यूपी चुनाव से पहले पीके कर रहे हैं कांग्रेस को टाटा कहने की तैयारी
उत्तर प्रदेश चुनाव से पहले पीके ने शुरु कर दिया है अपना बोरिया बिस्तर बांधना। कई दिनों से प्रदेश के पार्टी कार्यालय नहीं पहुंचे प्रशांत किशोर।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश चुनाव के लिए जिस तरह से प्रशांत किशोर अपनी रणनीतियां बना रहे थे वह पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं को रास नहीं आ रहा था, जिसके चलते अब वह कांग्रेस पार्टी की ओर से दी गई जिम्मेदारी से मुक्त होना चाहते हैं।
यूपी
चुनाव-
नोटबंदी
ने
चाय
पिलाना
किया
मुश्किल,
चुनाव
प्रचार
की
बंद
दुकान
बोरिया-बिस्तर
बांधने
की
तैयारी
शुरु
पार्टी
के
नेताओं
के
गले
से
नहीं
उतर
रहा
था,
यही
नहीं
हाल
फिलहाल
में
यूपी
में
पीके
कुछ
खास
भी
नहीं
कर
सके
जिसके
बाद
कयास
लगाए
जा
रहे
हैं
कि
वह
अब
अपना
बोरिया-बिस्तर
बांधने
लगे
हैं।
तमाम
रणनीति
बनाई
थी
पीके
ने
पीके
ने
ही
राहुल
गांधी
की
यूपी
यात्रा
के
दौरान
खाट
सभा
की
पटकथा
लिखी
थी,
उन्होंने
ही
राहुल
गांधी
को
लोगों
से
संवाद
के
दौरान
रैंप
पर
वॉक
करने
की
योजना
बनाई
थी।
कांग्रेस
से
गठबंधन
हुआ
तो
300
से
अधिक
सीटें
जीतेंगे-
अखिलेश
यादव
नेताओं
को
देते
थे
निर्देश
पीके
अपनी
रणनीतियों
के
चलते
यूपी
कांग्रेस
के
संगठन
पर
भारी
पड़ने
लगे
थे,
लोगों
के
बीच
यह
धारणा
बनने
लगी
थी
कि
राहुल
गांधी
के
बाद
पीके
ही
दूसरे
नंबर
के
नेता
है।
पीके
लोगों
को
अलग-अलग
टास्क
देते
थे
जो
लोगों
को
अखरने
लगा
था।
पार्टी
के
नेताओं
और
पीके
बीच
तनातनी
इस
कदर
बढ़
गई
थी
कि
लोग
इसकी
शिकायतें
पार्टी
के
आला
कमान
से
करने
लगे
थे।
यही
नहीं
हाल
ही
में
कांग्रेस
छोड़
भाजपा
में
शामिल
होने
वाली
शीला
दीक्षित
ने
आरोप
लगाया
था
कि
पीके
हमें
उठने-बैठने
तक
के
निर्देश
देते
थे।
कार्यालय
नहीं
आते
हैं
पीके
यूपी
कांग्रेस
मीडिया
के
इंचार्ज
सत्यदेव
त्रिपाठी
का
कहना
है
कि
पीके
के
जाने
की
कोई
भी
आधिकारिक
सूचना
नहीं
है.
लेकिन
उन्होंने
इस
बात
को
स्वीकार
किया
है
कि
काफी
दिनों
से
पीके
दिखाई
नहीं
दे
रहे
हैं।
पीके
अपने
कार्यालय
में
भी
नहीं
आते
हैं।