वो 12 दिन जिनमें बिखर गया समाजवादी पार्टी का 'मुलायम समाजवाद'
समाजवादी पार्टी में मची कलह को क्या मुलायम सिंह यादव थाम पाएंगे, या फिर अखिलेश और शिवपाल दोनों उनकी बातों को नकार देंगे।
लखनऊ। समाजवादी पार्टी का 'मुलायम समाजवाद' धीरे-धीरे बिखरने लगा है। भले ही मंच पर मुलायम अपने भाई शिवपाल यादव और बेटे अखिलेश यादव को गले मिलवा दें। पर दोनों के दिल कब मिलेंगे, ये कोई नहीं बता सकता। जानिए उन 12 दिनों के बारे में जिसमें समाजवादी पार्टी की साख को बट्टा लग गया।
25 जून , 2016- उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की पार्टी कौमी एकता दल के विलय को समाजवादी पार्टी में मिलाने से मना किया।
13 सितंबर, 2016-मुलायम सिंह यादव ने शिवपाल यादव को समाजवादी पार्टी का उत्तर प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया। तो अखिलेश ने उसी दिन शिवपाल यादव से उत्तर प्रदेश सरकार के प्रमुख विभाग वापस लिए। साथ ही गायत्री प्रजापति और राजकिशोर को कैबिनेट से बाहर का रास्ता दिखाया।
15 सितंबर, 2016-उत्तर प्रदेश सरकार के महत्वपूर्ण विभाग लिए जाने के बाद शिवपाल यादव ने इस्तीफे की पेशकश की। मुलायम सिंह यादव और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शिवपाल का इस्तीफा स्वीकार करने से मना किया।
अखिलेश के बगावती तेवर थामने के लिए शिवपाल, मुलायम को याद आया महागठबंधन
16 सितंबर, 2016- सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष शिवपाल यादव से मुलाकता की। बाद में उन्होंने कहा कि पार्टी में कोई मतभेद नहीं है और समाजवादी पार्टी एक परिवार है।
17 सितंबर, 2016- अखिलेश यादव ने कहा कि पार्टी में कोई मतभेद नहीं है। शिवपाल यादव को उनके पोर्टफोलियो वापस सौंपे गए।
19 सितंबर, 2016-समाजवादी पार्टी का प्रदेशाध्यक्ष बनते ही शिवपाल यादव ने अखिलेश के खास माने जाने वाले सात लोगों को पार्टी से बाहर निकाला। इसमें रामगोपाल यादव के भतीजे अरविंद सिंह यादव और कैबिनेट मंत्री अरविंद सिंह गोप समेत अन्य लोग शामिल थे। कई सालों से पार्टी के प्रवक्ता रहे राजेंद्र चौधरी को प्रवक्ता पद से भी हटाया।
20 सितंबर, 2016-समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद अमर सिंह को पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव नियुक्त किया गया।
रोते हुए अखिलेश ने जमकर निकाली भड़ास, बोले जो आप कहेंगे वो करुंगा
26 सितंबर, 2016-समाजवादी पार्टी में बढते गतिरोध के बीच मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गायत्री प्रजापति को फिर से मंत्रिमंडल में शामिल किया। साथ ही आगामी चुनावों को ध्यान में रखते हुए तीन ब्राह्मण चेहरों को कैबिनेट में जगह दी। इसमें सबसे खास अखिलेश ने नजदीक माने जाने वाले अभिषेक मिश्रा को भी मंत्रिमंडल में जगह मिली।
6 अक्टूबर, 2016-मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की असहमति के बाजवूद कौमी एकता दल का विलय समाजवादी पार्टी में कर लिया गया।
19 अक्टूबर, 2016-इसी बीच 5 नवंबर को समाजवादी पार्टी का रजंत जयंती समारोह आयोजित किया जाना घोषित हुआ तो अखिलेश ने 3 नवंबर से अपना समाजवादी विकास रथ यात्रा को शुरू करने का फैसला किया। राजनीतिक गलियारों में खबर फैल गई कि समाजवादी पार्टी के रजंत जयंती समारोह में अखिलेश मौजूद नहीं रहेंगे। समाजवादी पार्टी में कलह ऊपरी तौर पर सामने आई। समाजवादी विकास रथ यात्रा शुरू करने के बावत कैबिनेट मंत्री राजेंद्र चौधरी ने बाकायदा मुख्यमंत्री के हस्ताक्षर वाला प्रेस नोट मीडिया में जारी किया।
मंच पर भिड़े अखिलेश और शिवपाल, सुरक्षाकर्मियों ने किया बीच-बचाव
23 अक्टूबर, 2016-मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शिवपाल यादव, नारद राय समेत चार कैबिनेट मंत्रियों को बाहर का रास्ता दिखाया। तो शिवपाल ने अखिलेश के खास समाजवादी पार्टी के महासचिव रामगोपाल यादव को छह साल के लिए पार्टी से निकाला।
24 अक्टूबर, 2016-मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, समाजवादी पार्टी के उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव और समाजवादी पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने खुले पार्टी कार्यालय में विधायकों और अन्य नेताओं के बीच अपनी बात रखी। अखिलेश और शिवपाल ने जहां खुलकर एक-दूसरे पर अपनी भड़ास निकाली तो वहीं मुलायम ने शिवपाल का पक्ष लिया और अमर सिंह को अपना भाई बता दिया। इस बीच मुलायम ने अखिलेश को नसीहत भी दी। वहीं अखिलेश समर्थकों ने शिवपाल यादव के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। मुलायम ने अखिलेश और शिवपाल को गले मिलवाया और दोनों को उनका काम सौंपा। तो मंच पर अखिलेश और शिवपाल के बीच दिखने लगी तनातनी।
मुलायम ने जमकर अखिलेश को लगाई लताड़, अंसारी-शिवपाल का किया बचाव