अखिलेश अकेले नहीं है, ये विदेशी टीम कर रही है सपा की जीत की तैयारी
जार्डिंग की टीम उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों का दौरा कर गांववालों का अखिलेश के प्रति विश्वास बढ़ा रही है। टीम के मुताबिक, पीएम मोदी गांव के लोगों को सत्ता संभालने के बाद से ही मुर्ख बना रहे हैं।
उत्तर प्रदेश। यूपी विधानसभा चुनावों पर पूरे भारत की नजर है इसका सबसे बड़ा कारण है यादव परिवार में लंबे समय से चली आ रही अतंर्कलह। उधर, चुनाव आयोग ने भी चुनावों की तारीख तय कर दी है। लेकिन समाजवादी पार्टी में चल रहा कलेश खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है। वहीं, अखिलेश और चाचा शिवपाल एक दूसरे का एक आंख नहीं भा रहे हैं। लेकिन अखिलेश की जिद के पीछे वो अकेले नहीं है दरअसल हार्वड कैनेडी स्कूल में पब्लिक पॉलिसी के प्रोफेसर स्टीव जॉर्डिंग अखिलेश की रणनीति तैयार करने में लगे हुए हैं।
आपको बता दें कि जॉर्डिंग, अखिलेश को अगस्त 2016 से ही इस बारें में राय देते आ रहे हैं। जॉर्डिंग लखनऊ में पांच बार आ चुके हैं और इसी दौरान मुख्यमंत्री अखिलेश सिंह के साथ एटा भी गए। जॉर्डिंग विश्व के जाने माने राजनैतिक परामर्शदाता है। इन्होंने बंग्लादेश की पीएम शेख हसीना को भी राजनैतिक तौर पर राय दी थी। वहीं, जॉर्डिंग के इस काम को एडवेट विक्रम सिंह संभाल रहे हैं। ये भी पढ़े: यूपी में चुनाव आचार संहिता को ताक पर रखकर 'अखिलेश लैपटॉप' का वितरण
1.
चुनौतियां
जार्डिंग
की
टीम
उत्तर
प्रदेश
के
ग्रामीण
इलाकों
का
दौरा
कर
गांववालों
का
अखिलेश
के
प्रति
विश्वास
बढ़ा
रही
है।
टीम
के
मुताबिक,
पीएम
मोदी
गांव
के
लोगों
को
सत्ता
संभालने
के
बाद
से
ही
मुर्ख
बना
रहे
हैं।
दरअसल,
टीम
के
लिए
सबसे
बड़ी
चुनौती
ये
थी
कि
कैसे
युवको
को
अखिलेश
के
प्रति
विश्वासी
बनाया
जाए।
2.
अखिलेश
के
विदेशी
राजदूत
जॉर्डिंग
की
टीम
ने
राज्य
के
सभी
मतदान
केंद्रों
की
गिनती
की
जिनकी
संख्या
लाखों
से
भी
उपर
जा
रही
है।
बता
दें
कि
टीम
के
मुताबिक,
इन
मतदान
केंद्रों
को
जाति
के
आधार
पर
दस
भागो
में
बांटा
गया
है।
इसमें
पिछले
चुनावी
माहौल,
जनसांख्यिकी
और
समाजवादी
पार्टी
के
कितने
केडर
थे
,
इन
सबका
ध्यान
रखा
गया
है।
वहीं,
हर
मतदान
केंद्र
के
लिए
एक
रणनीति
तैयार
की
गई
और
पूरे
राज्य
से
पार्टी
कार्यकर्ताओं
को
इकठ्ठा
किया
गया
है।
बता
दें
कि
जनवरी
के
अंत
तक
इस
टीम
का
पार्टी
के
लिए
30
लाख
कार्यकर्ता
जुटाने
का
लक्ष्य
है।
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यूपी
विधानसभा
चुनाव
2017:
पहली
बार
में
तीन
चरणों
के
उम्मीदवारों
की
लिस्ट
जारी
करेगी
बीजेपी
3.
निरंतर
अप्रत्यक्ष
अभियान
जार्डिंग
की
पूरी
टीम
स्मार्टफोन
से
जुड़कर
काम
कर
रही
है
और
देश
में
लागू
हुई
मुख्य
योजनाओं
पर
भी
काम
कर
रही
है।
बता
दें
कि
योजना
प्रमुख
की
पर्याप्त
जांच
टीम
ने
नवंबर
2016
में
ही
कर
ली
थी।
जिसका
सारा
काम
वाट्सअप,
एसएमएस
और
आइवीआर
कॉल्स
की
जरिए
किया
गया
था।
ये
टीम
अप्रत्यक्ष
तौर
पर
पार्टी
की
कार्यसंरचना
पूरी
तरह
से
बदल
चुकी
है।
सूत्रों
के
मुताबिक,
यूपी
सरकार
ने
एक
फीडबैक
प्रणाली
को
बनाया
है
जहां
सरकार
जनता
से
योजनाओं
पर
सीधे
बात
कर
रही
है।
4.
चुनाव
चिन्ह
राज्य-व्यापी
संचार
नेटवर्क
जो
अखिलेश
को
एक
आत्मविश्वास
देता
है
और
उन्हें
इन
चुनावों
में
जीत
दिला
सकता
है।
सूत्रों
के
मुताबिक,
अखिलेश
मोटरसाइकिल
चुनाव
चिंह
लेने
के
लिए
उत्सुक
है।
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जिस
चाचा
के
घर
पले-बढ़े
उसी
के
खिलाफ
हो
गए
अखिलेश-
अमर
सिंह
5.
प्रतिद्वन्दी
प्रबंधन
टीम
ने
पार्टी
को
टिकट
बंटवारे
की
खरीद-फरोख्त
से
दूर
रखा
और
हर
विधानसभा
के
लिए
अच्छा
उम्मीदवार
तलाशती
रही
है।
बता
दें
कि
टीम
द्वारा
सुझाएं
गए
कुछ
उम्मीदवारों
को
अखिलेश
ने
नकारा
भी
था।
लेकिन
जो
सबसे
अहम
बात
है
वो
ये
है
कि
टीम
विपक्ष
की
रणनीति
को
भी
ध्यान
में
रखकर
चल
रही
है।
बता
दें
कि
हर
विधानसभा
क्षेत्र
में
भाजपा
20
से
40
दावेदार
पेश
कर
रही
है।
वहीं
भाजपा
को
एसपी
का
मुख्य
विपक्ष
मानते
हुए
टीम
लोगों
में
भाजपा
के
प्रति
नकारात्मक
सोच
को
डाल
रही
है।