीं मिला इलाज, मौत

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सुल्तानपुर। यूपी में सुल्तानपुर के जिला अस्पताल में भर्ती एक महिला को खून की जरूरत थी। 12 घंटों तक महिला के परिजन डाक्टरों के आगे गिड़गिड़ाते रहे। लेकिन पत्थर दिल डाक्टर और हास्पिटल प्रशासकों ने एक न सुनी। महिला का न ही टेस्ट हुआ न ही बल्ड मिला। आखिर में महिला ने दम तोड़ दिया। अब अधिकारी जांच कर कार्रवाई की बात कर रहे हैं।

प्लेटलेट्स की थी कमी

प्लेटलेट्स की थी कमी

जानकारी के अनुसार कादीपुर कोतवाल के कस्बा निवासी कमरुद्दीन की पत्नी हदिसुंनिसा 45 की मंगलवार दोपहर एकाएक स्वास्थ्य बिगड़ गया। परिजन आनन-फानन में उसे लेकर शाहगंज के एक निजी हास्पिटल में पहुंचे। जहां डाक्टर ने महिला का ब्लड चेकअप कराया तो उसका प्लेटलेट्स डाउन था। डाक्टर ने परिजनों को तत्काल ब्लड अरेंज करने के लिए कहा। तब परिजन उसे लेकर डिस्ट्रिक्ट हास्पिटल सुल्तानपुर आ गए। यहां फिजिशियन डा. एस.के. सेंगर ने निजी हास्पिटल की रिपोर्ट को मानने से इंकार कर दिया और नए सिरे से हास्पिटल में टेस्ट का पर्चा लिख दिया।

मुंह चिढ़ाता 24 घंटे इमरजेंसी सेवा का बोर्ड

मुंह चिढ़ाता 24 घंटे इमरजेंसी सेवा का बोर्ड

शाम से लेकर सुबह हो गई, पेशेंट के सीरियस होने के बावजूद भी उसका ब्लड टेस्ट नहीं हो सका क्योंकि अस्पताल का पैथोलॉजी बंद था। जबकि वहां की दीवारों पर साफ साफ लिखा है कि पैथालॉजी सेवा 24 घंटे उपलब्ध है। इस बीच तड़के 3 बजे के आसपास हदिसुंनिसा की तबियत बिगड़ गई। पति कमरुद्दीन और भतीजे अब्दुल हक का आरोप है कि वार्ड बाय से लेकर फार्मेसिस्ट वीके बरनवाल से कई बार बताया गया कि मरीज की हालत काफी गंभीर है डॉक्टर को इन्फार्म कर दें। लेकिन इमरजेंसी ड्यूटी कर रहे डा. पीएन यादव स्टाफ रूम में आराम फ़रमाते रहे। उधर हदिसुंनिसा दर्द से चीख रही थी।

गर्दन फंसती देख किया लखनऊ रिफर

गर्दन फंसती देख किया लखनऊ रिफर

सुबह होते भतीजे अब्दुल हक़ ने एक लाइन से सीएमएस, सीएमओ और सीडीओ से इलाज में बरती जा रही लापरवाही की गुहार लगाई। जहां सीएमएस डा. योगेंद्र यती ने तो फोन उठाना ही मुनासिब नहीं समझा जबकि सीएमओ ने सीएमएस से शिकायत की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया। इस बीच सुबह क़रीब 8:30 फिजिशियन डा. एसके सेंगर इमरजेंसी रूम में पहुंचे। खुद अपनी और हास्पिटल प्रशासकों की गर्दन फंसती देख उन्होंने महिला को लखनऊ मेडिकल कालेज रिफर कर दिया। लेकिन ट्रीटमेंट में घोर लापरवाही के चलते डा. के हटते ही महिला ने दम तोड़ दिया। अब परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है।

सीडीओ बोले संवेदनशील है मामला

सीडीओ बोले संवेदनशील है मामला

फिलहाल इस मामले पर सीडीओ रामयज्ञ मिश्रा से जब बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि मामला उनके संज्ञान में है। मामला काफी संवेदनशील और लापरवाही बरतने का है। लेकिन आज हम किसान दिवस में ड्यूटी पर है, समय मिलते ही जांच कर कार्रवाई की जाएगी।

English summary
a woman died in sultanpur district hospital due to lack of mediacal facility
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