मोदी की योजना को पलीता लगा रहे कालेधन के ये कुबेर
हर रोज आयकर विभाग के छापों में देश के अलग-अलग हिस्सों से बड़ी मात्रा में करेंसी जब्त हो रही है। वहीं बैंक के सामने खड़े व्यक्ति को पूरे दिन लाइन में लगकर भी पैसा नहीं मिल रहा है।
नई दिल्ली। नोटबंदी के ऐलान को 35 दिन हो चुके हैं लेकिन बैंकों के सामने लाइनें जस की तस हैं। हालात ऐसे हैं कि अभी भी कोई बैंक चार तो कोई छह हजार से ज्यादा कैश देने को तैयार नहीं है लेकिन पिछले एक हफ्ते में आयकर विभाग ने जिस तरह से नई करेंसी जब्त की है, उससे लगता है कि कैश से कुछ लोगों की तिजोरियां भरी पड़ी हैं। जिस तरह से कुछ लोगों के पास रकम पकड़ी जा रही है, उससे मोदी की योजना को भी पलीता लग रहा है।
कुछ खास लोगों तक कैसे पहुंच रही है नई करेंसी?
पिछले एक हफ्ते में जो बड़ी रकम जब्त की गई हैं, उनके बारे में हम आपको बता रहे हैं। पुलिस ने आज (मंगलवार) गुजरात के वडोदरा में एक घर से 19.67 लाख रुपए की रकम जब्त की है। इस रकम में 13 लाख रुपए नई करेंसी के रूप में थे।
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दूसरी तरफ मध्य प्रदेश के बालाघाट में पुलिस ने दो लोगों को 15.40 लाख रुपए की रकम के साथ गिरफ्तार किया है। इनमें 14.40 लाख रुपए की रकम 2000 के नोटों में है।
आरबीआई के स्पेशल असिस्टेंट से पकड़े 1.5 करोड़
नए नोटों की कालाबाजारी में सिर्फ व्यापारी और नेताओं के ही नाम सामने नहीं आ रहे हैं बल्कि आरबीआई के अफसर तक इसमें पकड़े जा रहे हैं।
गुजरात में एक घर से मिले 13 लाख रुपए के नए नोट
मंगलवार को ही हुई छापेमारी की बात की जाए तो बंगलुरु में सीबीआई ने आरबीआई के ही एक अधिकारी को 1.5 करोड़ की नई करेंसी के साथ गिरफ्तार किया है। कर्नाटक में भी ईडी ने सात दलालों से 93 लाख बरामद किए हैं।
चुनौती बनी हुई है नए नोटों की कालाबाजारी
सोमवार (12 दिसंबर) को दिल्ली में ही कई जगह आयकर विभाग और क्राइम ब्रांच को बड़ी हेराफेरी होने के सुबूत मिले। बड़ी तादाद में रकम भी जब्त की गई।
दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने अपने छापों में 2.6 करोड़ की नकदी बरामद की। नकदी में नई करेंसी का मिलना ना सिर्फ आयकर विभाग बल्कि आरबीआई के लिए भी चुनौती बना है।
कहीं 'नो कैश' का बोर्ड, कहीं तिजोरियां फुल?
आमजन अपना काम छोड़कर पूरे दिन लाइन में खड़ा होकर कुछ हजार रुपये नहीं निकाल पा रहा है, तो कैसे कुछ खास लोगों की तिजौरियों में रकम पहुंच रही है। ये सवाल जनता को परेशान कर रहा है।
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कई मामलों में बैंक के कर्मचारियों की भी मिलीभगत का मामला सामने आया है। राजस्थान में बीते हफ्ते 1.5 करोड़ की करेंसी पकड़ी गई। जबकि राज्य में दूर-दराज के कई इलाके ऐसे हैं, जहां लोगों को अभी गिनती के नए नोट ही मिल पाए हैं।
सोना व्यापारी भी हैं खेल में शामिल?
8 नवंबर को नोटबंदी के ऐलान के बाद सोने की बिक्री में रिकॉर्ड उछाल आया था। 8 नवंबर की रात को सोने के भाव कई हजार रुपये प्रति दस ग्राम तक बढ़ गए थे।
ऐये में सोना व्यापारी भी आयकर विभाग की रडार पर हैं। चेन्नई में बीते हफ्ते 70 करोड़ रुपये की नकदी ज्वैलर्स के यहां से पकड़ी गई थी।
नेता भी करेंसी की कालाबाजारी में अव्वल
नोटबंदी के बाद विपक्ष की पार्टियों के साथ-साथ भाजपा की सहयोगी पार्टियां भी इसके विरोध में दिखी हैं लेकिन भाजपा नेताओं ने इसका जोरदार समर्थन किया है। इस सबके बावजूद नई करेंसी के हेरफेर में भाजपा नेता भी किसी से कम नहीं रहे हैं।
कई भाजपा नेताओं के यहां छापे लगे हैं और नई करेंसी बड़ी तादाद में बरामद भी हुई है। अलग-अलग राज्यों में भाजपा नेताओं के यहां छापों में रकम मिलने से पार्टी की किरकिरी भी हुई। कई दूसरे दलों के नेताओं से रकम बरामद हुई है।
35 दिन के बाद भी आम जनता को मिल रही निराशा
प्रधानमंत्री मोदी ने देश से 50 दिन का समय मांगा है लेकिन 35 दिन बीत जाने के बावजूद हालात बद से बदतर हैं। एक तरफ लोग लाइनों में दम तोड़ रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ मंदी के चलते नौकरियां जा रही हैं।
इसके बावजूद लगातार कालाबाजारी चरम पर है और नए नोटों के अदला-बदली में जमकर धांधली हो रही है। इसके सबूत लगातार छापों में मिल रही है।